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बच्चों को दस्त आएं तो करें ये उपाय, बीमारियों से ऐसे बचाएं

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Published : Jul 23, 2022, 5:32 PM IST

अलीगढ़ में इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ओआरएस वीक मना रहा है. इसमें बच्चों को दस्त से बचाने के लिए उपाए बताए जा रहे हैं.

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डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ

अलीगढ़: गर्मी के सीजन में बच्चों को बार-बार दस्त की शिकायत हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि आप लापरवाही बिल्कुल न करें. यह उनके लिए जानलेवा साबित हो भी सकता है. वहीं, दस्त शुरू होते ही सबसे पहले बच्चों को ओआरएस और जिंक मिलाकर दें. यह बच्चे के जीवन की रक्षा करता हैं. इसे लेकर इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ओआरएस वीक मनाया जा रहा है. इसमें खास बात यह है कि ओआरएस के साथ ही जिंक का महत्व बताया जा रहा है ताकि आपका बच्चा सुरक्षित रह सके.

इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ के मुताबिक बरसात के मौसम में बच्चों में फैलने वाली बीमारियों में उल्टी, दस्त, बुखार, निमोनिया है, जिसकी चपेट में आकर बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस बारिश के मौसम में हाइजीन का खास ध्यान रखा जाए. उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन 24 जुलाई से 31 जुलाई तक ओआरएस वीक मना रहा हैं. इस दौरान ओआरएस के साथ जिंक को जोड़े के रूप में देकर उसका महत्व बता रहे हैं.

इंडियन पीडियाट्रिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने दी यह जानकारी.

डॉ. आलोक ने कहा कि अगर किसी बच्चे को दस्त हो जाते हैं तो उसमें पानी की कमी न हो इसके लिए ओआरएस और जिंक मिलाकर देना चाहिए. अगर फिर भी बच्चे को दस्त नहीं रुकती है तो डॉक्टर को दिखाएं. अपने आप कोई भी इलाज नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में निमोनिया भी हो रहा है. बच्चे बारिश में भीगते हैं, जिससे उनको खांसी हो जाती है. ऐसे में हमें यह ध्यान रखना है कि बच्चे पानी में बाहर न भीगें. बाहर जाते है तो पूरा प्रिकॉशन लें, जिससे बीमारियों से बच सकें.

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देश में तेजी से फैल रही टीबी बीमारी को लेकर डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने कहा कि टीबी एक ऐसी बीमारी है, जिसे ठीक किया जा सकता है इसलिए अगर किसी को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार है. वजन कम हो रहा है. खाना नहीं खाया जा रहा है तो इसे गंभीरता से ले और तुरंत टीबी की जांच कराए. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इसकी मुफ्त जांच होती है. सरकार अपनी तरफ से मरीज को इलाज के लिए 500 रुपए हर महीने दे रही है.

वहीं, बच्चों में होने वाले मोटापे को लेकर डॉक्टर ने कहा कि lock-down के बाद बच्चों में यह बीमारी कॉमन पाई जा रही है, क्योंकि बच्चों का आउटडोर गेम बंद हो गया है. घर में ही लैपटॉप और मोबाइल पर बैठे रहते हैं. जंक फूड खाते हैं. इससे मोटापा बढ़ता है. साथ ही बच्चों में साइक्लोजिकल प्रॉब्लम और आंखों की बीमारी भी हो रही है. इसे कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि जंक फूड बच्चों को न दें. आउटडोर एक्टिविटी कराते रहें. बच्चों को लैपटॉप और मोबाइल पर ज्यादा बैठने न दें.

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