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आगरा में उफान पर चंबल, प्रशासन ने मांगी NDRF से मदद

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Published : Aug 4, 2021, 10:31 PM IST

राजस्थान व मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश से आगरा जिले में चंबल नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. चार स्टीमर से बचाव और राहत कार्य किया जा रहा है. प्रशासन ने NDRF से मदद मांगी है.

flood in chambal river in agra
flood in chambal river in agra

आगरा: पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगातार हो रही बारिश और काली सिंध नदी से छोड़े गए पानी के चलते चंबल नदी ने खतरे का निशान पार कर दिया है. अब उफनाई चंबल नदी बेकाबू हो रही है. यही वजह रही कि बुधवार सुबह के समय चंबल नदी खतरे के निशान 130 मीटर को पार कर गई.

चंबल नदी अभी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है. बुधवार देर शाम तक चंबल नदी 134 मीटर का निशान पार कर चुकी थी. इससे 16 गांव के करीब 100 से ज्यादा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गए. बाढ़ पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन ने चंबल के बीहड़ में ऊंचे टीलों पर या अन्य गांवों में शिफ्ट करा दिया है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने NDRF से मदद मांगी है, क्योंकि रातभर में नदी का जलस्तर बढ़ने से चंबल की तलहटी में बसे तहसील मुख्यालय का संपर्क टूट सकता है. यही हालात यमुना का जलस्तर बढ़ने से बन रहे हैं. आगरा में यमुना का जलस्तर 492 फीट है, जो खतरे के निशान से दो फीट कम है.

बाह तहसील के एसडीएम अब्दुल बासित ने बताया कि जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने एनडीआरएफ मदद की मांग की है. बुधवार को मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, पुरा शिवलाल, पुरा डाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा, डगोरा, भगवान पुरा और क्योरीपुरा गांव का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया. उमरैठा पुरा के घरों तक पानी भरने से इस गांव को खाली करा दिया गया है. तमाम परिवारों ने बीहड़ के टीले अथवा दूसरे गांवों में शरण ली है.

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बाह एसडीएम अब्दुल बासित ने बताया कि बुधवार दिनभर प्रशासन की टीमें चंबल किनारे के निचले इलाकों को खाली कराने में जुटी रहीं. चार स्टीमर से बचाव और राहत कार्य किया जा रहा है. प्रशासन की टीमें लगातार काम कर रही हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ के हालात को लेकर सुरक्षित स्थान चिन्हित कर लिए हैं, जहां पर लोगों को रेस्क्यू करके रखा जा सके.

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