लखनऊ : पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत में विश्व कप के मुकाबले खेल रही है. ऐसे में 1992 की विश्व विजेता पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का लखनऊ प्रेम भी क्रिकेट प्रेमियों को याद आ रहा है. उस दौरान उन्हें लखनऊ खूब भाया था. वह लखनऊ पर आधारित अपनी एक किताब लिखने के लिए पुराने शहर में भटकते रहे थे. 1989 में नेहरू कप के एक मुकाबले में वह श्रीलंका के खिलाफ पाकिस्तानी टीम के कप्तान थे. इस दौरान अपनी एक किताब के रिसर्च वर्क के लिए उन्होंने पुराने लखनऊ का भ्रमण किया था.
1989 में लखनऊ आए थे इमरान : उत्तर प्रदेश के सीनियर क्रिकेटरों में से एक अशोक बॉम्बी ने बताया कि इमरान खान एक डिक्टेटर (तानाशाह) की तरह अपनी टीम की कप्तानी करते थे. उन्होंने बताया कि 1989 में लखनऊ आने पर उन्होंने पुराने लखनऊ में शिया मस्जिदों और इमामबाड़ा देखा था. इन जगहों पर जाने की खास वजह थी. उनको इस संबंध में किताब लिखनी थी.पाकिस्तान टीम को मैंने देखा था. उन्होंने मुझसे कहा कि वह कल लखनऊ के ऐतिहासिक स्थलों को देखना चाहते हैं. मैंने अन्य खिलाडियों से पूछा कि क्या कोई हमारे साथ जाने में दिलचस्पी रखता है. इमरान खान ने साफ तौर पर ऐलान किया कि वह अकेले जाएंगे. बाकी खिलाड़ी होटल में आराम करेंगे. इमरान खान के ऐलान के बाद कोई कुछ भी नहीं बोला.
इमरान के सामने बात नहीं करता था कोई खिलाड़ी : अशोक बॉम्बी ने बताया कि पुराने लखनऊ के दौरे के दौरान इमरान ने ज्यादा बात नहीं की, लेकिन लखनऊ के इतिहास और ऐतिहासिक जगहों के बारे में पूछा. मैंने उन्हें दोपहर का भोजन करने और लखनवी भोजन का स्वाद लेने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया, क्योंकि वह अपने आहार के प्रति बहुत सचेत थे. छह घंटे के व्यस्त दौरे के बाद उन्होंने मुझे बहुत धन्यवाद दिया. जब इमरान आसपास होते थे तो पाकिस्तानी खिलाड़ी कभी बात नहीं करते थे. उनकी उपस्थिति के दौरान टीम के मैनेजर इंतिखाब आलम सहित किसी की भी ड्रेसिंग रूम में एक भी शब्द कहने की हिम्मत नहीं थी. उन्होंने अब्दुल कादिर को चेतावनी भी दी कि वह टीम में अपनी जगह को लेकर सचेत रहें.
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