ETV Bharat / state

आगरा में डेंगू ढा रहा बच्चों पर कहर, बचने को बरतें ये सावधानियां

author img

By

Published : Oct 1, 2021, 12:30 PM IST

आगरा में डेंगू, मलेरिया और वायरल इंफेक्शन के बढ़े मामलों के बाद से ही जिले के कई इलाकों में खौफ का आलम है. सबसे ज्यादा कहर पिनाहट और बाह ब्लॉक में है, जहां हर रोज बच्चों की जान जा रही है. वहीं, मरीजों में डेंगू के डी टू स्ट्रेन की पुष्टि से जिला प्रशसान व स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है.

आगरा में डेंगू ढा रहा बच्चों पर कहर
आगरा में डेंगू ढा रहा बच्चों पर कहर

आगरा: आगरा में डेंगू (Dengue), मलेरिया (Malaria) और वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) से लगातार मौतें हो रही हैं. सबसे ज्यादा कहर पिनाहट और बाह ब्लॉक में है, जहां हर रोज बच्चों की जान जा रही (Everyday children are dying) है. वहीं, मरीजों में डेंगू के डी टू स्ट्रेन की पुष्टि (Confirmation of D2 strain) से जिला प्रशसान व स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची (district administration and health department) हुई है. ईटीवी भारत ने डेंगू, मलेरिया और वायरल इंफेक्शन की रोकथाम को सक्रियता से लगे चिकित्सकों की ओर से उक्त समस्या के निराकरण को किए जा रहे उपायों के बारे में जानने को आगरा के सीएमओ डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव से खास बातचीत की.

आगरा में डेंगू ढा रहा बच्चों पर कहर

सीएमओ डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पिनाहट और बाह में बच्चों को ज्यादा दिक्कत है. इसलिए वहां दो अतिरिक्त चिकित्सक लगाए गए हैं, जिनमें एक बाल रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं. इसके साथ ही सीएचसी में प्लेटलेटस काउंट की मशीन और इंडोर भी चल रहा है. इसके अलावे एम्बुलेंस की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गई है. साथ ही लाउडस्पीकर के जरिए गांव-गांव में जन जागरुकता फैलाई (Campaigning started for public awareness) जा रही है.

इसे भी पढ़ें - अंबेडकरनगर: सरकारी अस्पताल में सफाईकर्मी कराती है प्रसव, चिकित्सक नदारद

लोगों से अपील की जा रही है कि वे बीमार बच्चों समेत अन्य लोगों को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल लाएं, ताकि समय रहते उनका इलाज किया जा सके. बता दें ​कि आगरा में लगातार डेंगू, मलेरिया और वायरल इंफेक्शन से 35 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. खैर, आगरा में भी फिरोजाबाद जैसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं. वहीं, यहां बच्चों की लगातार मौत के कारण खौफ का माहौल बन गया है. बताया गया कि आगरा में बुखार के चलते 18 दिन में 35 लोगों की मौत हो चुकी है. पिनाहट ब्लॉक में सर्वाधिक दस मौतें हुई हैं, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में एक बुजुर्ग ​महिला की डेंगू से मौत की खबर है.

बेहद खतरनाक है डेंगू का डी टू स्ट्रेन

सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि डेंगू का डी टू स्ट्रेन बहुत ही प्रभावी होता है. इसमें इंफेक्शन तेजी से फैलता है. इसलिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि हम अपने आसपास साफ-सफाई रखें. विशेष तौर पर हमने साफ-सफाई पर ध्यान दिया है. ग्राम निगरानी और मोहल्ला निगरानी समिति को एक्टिवेट करके लोगों को घर-घर जाकर जागरुक किया है. साथ ही जहां पर भी बुखार के मरीज मिल रहे हैं. वहां पर चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं, जिनमें डेंगू, मलेरिया और वायरल के मरीज चिन्हित किए हैं.

वहीं, ग्राम पंचायत की ओर से वहां नालियों की सफाई और आसपास की सफाई कराई जा रही है. जनता से भी अपील की जा रही है कि जो भी कोई व्यक्ति ​बुखार से पीडित है, उसे तत्काल पैरोसीटामोल के साथ ही ओआरएस घोल कर दिया जाए. इससे शरीर में पानी की पूर्ति होगी. हालांकि, गंभीर लक्षण दिखने की सूरत में मरीजों को बिना समय गवाए अस्पताल लगाने की अपील की जा रही है.

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार उल्टी आना, शरीर पर चक्कते बनना, दांतों या नाक से खून आना जैसी समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है. इस तरह के कोई भी लक्षण होते हैं तो तत्काल किसी सरकारी अस्पताल में उपचार को मरीजों को ले जाएं. इधर-उधर न भटकें वरना बड़ी समस्या हो सकती है.

जन जागरुकता पर जोर

सीएमओ डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों में वायरल इंफेक्शन की संभवना रहती है, क्योंकि बच्चे किसी वस्तु को छू लेते हैं. वहीं, बच्चों में डेंगू को लेकर बात करें तो बच्चों में डेंगू की संभावना भी ज्यादा रहती है. क्योंकि डेंगू का मच्छर ज्यादा उंचाई तक नहीं उड़ पाता है. उसे एक्सपोस पार्ट नीचे मिल जाता है. इसलिए बच्चों की सुरक्षा बहुत जरूरी है. सुरक्षा आसपास और घर में रखना बहुत जरूरी है. इसके अलावे घर में पानी न जमने दें. जन जागरुकता को लेकर विशेष कार्यक्रम शुरू किए गए हैं.

डेंगू के स्ट्रेन

  • डी वन: तेज बुखार और प्लेटलेट काउंट कम होना.
  • डी टू और डी थ्री: डेंगू हैमरेजिक फीवर में रक्तस्राव और शॉक.
  • डी फोर: तेज बुखार और शरीर में दर्द होना.

यह बरतें सावधानी

  • - बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श व दवा लें.
  • - बुखार उतरने पर दवाएं लेना बंद न करें.
  • - उबालने के बाद सामान्य होने पर पानी पिएं.
  • - दाल, सलाद, हरी सब्जी और फल खूब खाएं.
  • - नारियल पानी पिएं और फलों का जूस भी पिएं.

लाउड स्पीकर से कर रहे जागरुकता

  • - घर और आसपास साफ सफाई रखें.
  • - हर दिन कूलर का पानी बदलते रहें.
  • - घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • - जहां जल भराव है, वहां पर के​रोसिन डालें.
  • - घर में मच्छरों को न पनपने दें.
  • - बच्चे और बडे फुल आस्तीन के कपडे पहनें.
  • - बुखार आने पर जल्द उपचार कराएं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.