आगरा: एसएसपी ने मंगलवार देर रात जगदीशपुरा थाना में तैनात तीन दारोगाओं और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया. आरोप है कि छह पुलिसकर्मियों ने गैंगस्टर से पैसे लेकर अवैध वसूली के नाम पर दो युवकों को उठाया. इसके बाद उनको जुए के जुल्म में जेल भेज दिया गया था. परिजनों ने इसकी शिकायत की तो जांच में पुलिसकर्मियों की गैंगस्टर से मिलीभगत और वसूली की करतूत सामने आई. इसी को लेकर एसएसपी ने निलंबन की कार्रवाई की. यही नहीं जगदीशपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक को भी लापरवाही के मामले में लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसपी सिटी विकास कुमार मामले की जांच सौंपी गई है.
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बुधवार को जगदीशपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक प्रविंद कुमार को फटकार लगाने के साथ हिदायत दी. इसके बाद उनको लाइन हाजिर कर दिया. एसएसपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में खलबली मच गई. एसएसपी ने बताया कि जगदीशपुरा थाना में तैनात एसआई ऋषि पाल सिंह, एसआई मनोज कुमार, एसआई अर्जुन प्रताप सिंह, आरक्षी राजीव कुमार, आरक्षी दीपक राणा और आरक्षी गौरव डागर की हिरासत में रखकर अवैध वसूली करने की शिकायत मिली थी.
पीड़ित परिवार का आरोप था कि दारोगाओं और सिपाहियों ने उनसे पांच लाख रुपये भी वसूले और दोनों युवकों को जेल भेज दिया. एसएसपी ने इस मामले की जांच कराई. प्रारंभिक जांच में एसआई ऋषि पाल सिंह, एसआई मनोज कुमार, एसआई अर्जुन प्रताप सिंह, आरक्षी राजीव कुमार, आरक्षी दीपक राणा और आरक्षी गौरव डागर दोषी पाए गए. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. अब तीनों दारोगाओं और तीनों सिपाहियों के खिलाफ विभागीय जांच होगी.
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि दस दिन पहले थाना जगदीशपुरा पुलिस ने कोठी मीना बाजार के पास स्थित एक पेट्रोल पंप से अमित कुमार और जितेंद्र सिंह को पकड़कर जुआ अधिनियम में गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. पुलिसकर्मियों ने यह कार्रवाई आर्थिक लाभ के लिए की थी. पुलिसकर्मियों ने यह काम गैंगस्टर सनी कबाडिया से मिलकर किया था.
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एसएसपी ने बताया कि जब इस मामले की शिकायत आई तो उसकी जांच कराई गई. जांच में यह सामने आया कि पुलिसकर्मियों ने गैंगस्टर सनी कबाडिया से मिलकर दो लाख रुपये लिए थे. गैंगस्टर सनी कबाडिया ने ही पैसे देकर अमित कुमार और जितेंद्र सिंह को पकड़वाया था. पुलिसकर्मियों ने अमित और जितेंद्र सिंह को पकड़कर हिरासत में रखा. इसके बाद दोनों को छोड़ने के लिए भी पैसे की वसूली की. जब मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने अमित और जितेंद्र की जुआ अधिनियम में गिरफ्तारी दिखाई. इसेक बाद जेल भेज दिया गया.
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