ETV Bharat / state

Aligarh Hooch Tragedy: ऋषि शर्मा की सेल्समैन से शराब माफिया बनने की कहानी

author img

By

Published : Jun 7, 2021, 8:06 PM IST

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा गिरफ्तार कर लिया गया है. जिला प्रशासन ने जब इसका इतिहास खंगला तो पता चला कि वह 1998 में बुलंदशहर में जीजा के ठेके पर सेल्समैन का काम करता था. यहीं से उसने शराब में होने वाली कमाई को नजदीक से देखा और शराब कारोबार की हर बारीकियों को समझा.

aligarh hooch tragedy
अलीगढ़ जहरीली शराब कांड.

अलीगढ़: जिले में जहरीली शराब ने ऐसा तांडव मचाया, जिसकी चीखें अभी भी सुनाई देती हैं. कई घरों के दीपक बुझ गए तो बहुतों के घर उजड़ गए. जिला प्रशासन और सरकार स्तर से भी अलीगढ़ जहरीली शराब कांड में कार्रवाई की गई. कई अधिकारी निलंबित किए गए तो कई शराब माफिया गिरफ्तार किए गए. जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा को जिला प्रशासन ने 6 जून को गिरफ्तार कर लिया.

सैकड़ों लोगों की मौत का जिम्मेदार ऋषि शर्मा को जब गिरफ्तार किया गया तो उसकी संपत्ति के बारे में छानबीन की गई. जिला प्रशासन को उसकी करोड़ों की संपत्ति का रिकॉर्ड मिला है. यह संपत्ति प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि, मकान के रूप में है. साथ ही यह भी जानकारी मिली की जहरीली शराब कांड का मुख्य आरोपी ऋषि शर्मा 22 साल में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया.

जीजा के ठेके पर सेल्समैन से शुरू किया काम

ऋषि शर्मा 1998 में बुलंदशहर में अपने जीजा के ठेके पर सेल्समैन का काम करता था. यहीं से उसने शराब में होने वाली कमाई को नजदीक से देखा और शराब कारोबार की हर बारीकियों को समझा. इसके बाद उसने अपने लिए ठेका लेने की ठान ली. 2004 में तीन पार्टनर के साथ मिलकर एक ठेका लिया. इसके बाद अपने भाई मुनीश शर्मा के नाम पर ठेका लेने लगा. फिर दोनों भाई शराब कारोबार में उतर आए. 2007 में कांच की बोतल में देशी शराब आती थी तो मिलावट नहीं हो पाती थी, लेकिन 2010 में प्लास्टिक की बोतल के साथ ही नकली शराब का धंधा शुरू हुआ. धीरे-धीरे जब यह धंधा बढ़ा और 2020 तक करीब 15-16 सरकारी शराब के ठेकों को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद शराब के अवैध धंधे में अनिल चौधरी और अन्य लोगों के साथ हिस्सेदारी बांट ली.

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी की कहानी.

राजनीति में बढ़ाया रसूख

ऋषि शर्मा ने अवैध तरीके से शराब के धंधे को चलाने के लिए राजनीतिक संरक्षण भी लिया. आबकारी विभाग में भी अपनी पहुंच बना ली. इसके चलते ऋषि के सरकारी ठेकों पर आबकारी विभाग ने उंगली तक उठाने की हिम्मत नहीं की. ऋषि शर्मा पहले बसपा में कैबिनेट मंत्री रहे जयवीर सिंह के साथ रहा. बताया जाता है कि जयवीर सिंह के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा की सदस्यता ली. जवां में उसके होटल और तहसील कार्यालय के बाहर भाजपा के लगे बोर्ड देखे जा सकते हैं. वहीं भाजपा के नेताओं के साथ फोटो भी वायरल हो रही है. बताया जाता है कि ऋषि शर्मा 2018 में भाजपा में शामिल हुआ था. हालाकि कोई पद नहीं मिला था, लेकिन इस बार ऋषि शर्मा ने अपनी पत्नी को ब्लॉक प्रमुख बनाने के लिए कमर कसी थी. ऋषि की गिरफ्तारी के बाद भाजपा पर दबाव बना. इसे देखते हुए ऋषि शर्मा को निष्कासित करने का पत्र भी जारी कर दिया गया.

aligarh hooch tragedy
शराब माफिया ऋषि शर्मा अलीगढ़ भाजपा सांसद सतीश गौतम के साथ

पत्नी के नाम भी है करोड़ों की जमीनें

ऋषि शर्मा और उसकी पत्नी के नाम भी करीब ढाई सौ करोड़ की संपत्ति का रिकॉर्ड सामने आया है. ऋषि शर्मा के परिवार से पत्नी रेनू शर्मा, भाई मनीष शर्मा और कपिल शर्मा, पुत्र कुणाल शर्मा, भांजा आकाश जेल में हैं. वहीं, गिरफ्तार शराब माफिया अनिल चौधरी की संपत्ति का आंकलन भी कराया जा रहा है. चर्चा है कि उसने भी 100 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है.

अब तक 5 करोड़ की संपत्ति कराई गई ध्वस्त

शराब माफिया ऋषि शर्मा के नाम जवां के सिकंदरपुर, तेजपुर, सियरपुर, पिलौनी, भोजपुर गड़िया इलाके में जमीन है. तेजपुर में तीन जगह जमीने हैं. सियरपुर में दो जगह संपत्ति है. वहीं, चंदनिया हाउस में तीन फ्लैटों का मालिक भी है. इसके साथ ही ऋषि शर्मा की पत्नी पूर्व ब्लाॅक प्रमुख रेनू शर्मा के नाम चंदनिया हाउस में 5 फ्लैट और प्लॉट हैं. साथ ही जवां के सिकंदरपुर, देवसैनी, असदपुरकयाम, सुमेरा दरियापुर और तेजपुर में कई हेक्टेयर जमीनों की मालिक है. एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि अब तक 5 करोड़ की संपत्ति ध्वस्त कराई जा चुकी है. साथ ही सौ करोड़ की संपत्ति चिह्नित करने की कार्रवाई चल रही है. एसएसपी ने बताया कि शराब माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की एक टीम शराब माफिया की संपत्ति के जब्तीकरण में लगी है.

aligarh hooch tragedy
शराब माफिया ऋषि शर्मा भाजपा विधायक दलवीर सिंह के साथ

चल संपत्ति का पता लगाना अभी बाकी

जिला प्रशासन ऋषि शर्मा के बैंक खातों में जमा पैसा, पॉलिसी, गाड़ियां, सोना-चांदी इन सबका रिकॉर्ड निकालने में जुट गई है. आयकर विभाग भी संपत्ति का ब्यौरा जुटा रहा है. तहसीलदार और एसडीएम के साथ पुलिस भी अवैध तरीके से अर्जित संपत्तियों का पता लगा रही है. हालांकि सरकारी संपत्ति पर जमाए कब्जे को जिला प्रशासन ध्वस्त कर रहा है. बता दें कि शराब माफिया ऋषि को पकड़ने में पुलिस को 10 दिन लगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.