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Pollution In Ambedkarnagar:12 से ज्यादा गांव की आबादी प्रदूषण से परेशान, सरकार ने डीएम और सीएमओ से मांगी रिपोर्ट

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Published : Mar 9, 2023, 8:01 PM IST

अम्बेडकरनगर
अम्बेडकरनगर

अम्बेडकरनगर के 12 से ज्यादा गांव की आबादी प्रदूषण की मार से कराह रही है. प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. विधानसभा में प्रदूषण का मुद्दा उठाए जाने पर सरकार ने डीएम और सीएमओ से रिपोर्ट मांगी थी. लेकिन अभी तक इस पर कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है.

अम्बेडकरनगर: तेज हवाओं के साथ वायुमंडल में उठते राख और धूल के गुबार से हजारों परिवारों की जिंदगियां तबाह हो रही हैं. जिले में स्थित एनटीपीसी से निकली राख और अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री से निकली धूल से दर्जनों गांव के लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. प्रदूषण की मार से न केवल इंसान परेशान हैं बल्कि इसका असर जानवरों और फसलों पर भी पड़ रहा है. जिले में हो रहे प्रदूषण का मुद्दा जब विधानसभा में उठा तो सरकार ने सीएमओ और जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी. लेकिन अभी तक उसका कोई असर दिखाई नहीं दिया है. सीएमओ ने अभी तक इस पर रिपोर्ट नहीं दाखिल नहीं की है.

एनटीपीसी से निकलने वाली राख और अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाली डस्ट लोगों के लिए मुसीबत बन रही है. तेज हवाओं के साथ राख और धूल ऐसी उड़ती है कि सांस लेना तो दूर लोगों का देखना भी मुशिकल हो जाता है. जिले में ये दोनों ही फैक्ट्रियां एक दूसरे के करीब हैं. जब हवा चलती है तो आस-पास के इलाकों में धूल की चादर छा जाती है. हुंसेपुर, राजौर, हकीमपुर, सुधाना सहित एक 12 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पर इसका प्रभाव अधिक होता है. प्रदूषण का आलम यह है कि घर के बाहर लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है.

ग्रामीणों का कहना है कि जब तेज हवाएं चलती हैं तो इतना राख और धूल उड़ता है कि आंखों में जलन होने लगती है. सांस लेने में भी दिक्कत होती है. छतों पर कपड़े सुखाते हैं तो उन पर धूल जम जाती है और तो और फसलें बर्बाद हो जाती हैं. अभी हाल ही में प्रदूषण के इस मुद्दे को स्थानीय विधायक लालजी वर्मा ने सदन में भी उठाया था. जिस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सीएमओ और जिलामजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांग कर कार्रवाई होगी. इस बारे में सीएमओ श्रीकांत शर्मा का कहना है कि अधीक्षक टांडा को सर्वे कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

एनटीपीसी के महाप्रबन्धक अनुरक्षण एवं प्रचालन कृष्णेन्दु गंगोपाध्याय का कहना है कि यह एक पावर प्लांट है, जिसमें राख आती है. इसे हम सावधनी पूर्वक एकत्रित करते हैं. ऐश डैक से ऐश (राख) उड़ने की संभावना रहती है. जिससे आसपास के क्षेत्रों में दिक्कत होती है. हम एक भारत रत्न कंपनी हैं और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी है. इसलिए हमने तुरंत एक्शन लिया है. जिसमें राख पर पानी छिड़काव होता है और राख के ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से फ्लाई ओवर बनाने का प्रस्ताव भी दिया है. जिससे आबादी के बीच से ट्रांसपोर्ट न हो, जिन ट्रकों से राख का ट्रांसपोर्ट होता है, उसे ढककर ले जाने का निर्देश है.

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