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Asian Games में कांस्य जीतने वाले सोनभद्र के रामबाबू मनरेगा में कर चुके मजदूरी, सफलता से गरीब माता-पिता गदगद

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 9:42 AM IST

भारतीय एथलीटों ने चीन के हांगझोउ शहर में आयोजित 19वें एशियन गेम्स 2023 (Asian Games 2023) में अब तक 81 मेडल हासिल कर लिए हैं. रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में सोनभद्र के रामबाबू ने कांस्य पदक जीत कर पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है.

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सोनभद्र: चीन के हांगझोउ शहर में आयोजित 19वें एशियन गेम्स 2023 (Asian Games 2023) में भारतीय एथलीटों का शानदार प्रदर्शन जारी है. यूपी के सोनभद्र जनपद निवासी रामबाबू ने एशियन गेम्स में रेस वाक मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीत कर पूरे देश का नाम रोशन किया है. रामबाबू बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले हैं. वह मनरेगा में मजदूरी भी कर चुके हैं. उनके माता पिता गांव में एक कच्चे खपरैल के मकान में रहने हैं. वे मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं. उनकी सफलता पर उनके मां-बाप बहुत ही गौरवान्वित हैं.

रामबाबू की सफलता से परिजन और ग्रामीण गदगद.
रेस वॉक मिश्रित टीम में बने विजेतासोनभद्र जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर बहुअरा गांव निवासी रामबाबू ने 19वें एशियाई गेम्स के 11वें दिन रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में भारत के लिए कांस्य पदक जीत कर पूरे जिले के साथ साथ पूरे भारत को गौरवान्वित किया है. यूपी के सोनभद्र के इस लाल को जनपद वासियों ने इस सफलता के लिए शुभकामनाएं दी हैं और इस उपलब्धि पर उनके गांव समेत पूरे जनपद में खुशी का माहौल है.
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रामबाबू के माता-पिता.

कांस्य पदक विजेता ने किया है मनरेगा में काम
रामबाबू ने रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में मंजू रानी के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता है. उनके मां-बाप आज भी मिट्टी के उसी कच्चे घर मे रहते हैं, जहां रामबाबू का बचपन बीता है. दोनो मजदूरी करके रामबाबू को बड़ा किया है. कोविड के समय में रामबाबू ने भी अपने पिता की जगह पर मनरेगा में भी काम किया था. रामबाबू की मां मीना देवी ने बताया कि खुद रामबाबू ने चीन से फोन करके अपनी सफलता की सूचना दी. इसके बाद हम बहुत खुश हैं. उनकी सफलता पर उनके मां-बाप बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.


घर बनाने के लिए जमीन नहीं
कांस्य पदक की मां मीना देवी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को नवोदय विद्यालय सोनभद्र से पढ़ाया है. इसके बाद वह बाहर चला गया. वह पहले भी पैदल चाल में नेशनल चैंपियन हो चुका है. रामबाबू की मां ने बताया कि भूमिहीन होने के चलते सरकार ने उसको 11 बिस्वा जमीन दी है लेकिन विभिन्न अड़चनों के चलते वह आज तक अपना घर नहीं बना सके हैं. जमीन पर दूसरे लोग कब्जा करने का भी प्रयास करते हैं. फिर भी वह अपने बेटे की सफलता पर खुश हैं.


ग्रमीणों ने जताई खुशी
19वें एशियन गेम्स 2023 में कांस्य पदक रामबाबू के पिता कैमरे पर कुछ भी बोलने से लगातार झिझकते रहे लेकिन वह भी अपने बेटे की सफलता पर खुश दिखाई दिए. वहीं, गांव के लोगो का कहना था कि रामबाबू का परिवार भूमिहीन है और अत्यंत गरीबी में रहा है. लेकिन रामबाबू ने अपनी मेहनत के बल पर जगह बनाई. गांव के ही कच्चे रास्तों पर प्रैक्टिस किया और आगे बढ़ गया. रामबाबू ने पैदल चाल में नेशनल गेम्स में नए रिकार्ड स्थापित किया था और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियन गेम्स में भी 35 किलोमीटर पैदल चाल में कांस्य पदक जीता है. स्थानीय ग्रमीणों ने उम्मीद जताई है कि आगामी ओलंपिक खेलों में भी रामबाबू पदक जीतकर देश और जिले का नाम रोशन करेगा.


नेशनल गेम्स में बनाया था रिकार्ड
मजदूर किसान के बेटे रामबाबू ने इससे पहले राष्ट्रीय खेलों में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. बहुअरा गांव के भैरवागांधी टोले में एक छोटे से खपरैल के मकान में रहने वाले रामबाबू पिछले साल अचानक से तब चर्चा में आए. जब उन्होंने गुजरात में हुए राष्ट्रीय खेलों की पैदल चाल स्पर्धा में नए राष्ट्रीय रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया था. उन्होंने 35 किमी की दूरी महज 2 घंटे 36 मिनट और 34 सेकेंड में पूरी कर स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद 15 फरवरी 2023 को रांची में आयोजित राष्ट्रीय पैदल चाल चैंपियनशिप में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2 घंटे 31 मिनट 36 सेकेंड का समय में जीत हासिल की थी. इसके बाद 25 मार्च को स्लोवाकिया में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में प्रतिभाग करते हुए 2 घंटे 29 मिनट 56 सेकेंड में दूरी तय की. रामबाबू की मां का कहना है कि रामबाबू का सपना ओलंपिक में पदक जीतने का है.

भारतीय एथलीटों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
एश‍ियन गेम्स में पदक तालिकी में चीन पहले स्थान पर और भारत चौ‍थे पायदान पर है. अब तक के क‍िसी भी एश‍ियन गेम्स में ये भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले भारत ने पहली बार इतने मेडल्स और गोल्ड मेडल्स कभी नहीं जीते थे. इस बार भारतीय एथलीटों ने ऐत‍िहास‍िक प्रदर्शन करत हुए 81 मेडल जीते हैं. जिसमें 18 गोल्ड मेडल, 31 स‍िल्वर मेडल और 32 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है.

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