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दागदार खाकी: हत्या के मुकदमे की सौदेबाजी, थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर

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Published : Jun 20, 2022, 12:51 PM IST

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एत्माद्दौला थाना

आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने घूसखोरी हत्या के मुकदमे के मामले में एत्माद्दौला प्रभारी और चौकी प्रभारी नुनिहाई को लाइन हाजिर कर दिया है.

आगरा: यूपी की आगरा पुलिस इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है. सटोरियों से उगाही, चांदी कारीगरों से लूट और हत्या के एक मुकदमे में सौदेबाजी को लेकर एसएसपी ने थाना एत्माद्दौला प्रभारी सहित चौकी प्रभारी नुनिहाई को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है.

रविवार को आगरा एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने घूसखोरी के मामले में दो खाकीवर्दी धारियों को लाइन हाजिर किया. इनमें थाना एत्माद्दौला प्रभारी सत्यदेव शर्मा और नुनिहाई चौकी प्रभारी रमित कुमार आर्य शामिल है. इन दोनों के विरुद्ध एक हत्या के मामले में प्रतिवादी को लाभ देने के लिए मोटी रकम की मांग की गयी थी. इसकी शिकायत एसएसपी आगरा के पास पहुंची थी. एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो पुलिसकर्मियों द्वारा मुकदमे में कई जा रही सौदेबाजी की पोल खुल गई, जिसके बाद दोनों को लाइन हाजिर किया गया.

क्या था मामला: बीती 21 मई को थाना एत्माद्दौला के नुनिहाई स्थित अतुल जेनरेटर फैक्ट्री में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने पर एक मजदूर की मौत हो गई थी, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे. इस मामले में परिजनों की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद थाना पुलिस ने देर शाम फैक्ट्री के दो मैनेजर को हिरासत में लिया था. इस मामले को लेकर एत्माद्दौला प्रभारी सत्यदेव शर्मा और नुनिहाई चौकी प्रभारी रमित कुमार आर्य फैक्ट्री मालिक से मोटी रकम की मांग करने लगे. इसकी जानकारी होने के बाद आगरा एसएसपी सुधीर कुमार ने दोनों को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच के आदेश दिए और ये आरोप सत्य पाए गए.

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सट्टेबाजों के इशारे पर थाना जगदीशपुरा पुलिस और एसओजी द्वारा दो लोगों से 5 लाख की उगाही की गई थी, जिसमें थाना प्रभारी प्रीतिंदर सिंह सहित पुलिस कर्मी लाइन हाजिर हुए. 7 जून को थाना एत्माद्दौला की फाउंड्री नगर चौकी के प्रभारी नीलकमल समेत दो सिपाहियों ने चांदी कारीगरों को जबरन हिरासत में लेकर उनसे 350 ग्राम चांदी लूटने और एनकाउंटर की धमकी देकर 74 हजार वसूलने के मामला सामने आया था.

प्रारम्भिक जांच में दोषी पाए जाने पर तीनों को सस्पेंड कर एसपी ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता को जांच दी गई थी. रिपोर्ट दो दिन में आनी थी, लेकिन पुलिसकर्मियों के फरार होने का कारण अभी तक उनके बयान में दर्ज नहीं हो पाया, जिसके कारण मुकदमे की कार्रवाई लटकी हुई है. जीआरपी के मुंशी समेत 12 पुलिसकर्मियों को वसूली के आरोप में एसपी जीआरपी द्वारा निलंबित किया गया था.

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