अमेठी: कोरोना का प्रकोप अब उत्तर प्रदेश के गांवों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. अब इसके खौफ से गांव वाले दहशत के साये में जी रहे हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के जगदीशपुर विकासखंड के हारीमऊ गांव के लोगों का भी ऐसा ही हाल है. गांव में एक महीने के दौरान 20 लोगों की मौत हो गई. इतनी बड़ी संख्या में मौत ने गांव वालों की नींद उड़ा कर रख दी. मामला जब मीडिया में आया तब कहीं जाकर स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी. हारीमऊ गांव पहुंचे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव वालों के बीच दवाईयां बांटी. गांव में हुई मौतों के बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ये स्वाभाविक मौत ही हैं.
जानिए पूरा मामला
अमेठी जिला कभी गांधी परिवार की वजह से सुर्खियां बटोरता है तो कभी स्मृति ईरानी की वजह से सुर्खियों में छाया रहता है. इस बार यह जिला कोरोना महामारी को लेकर चर्चा में है. जिले के जगदीशपुर विकासखंड के हारीमऊ गांव में पिछले एक महीने के दौरान 20 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. मौत का कारण लोगों की समझ में नहीं आ रहा है. गांव वालों का कहना है कि एक-एक परिवार में तीन-तीन लोगों की मौत हो चुकी है. गांव का एक शख्स दिल्ली से लौटा था और जब उसकी तबीयत खराब हुई तब वह अस्पताल इलाज कराने गया. अस्पताल से लौटने के बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद गांव में मौत का सिलसिला शुरू हुआ जो कि थम नहीं रहा. गांव वाले इतने खौफजदा हैं कि गांव की गलियां सूनी पड़ गई हैं. चारों तरफ केवल सन्नाटा पसरा है. कोई भी शख्स अपने घर से बाहर नहीं निकल रहा.
दहशत में गांव वाले
हारीमऊ ग्रामसभा के निवर्तमान प्रधान मोतीलाल की मानें तो गांव में हुई 20 मौतों के बाद सभी गांव वाले दहशत में हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गांव में आई थी लेकिन वह भी मौत की वजह नहीं बता पाई. गांव में न तो किसी की सैंपलिंग की गई और न ही सैनिटाइजेशन कराया गया है. स्वास्थ्य विभाग के लोग गांव में आते हैं और दवा देकर चले जाते हैं. अभी भी गांव में कुछ लोग बीमार हैं जो अपने घरों में ही हैं.
सीएमओ ने झाड़ा पल्ला
इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि गांव में मौतें होने की जानकारी मिलते ही टीम को भेजा गया था. गांव वालों को दवाईयां दी गई हैं. कुछ लोग आइसोलेट हैं. वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीणों को स्वास्थ्य केंद्रों पर आना होगा, गांव में वैक्सीनेशन नहीं किया जा सकता है. ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य विभाग के लचर रवैए के कारण असंतोष है. स्वास्थ्य महकमा अगर इसी तरह ग्रामीण इलाकों के प्रति उदासीन बना रहा तो बड़े पैमाने पर महामारी फैलने का अंदेशा है और उस पर काबू पाना सरकार के लिए भी इतना आसान नहीं होगा.
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