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पुलिस का ऑपरेशन शिकंजाः 10 साल बाद 4 दिन में दो एनकाउंटर, 4 कुख्यात ढेर

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Published : Jul 22, 2021, 7:29 PM IST

4 दिन में दो एनकाउंटर, 4 कुख्यात ढेर
4 दिन में दो एनकाउंटर, 4 कुख्यात ढेर

आगरा में पुलिस ने पिछले चार दिन में दो लाइव एनकाउंटर किए हैं. जिनमें चार बदमाश मार गिराए हैं. इनमें एक लाख रुपये का इनामी कुख्यात बदन सिंह और उसके साथी मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी में डाका डालने वाले दो बदमाश शामिल हैं.

आगराः जिले में अपराधियों के खिलाफ पुलिस एक्शन मोड में है. जिससे अपराधियों में पुलिस का खौफ है. पुलिस ने पिछले चार दिन में दो लाइव एनकाउंटर किए हैं. पिछले दो दिन की बात करें तो 25-25 हजार रुपये के दो बदमाश सरेंडर कर चुके हैं. ऐसा नहीं है कि आगरा में पुलिस और बदमाशों की भिडंत पहले नहीं हो रही थी. अगर हम आंकड़ों को देखें तो बीते दस सालों में आगरा पुलिस और बदमाशों के बीच 4 सौ से ज्यादा मुठभेड़ हुए हैं.

आपको बता दें कि, आगरा पुलिस ने दस साल पहले बीहड से अपराध का राज चलाने वाले 50 हजार रुपये के इनामी कुख्यात विष्णु परिहार को मार गिराया था. पुलिस ने उसकी महिला मित्र भी पकड़ी थी. लेकिन इसके बाद पुलिस का निशाना चूकने लगा था. पिछले दस सालों में पुलिस की मुठभेड़ में एक भी बदमाश ढेर नहीं हुए.

पुलिस का ऑपरेशन शिकंजा

दस्यु था विष्णु परिहार

पिनाहट के गांव करकौली निवासी विष्णु परिहार दस्यु था. उसका चंबल के बीहड़ में राज चलता था. विष्णु परिहार का गिरोह बीहड़ से चौथ वसूली के साथ ही अपहरण भी कराता था. विष्णु बीहड़ में रहकर फिरौती वसूलता था.

एनकाउंटर की जांच से चूकने लगा था निशाना

आपको बता दें कि, आगरा में एनकाउंटर में बदमाश के ढेर होने पर पुलिसकर्मियों के खूब आउट आफ टर्न प्रमोशन हुए. कई एनकाउंटर पर सवाल उठे. एनकाउंटर की जांच सीबीसीआईडी तक पहुंची. जिससे पुलिस में आउट आफ टर्न प्रमोशन पर रोक लग गई. फिर पुलिस का निशाना चूकने लगा. लेकिन 2017 में जब यूपी में योगी सरकार आई तो पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ तो हुईं. इसमें भी पुलिस की गोली से कोई अपराधी ढेर नहीं हुआ था, हां घायल जरूर हुआ. लेकिन एत्मादपुर लाइव एनकाउंटर ने एक बार फिर अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा कर दिया है.

17 जुलाई 2021ः एत्मादपुर में लाइव एनकाउंटर

शहर की पॉश कॉलोनी कमलानगर स्थित मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस कंपनी की शाखा में दिनदहाड़े पांच बदमाश घुसे थे. मैनेजर और कर्मचारी को बंधक बनाकर बदमाश बैग में करीब नौ करोड़ रुपये के सोने की ज्वैलरी और छह लाख रुपये ले गए. पुलिस को तीन घंटे ज्वैलरी में लगे जीपीएस से बदमाशों की लोकेशन मिल गई. इससे एत्मादपुर में खंदौली मार्ग पर पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ हो गई. बदमाशों ने मेडिकल स्टोर में छिपकर गोलियां चलाई. पुलिस की जवाबी फायरिंग में फिरोजाबाद निवासी बदमाश मनीष पाण्डेय और निर्दोष कुमार ढेर हो गये. गिरोह का मास्टर माइंड हिस्ट्रीशीटर नरेंद्र उर्फ लाला और उसके साथी फरार हैं. लाला पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. वहीं, बुधवार को लाला के साथी प्रभात ने कमलानगर थाना पर पुलिस के डर से सरेंडर कर दिया.

22 जुलाई 2021ः जगनेर के कछपुरा में एनकाउंटर

आपको बता दें कि चंबल के बीहड़ से एक लाख रुपये का इनामी बदन सिंह चौथ और फिरौती वसूलता था. 13 जुलाई को बदन सिंह के कहने पर मंगला उर्फ संध्या उर्फ अंजली ने ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर उमाकांत गुप्ता को हनी ट्रैप का शिकार बनाकर अगवा कराया था. पुलिस ने 31 घंटे में मंगला और पवन को दबोच कर डॉक्टर उमाकांत गुप्ता को मुक्त कराया था. तब बीहड़ में पुलिस को चकमा देकर कुख्यात बदन सिंह फरार हो गया था. इस पर एडीजी ने कुख्यात बदन सिंह पर एक लाख रुपए और उसके साथियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. 22 जुलाई 2021 को पुलिस ने जगनेर थाना क्षेत्र के गांव कछपुरा के जंगल में लाइव एनकाउंटर में कुख्यात बदन सिंह और उसके एक साथी को ढेर कर दिया.

आगरा के चर्चित एनकाउंटर

22 दिसंबर 1992 को गांव पनवारी में पुलिस की रामनिवास गैंग से मुठभेड़ हुई थी. कुख्यात रामनिवास ने ताजगंज के दो किसानों का अपहरण किया था. गिरोह के पास थ्री नॉट थ्री, 30 स्प्रिंग फील्ड गन और डबल बैरल बंदूक थी. पुलिस ने पनवारी, जऊपुरा, अटूस और सदरवन तक बदमाशों का पीछा करके मुठभेड़ में पांच बदमाश ढेर किये थे. दोनों किसानों को भी पुलिस ने मुक्त करा लिये था.

घर में छिपा था कुख्यात

आपको बता दें कि साल 1994 में पुलिस ने मंटोला निवासी गुलाम नवी की घेराबंदी मोहल्ला कंसखार में की थी. वह कई मुकदमे में वांछित था. मुठभेड़ में बदमाश गुलाम नवी के साथ ही उसका साथी श्याम सिंह मारा गया था.

इनामी देवेंद्र का एनकाउंटर

आपको बता दें कि साल 1995 में आगरा पुलिस ने 50 हजार के इनामी बदमाश देवेंद्र चौधरी की आगरा किला के पास मुठभेड़ हुई थी. साल 2010 में अत्मादउद्दौला के नगला रामबल निवासी गुरुआ यादव और नगला पदी निवासी विष्णुकांत गौतम को पुलिस ने ताजगंज क्षेत्र में हुई पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. आगरा पुलिस ने कमल गुर्जर और दुर्गेश टोंटा भी मुठभेड़ में मारा गया था.

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एसएसपी मुनिराज का कहना है कि, जिले में चलाए जा रहे ऑपरेशन शिकंजा और ऑपरेशन पहचान के जरिए बदमाशों की घेराबंदी की जा रही है. इसी का नतीजा है कि पुलिस की बदमाशों से भिडंत हो रही है. जिसमें की बदमाश पकड़े भी जा रहे हैं, तो कई आमने-सामने की फायरिंग में ढेर भी हो रहे हैं. आगरा पुलिस का ये अभियान लगातार ऐसे ही जारी रहेगा. हर वांछित और इनामी अब पुलिस से बच नहीं सकेगा.

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