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भ्रूण लिंग परीक्षण के साथ ही गर्भपात का भी ठेका, जानें गिरोह क्यों नहीं आ रहा हाथ

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Published : Apr 26, 2023, 2:01 PM IST

भ्रूण लिंग परिक्षण को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था. इसके 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. ये दुकानों के बजाय दूर-दराज गांव में किराए के मकान लेकर इस गोरखधंधे को चलाते थे. वहीं इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद विभाग के अधिकारियों पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं.

भ्रूण लिंग परिक्षण
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव

भ्रूण लिंग परीक्षण गिरोह पर कार्रवाई को लेकर जानकारी देते सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव

आगराः शहर में 'कोख के कातिलों' के कई गिरोह सक्रिय हैं. इनका नेटवर्क उप्र, मप्र, राजस्थान और हरियाणा में भी फैला है. वहीं, आगरा में शहर ही नहीं बल्कि दूर-दराज गांव में भी कई भ्रूण लिंग परीक्षण करने के ठिकाने हैं. यहां अलग-अलग भ्रूण लिंग परीक्षण कराने वाले रैकेट एक्टिव हैं. ये गांव में किराए पर मकान लेकर वहां पर पोर्टेबल सेटअप लगाकर इस गोरख धंधे को चला रहे हैं. इतना ही नहीं यहां गर्भपात भी कराए जा रहे हैं. यह है कि यह खुलासा खुद पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले रैकेट ने किया है.

रैकेट के मास्टरमाइंड विक्रम और सहयोगी सरिता ने खुलासा किया कि भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट में बतौर आगरा, हाथरस, अलीगढ, मथुरा, एटा, मैनपुरी, ​फरोजाबाद के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और राजस्थान के झोलाझाप और चिकित्सक शामिल हैं. इन्हें काम के बदले कमीशन दिया जाता है. वहीं, सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले रैकेट ​जिले में कई जगह हैं. यहां पर आगरा के साथ ही मप्र, राजस्थान और हरियाणा की गर्भवती को बुलाकर भ्रूण की लिंग जांच की जाती है. अधिकतर भ्रूण लिंग परीक्षण केंद्रों पर रैकेट किसी तरह का कोई बोर्ड नहीं लगाते हैं. ये लोग अब दुकानों के बजाय गांव में मकान किराए पर लेकर यह काम कर रहे हैं. इसलिए, गांव के लोगों को भी इनके बारे में कोई जानकारी नहीं होती होती है. इतना हीं नहीं दो से तीन माह में रैकेट अपना ठिकाना बदल देते हैं. जिससे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के रडार से ये बच निकलते हैं.

देहात में छह से ज्यादा ठिकानेः पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की छानबीन में सामने आया है कि जिले में देहात क्षेत्र में भ्रूण लिंग परीक्षण का खेल सिर्फ किरावली के साथ ही छह से अधिक जगह पर चल रहा है. यहां से कई बार स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता सूचना ​भी मिली थी. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने इनठिकानों की लाइव लोकेशन भी विभाग को भेजी थी. मगर, कार्रवाई नहीं हुई. इसको लेकर पीसीपीएनडीटी टीम के नोडल अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है. क्योंकि, भ्रूण लिंग परीक्षण का रैकेट जब पकड़ा गया तो नोडल अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर भी रैकेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई.

पिनाहट में मिली गर्भपात की सूचनाएंः पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो पिनाहट क्षेत्र में 3 अस्पतालों में अवैध रूप से गर्भपात की शिकायत मिली. लिखित शिकायत न होने की बात कहकर स्वास्थ्य विभाग इन अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इस बारे में पिनाहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. विजय कुमार बताते हैं कि कोई लिखित शिकायत नहीं देता है.

शमशाबाद में सीएचसी के पास ही ठिकानाः कस्बा शमसाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास करीब आधा दर्जन झोलाछाप हैं. जो भ्रूण लिंग परीक्षण और गर्भपात कराने के गोरखधंधे में सक्रिय हैं. झोलाझाप के ठिकानों पर अवैध गर्भपात होते हैं. इस बारे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शमसाबाद प्रभारी डॉ. उपेंद्र कुमार का कहना है कि कस्बा में झोलाछाप क्लीनिक चलाने वालों को नोटिस जारी किया गया है.

सैंया-लादूखेड़ा क्षेत्र में अवैध गर्भपात के ठिकानेः पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सैंया क्षेत्र में झोलाछाप खूब सक्रिय हैं. जो उपचार के नाम पर लोगों की जेब ढीली करने के साथ ही क्लीनिकों में अवैध रूप से गर्भपात कराते हैं.

फतेहाबाद में राजस्थान से जुड़े थे तारः देहात के क्षेत्रों में पहले ही कई बार भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाले रैकेट का खुलासा हो चुका है. किरावली की तरह ही फतेहाबाद में भी भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. यहां पर राजस्थान और मध्यप्रदेश की गर्भवती के गर्भ में पल रहे भ्रूण की जांच की जाती थी. सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि रैकेट में शामिल जिले के एक्टिव रैकेट के करियर और एजेंट पहले अपने नेटवर्क के जरिए या गांव-गांव घूम कर गर्भवती महिलाओं से संपर्क करते हैं. दस से पंद्रह हजार रुपए गर्भवती से लिंग की जांच के लिए वसूलते हैं. फिर, उनसे तय रकम लेकर एक निश्चित तिथि और निश्चित सेंटर पर बुलाया जाता है.

सीएमओ के अनुसार, यहां पर मास्टर माइंड उसी दिन पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर पहुंचते हैं. सीएमओं ने पकड़े गिरोह का जिक्र करते हुए बताया कि गिरोह की सदस्य सरिता स्कूटी से सेंटर पहुंचती थी. पोर्टेबल अल्ट्रासाऊंड मशीन को सेंटर तक पहुंचाने का काम कई लोगों को दिया जाता था. जब उनका पीछा किया जाता तो वो बीच बाजार में कहीं गुम हो जाते थे. सरिता भी रास्ते बदल-बदल कर सेंटर तक पहुंची थी. इसी वजह से कई बार टीम कार्रवाई नहीं हो सकी. इस काम में तमाम झोलाछाप डॉक्टर शामिल है.

चारों गए जेल, मोबाइल से खुलेगीः आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किए गिरोह के चारों अभियुक्तों को जेल भेज दिया. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब गिरफ्तार सरिता और मास्टर माइंड विक्रम की निशानदेही पर दूसरे भ्रूण लिंग परीक्षण के स्थानों की तलाश कर रही है. इसमें कई चिकित्सक के नाम भी सामने आए हैं. जो भ्रूण लिंग परीक्षण के बाद गर्भवती का गर्भपात कराते हैं.

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