नई दिल्ली/ मेहसाणा : टोक्यो में पैरालंपिक खेलों के महिला एकल के फाइनल मुकाबले में चीन की झाउ यिंग के बीच मैच हुए मुकाबले में भारत की भाविना पटेल ने रजत पदक जीत लिया. भारत की भाविना बेन पटेल (Bhavina Patel) को टोक्यो पैरालंपिक की टेबल टेनिस (Paralympics Table Tennis) क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में रविवार को यहां चीन की झाउ यिंग के खिलाफ सीधे गेम में 7-11, 5-11, 6-11 की शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा. वहीं भाविना के रजत पदक जीतने के साथ ही उनके गृहनगर गुजरात का मेहसाणा उल्लास के रंग में रंग गया.
यहां पर लोगों ने बड़ी स्क्रीन पर भाविना का मैच लाइव देखा. मैच समाप्त होते ही वहां मौजूद लोग रंग-गुलाल खेलने लगे. वहीं लोगों व बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की.
भाविना ने अपना पदक देश को समर्पित करते हुए कहा कि आज मैच के दौरान मैं थोड़ा नर्वस थी इस वजह से मैं अपनी खेल रणनीति को ठीक से लागू नहीं कर सकी, उन्होंने कहा कि अगली बार मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी. भाविना ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भारत ने पैरालिंपिक में टेबल टेनिस में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा है. उन्होंने इस जीत के लिए अपने कोच, परिवार के सदस्यों और दोस्तों को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
यह पदक भारत के लिए इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि 53 साल पहले भारत की ओर से मुरलीकांत केतकर ने 1968 में इजराइल में हुए पैरालंपिक खेलों में राउंड ऑफ 32 तक पहुंचे थे. इसके बाद टोक्यो 2020 में भाविना ने टेबल टेनिस में नया मुकाम हासिल किया.
इससे पहले भाविना ने सेमीफाइनल में विश्व की नंबर 3 और 2016 रियो पैरालंपिक खेलों की रजत पदक विजेता मियाओ को 34 मिनट तक चले मुकाबले में 3-2 (7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8) से हराकर फाइनल में प्रवेश किया. भारत को पैरालंपिक खेलों में टेबल टेनिस में अपना पहला पदक पक्का किया.
भाविना ने कहा, यह पहली बार है कि किसी भारतीय खिलाड़ी ने एक चीनी प्रतिद्वंद्वी को हराया है. यह मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. हर कोई मुझसे कहता था कि एक चीनी खिलाड़ी को हराना असंभव है.