नई दिल्ली : भारत के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज भलेही फेल हो जा रहे हों, लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने पिछले कई मैचों में टीम इंडिया की नइया पार लगायी है. शायद इसीलिए कुछ पिछले क्रम के गेंदबाजों को बल्लेबाजी के चलते टीम में बने रहने का मौका मिल रहा है. इस मामले में रविन्द्र जडेजा के साथ साथ अक्षर पटेल का नाम शामिल होता जा रहा है. जिस तरह से अक्षर पटेल पिछले कुछ महीनों से बैटिंग करके टीम को सपोर्ट कर रहे हैं, उससे उनका टीम में स्थान पक्का होता जा रहा है. वह सभी फॉरमेट में टीम का हिस्सा होंगे.
भारत के स्पिन गेंदबाज के रूप में टीम में शामिल किए जा रहे अक्षर को एक मजबूत ऑलराउंडर कहा जाने लगा है. अक्षर पटेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और उसके पहले बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में जिस तरह से गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी की है, उससे भारतीय टीम में उनका स्थान लगभग पक्का होता जा रहा है. वह जब तक अच्छी बल्लेबाजी करते रहेंगे, तब तक टीम में एक मजबूत ऑलराउंडर की तरह खेलते रहेंगे.
एक मजबूत ऑलराउंडर के रूप में उभर रहे पटेल श्रृंखला में तीसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. पटेल ने 88.00 की औसत से 266 रन बनाकर अपनी बैटिंग का प्रदर्शन किया है. अक्षर पटेल नागपुर और नई दिल्ली में भारत की जीत में महत्वपूर्ण अर्धशतक जमाया था, जबकि इंदौर में मेजबान टीम के लिए दोनों पारियों में नाबाद रहते हुए टीम के लिए संघर्ष किया था.
एक और आंकड़े को देखेंगे तो पता चलेगा कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के ताजा आंकड़ों में वह भारतीय टीम के सारे बल्लेबाजों से आगे निकल गए हैं. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की बल्लेबाजी औसत में वह टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों से काफी आगे हैं. वह 45.80 की औसत से रन बना रहे हैं.
खुद इस बात को अक्षर पटेल ने स्वीकार किया है और कहा है कि बैटिंग करने से आत्मविश्वास बढ़ा रहा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी का भविष्य में भी फायदा मिलेगा.
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