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Shivaji Maharaj: आगरा के किले में गूंजेंगी शिवाजी की शौर्यगाथा,औरंगजेब ने 99 दिन तक महाराज को जानिए क्यों रखा था कैद

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Published : Feb 19, 2023, 2:34 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 5:13 PM IST

महाराष्ट्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती समारोह कार्यक्रम आगरा के किले में आयोजित कर रही है. 1666 में शिवाजी महाराज ने औरंगजेब से दिवाने-ए-खास में मुलाकात की थी. जिसके बाद औरंगजेब ने शिवाजी को कैद कर लिया था. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट....

Chhatrapati Shivaji Maharaj
Chhatrapati Shivaji Maharaj

आगराः आगरा किले में रविवार को पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्य गाथा गूंजेगी. महाराष्ट्र सरकार और अजिंक्य देवगिरी प्रतिष्ठान को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से किले के दीवान-ए-आम में छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती समारोह कार्यक्रम की अनुमति मिली है. समारोह में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के साथ ही सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भी मौजूद रहेंगे.

आगरा किले में आयोजित होगी छत्रपति शिवाजी महाराज की 393वीं जयंती समारोह

बता दें कि पुरंदर की संधि के बाद आलमगीर औरंगजेब के संदेश पर छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा औरंगजेब से मिलने आए थे. औरंगजेब और शिवाजी महाराज की दीवान-ए-खास में मुलाकात हुई थी. इस दौरान औरंगजेब ने विश्वासघात करके उन्हें कैद कर लिया था. वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' ने ईटीवी भारत से इतिहास में दर्ज शिवाजी महाराज और औरंगजेब की मुलाकात की कहानी बताई, जिसका नमूना आज आगरा के किले में दिखेगा.

वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग (महाराष्ट्र) में हुआ था. शिवाजी महाराज के पिता शहाजीराजे भोंसले एक सामंत और मां जीजाबाई जादवराव थीं. शिवाजी महाराज ने भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. वे एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ थे. उन्होंने नौसेना भी तैयार की. सन 1676 में उन्हें छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया था.

बेटा शम्भाजी संग आगरा पहुंचे थे शिवाजीः दक्षिण में लगातार औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज से चुनौती मिल रही थी. जिससे औरंगजेब परेशान था. औरंगजेब ने कूटनीति के तहत जयपुर के राजा जयसिंह को दक्षिण भेजा. जहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ पुरंदर की संधि हुई. इसके बाद राजा जयसिंह ने छत्रपति शिवाजी महाराज को औरंगजेब की ओर से आगरे किला में बुलाने का संदेश दिया. जिसमें उन्हें पूरा सम्मान और सुरक्षित वापस भेजने का भरोसा दिया गया. हालांकि, छत्रपति शिवाजी महाराज को औरंगजेब पर भरोसा नहीं था. लेकिन, सलाहकारों की बात मानकर छत्रपति शिवाजी महाराज अपने नौ वर्षीय बेटा सम्भाजी और विश्वासपात्र सैनिकों के साथ अपनी राजधानी देवगढ़ से आगरा के लिए 05 मार्च 1666 को निकले और 11 मई 1666 को आगरा आ गए.

दीवान-ए-खास में हुई थी मुलाकातः राजकिशोर 'राजे' ने बताया कि औरंगजेब और छत्रपति शिवाजी महाराज की मुलाकात 12 मई 1666 को आगरा किला में हुई थी. औरंगजेब और शिवाजी महाराज की मुलाकात दीवान ए खास में हुई थी. मुलाकात में उचित सम्मान नहीं मिलने पर छत्रपति शिवाजी ने नाराजगी जताई. वे दीवान-ए-खास से बाहर निकल आए. औरंगजेब ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया. मगर, वह उससे नहीं मिले. इस पर औरंगजेब ने पहले शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को नजरबंद कर लिया और मुगल फौज बैठा दी. फिर, राजा जयसिंह के सुपुर्द करके कैद करने हुक्म दे दिया. जिसका जिक्र मशहूर इतिहासकार जदुनाथ सरकार की किताब 'औरंगजेब' में मिलता है.

99 दिन रहे औरंगजेब की कैद में शिवाजीः वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं कि औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटा शम्भाजी को कैद कराया था. दोनों को राजा जयसिंह ने फिदाई खा की हवेली (कोठी मीना बाजार) के क्षेत्र में रखा था. जहां अपनी सूझबूझ और चतुराई से शिवाजी महाराज और शम्भाजी दोनों कैद से निकल गए. वहां से वो मथुरा पहुंचे. मथुरा में शिवाजी महाराज ने अपने विश्वासपात्र के पास बेटा शम्भाजी को सौंपा और साधु के वेश में इलाहाबाद निकल गए. इलाहाबाद से फिर शिवाजी महाराज 25 दिन में अपनी राजधानी रायगढ़ पहुंचे. इस तरह औरंगजेब की कैद में शिवाजी महाराज और उनके बेटा शम्भाजी 99 दिन रहे.

अधूरा पड़ा है छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियमः बता दें कि जून 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने आगरा को मुगल म्यूजियम की सौगात दी. ताजमहल के पूर्वी गेट से 1400 मीटर दूर म्यूजियम का शिलान्यास सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने किया था. मगर, 2017 में सपा सरकार चली गई. इसके बाद बजट के अभाव और फिर, कोविड के चलते म्यूजियम का काम रुक गया. 14 सितंबर 2020 को सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया था. इससे खूब राजनीति गरमाई. फिर, 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और सपा ने म्यूजियम को लेकर खूब राजनीति की. सीएम योगी ने जनसभा में छत्रपति शिवाजी म्यूजियम का नाम लिया. लेकिन फिर भी छत्रपति शिवाजी महाराज का म्यूजियम पूरा नहीं हो सका.

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Last Updated : Feb 19, 2023, 5:13 PM IST
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