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मौत वाली मॉकड्रिल: पारस हॉस्पिटल सील, संचालक के खिलाफ FIR

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Published : Jun 8, 2021, 2:57 PM IST

Updated : Jun 9, 2021, 12:21 AM IST

पारस अस्पताल
पारस अस्पताल

00:13 June 09

आगरा के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके अग्निहोत्री की ओर से न्यू आगरा थाने में पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ तहरीर दी गई, जिसके आधार पर न्यू आगरा पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

आगरा: जिले के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल की 'मौत वाली मॉकड्रिल' के मामले में मंगलवार रात संचालक पर शिकंजा कस गया. पहले डीएम प्रभु नारायण सिंह ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को दोषी मानते हुए हॉस्पिटल सील करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके अग्निहोत्री की शिकायत पर मंगलवार रात न्यू आगरा थाना पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. 

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके अग्निहोत्री की ओर से न्यू आगरा थाने में पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ तहरीर दी गई, जिसके आधार पर न्यू आगरा पुलिस ने हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके अग्निहोत्री द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा है कि, पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने वायरल वीडियो में मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म होने और कथित मॉक ड्रिल की बात कही है, जो गलत है. जिला प्रशासन की टीम ने हॉस्पिटल के दस्तावेज चेक किए तो वहां पर 25,26, 27, 28 अप्रैल को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी, लेकिन डॉ. अरिंजय जैन के बयान से जनमानस में भ्रम की स्थिति बन गई है. 

लाइसेंस निरस्त, जांच कमेटी गठित
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने 'मौत वाली मॉक ड्रिल' के मामले में पारस हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया. इसके साथ ही हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को नोटिस दिया है. सीएमओ ने मामले की जांच के लिए एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती और एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. समिति को दो दिन में जांच रिपोर्ट देनी है. 

पारस हॉस्पिटल को सिलिंडर की आपूर्ति

  • 25 अप्रैल: 149 सिलेंडर- 20 सिलेंडर रिजर्व
  • 26 अप्रैल: 121 सिलेंडर- 15 सिलेंडर रिजर्व
  • 27 अप्रैल: 117 सिलेंडर- 16 सिलेंडर रिजर्व
  • 28 अप्रैल: 135 सिलेंडर- 18 सिलेंडर रिजर्व
        (प्रशासन से जारी रिपोर्ट)

17:42 June 08

आगरा के पारस हॉस्पिटल में हुए मॉकड्रिल के पीछे का मकसद क्या था. आखिर 26 अप्रैल की रात आगरा के पारस हास्पिटल में क्‍या हुआ था. उस रात के पीछे का सच क्‍या है. शायद अब ये सामने आए. क्योंकि अब अस्पताल संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही पारस अस्पताल को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है.

आगरा डीएम प्रभु नारायण सिंह

आगरा : आगरा की बहुचर्चित 'मौत वाली मॉकड्रिल' से प्रदेश में खलबली मचाने वाले, पारस हॉस्पिटल के संचालक पर आखिरकार मंगलवार दोपहर प्रशासन का शिकंजा कस गया. जिला प्रशासन ने प्राथमिक जांच में हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन को दोषी पाया. डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही तत्काल प्रभाव से हॉस्पिटल सील करने का आदेश जारी किया गया है. यहां भर्ती मरीजों को शिफ्ट करने के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं.  

सवालों के घेरे में प्रशासन

मगर, एक साल में दूसरी बार पारस हॉस्पिटल के सील होने से जिला प्रशासन के ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं. आखिर जिला प्रशासन ने बीते साल 2020 में जब हॉस्पिटल को सील करके हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था. तो फिर कैसे इस हॉस्पिटल को दोबारा से कोरोना हॉस्पिटल बनाया गया.  

यह था मामला

शहर आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन के सोमवार को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर की गई आक्सीजन हटाने की मॉकड्रिल की बात कर रहे हैं. यह बात 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड बनाया है. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिन पर पांच मिनट की मॉकड्रिल की गई थी. जिसमें 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. इससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी.

पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर

बता दें, सन 2020 में पारस हॉस्पिटल आगरा का कोरोना एपिक सेंटर बना था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकले थे. आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा और फर्रुखाबाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. जिसकी वजह से प्रशासन ने हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था. हॉस्पिटल बंद भी हुआ था. मगर, सेटिंग करके फिर शुरू हो गया. वहीं, इस साल जिला प्रशासन ने उसी पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बना दिया.  

'हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी'

डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि, वायरल वीडियो 28 अप्रैल 2021 का है. हॉस्पिटल में ऑप्शन की कोई कमी नहीं थी. जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल को 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए थे. 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. हॉस्पिटल के पास में भी 20 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिजर्व था. हॉस्पिटल संचालक ने वीडियो में गलत कहा था. मोदीनगर में ऑक्सीजन की किल्लत है. इसलिए हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.  

मरीजों के मौत की कराई जाएगी ऑडिट  

अस्पताल में 22 मरीजों की मौत की बात गलत है. यहां पर इतनी मौत नहीं हुई थी. फिर भी यहां पर मरीजों की मौत की ऑडिट कराई जाएगी. इसके साथ ही हॉस्पिटल को सीज किया जा रहा है. जिला प्रशासन की टीम ने सुबह ही पारस हॉस्पिटल में डेरा डाल दिया था. पहले एडीएम सिटी और एसीएमओ ने जांच की. उसके बाद डीएम और एसएसपी भी हॉस्पिटल पहुंचे. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने, हॉस्पिटल संचालक अरिंजय जैन से पूछताछ की. उसके बाद फिर यह कार्रवाई की जा रही है.

14:52 June 08

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह

आगरा के पारस अस्पताल में हुई लापरवाही और ऑक्सीजन की कमी से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आगरा का मामला सरकार के संज्ञान में अभी जल्दी ही आया है. जैसे ही हमें इसकी सूचना मिली आगरा में एक टीम गठित कर दी गई है. जिला अधिकारी, सीएमओ मौके पर जाकर जांच पड़ताल कर रहे हैं. पारस अस्पताल को सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस दिन की घटना है, उससे संबंधित सभी दस्तावेज, ऑक्सीजन सप्लाई से संबंधित कागजात, मरीजों की संख्या उनके नाम पता लेकर विस्तृत जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई'

संबंधित अस्पताल के खिलाफ महामारी एक्ट से संबंधित कार्यवाही किए जाने को लेकर सवाल पर, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि अभी तो उस अस्पताल को सील किया गया है. अब तक मरीजों की सूची नहीं मिली है, जिनकी मृत्यु हुई थी. उस समय की क्या स्थिति थी, कितने डॉक्टर थे, ऑक्सीजन की क्या स्थिति थी या क्या अन्य कारण थे. उसकी सभी विधिवत जांच रिपोर्ट जब तक हमारे पास नहीं आ जाएगी, तब तक आगे की कार्यवाही के बारे में हम कुछ नहीं बता सकते. डिटेल रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी. 

Last Updated : Jun 9, 2021, 12:21 AM IST
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