ETV Bharat / state

आगरा नगर निगम ने 15 साल बाद 25 कर्मचारियों की नियुक्ति की निरस्त, जानें क्या रही वजह

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 9, 2023, 10:34 PM IST

Etv Bharat
आगरा नगर निगम

आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) ने 15 साल बाद 25 कर्मचारियों की नियुक्ति को निरस्त किया है. इस खबर से दूसरे कर्मचारियों में खलबली मची हुई है.

आगरा: नगर निगम प्रशासन ने 15 साल से नौकरी करने वाले 25 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. नगर निगम प्रशासन को इन कर्मचारियों की नियुक्ति में धांधली की शिकायत मिलने पर जांच कराई थी, जो सही निकली. लेकिन, सभी 15 कर्मचारी कोर्ट चले गए. कोर्ट ने उन्हें बहाल कर दिया था. शासन से आए आदेश और चयन समिति की संस्तुति पर अब आगरा नगरायुक्त ने इन सभी 15 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की हैं. इन सभी कर्मचारियों की नियुक्ति सपा सरकार में हुई थी.

सपा सरकार में हुई थीं नियुक्तियां: समाजवादी पार्टी के शासनकाल में तत्कालीन नगरायुक्त श्याम सिंह यादव ने मानकों के विपरीत 2007/ 08 में 17 ड्राइवर, 7 क्लीनर और 1 फिटर की नियुक्ति की थी. जिसकी शिकायत हुई तो तत्कालीन मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिए और तीन सदस्यीय कमेटी बनाई. जिस पर जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए पैसे लेकर गलत अंक दिए गए. इतना ही नहीं, चहेतों पर मेहरबानी से दो सगे भाई भी ड्राइवर बनाए गए. जो उस समय की चयन समिति के काम पर सवाल उठाती है.

इसे भी पढ़े-यूपी में 755 एंबुलेंस लॉन्च, 2500 हेल्थ स्टाफ नियुक्त: CM योगी बोले- पीड़ा में आए मरीज के साथ न हो दुर्व्यवहार

2014 में सभी नियुक्तियां निरस्त, कोर्ट ने किए बहाल: जांच कमेटी की रिपोर्ट से ये भी उजागर हुआ था कि तत्कालीन नगरायुक्त श्याम सिंह यादव ने 62 अंक दिए गए थे. एक अन्य अभ्यर्थी को तत्कालीन नगरायुक्त श्याम सिंह यादव ने अनुपस्थित दिखाया. लेकिन, जांच समिति के सदस्य ने उसे 57 अंक दिए हैं. जांच समिति ने 15 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट शासन को पेश की थी. जिसमें अनियमितता का खुलासा हुआ था. जिस पर साल 2014 में सभी नियुक्तियां निरस्त कर दी गई. इसके चलते सभी कर्मचारी कोर्ट में चले गए. कोर्ट ने 15 साल की नौकरी के आदेश देते हुए कर्मचारियों को बहाल कर दिया. इसके बाद 2022 में भी शासन ने इन 25 कर्मचारियों की नियुक्ति को निरस्त किया था. लेकिन, कोर्ट के आदेश पर कर्मचारी नौकरी करते रहे.

हाईकोर्ट में डाली थी रिट, फिर कार्रवाई: कर्मचारियों ने कई बार हाईकोर्ट में रिट दायर की थी. जिससे उन्हें लाभ मिल सके. लेकिन, पिछले माह ही नगरायुक्त ने नगर निगम में चयन समिति का गठन किया. उस चयन समिति ने शासन के आदेश और कोर्ट के निर्देश के आधार पर पाया कि जो कर्मचारी कोर्ट के आदेश पर बहाल किए गए हैं. जो नौकरी कर रहे हैं. उन सभी कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त की जाए. इसके चलते सभी कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था. जिसके जबाव में कोई भी कर्मचारी साक्ष्य नहीं दे पाया. इसी आधार पर चयन समिति ने कर्मचारियों की नियुक्त निरस्त करने की रिपोर्ट नगरायुक्त को दी. जिससे सभी 25 कर्मचारियों की नियुक्ति निरस्त की गई.

यह भी पढ़े-नगर निगम के खिलाफ पार्षदों ने बैंड बजाकर किया विरोध प्रदर्शन, बोले- अधिकारी भेदभाव करें खत्म

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.