ETV Bharat / international

Austerity Measures In Pakistan : 'कंगाल' हुआ पाकिस्तान, 'टॉप टू बॉटम' तक सबकी काट ली सैलरी

author img

By

Published : Jan 25, 2023, 2:04 PM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की बनाई हुई The National Austerity Committee आर्थिक संकट से उबरने के लिए तमाम उपायों पर विचार कर रही है. कमेटी ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 10% तक काटने का प्रस्ताव दिया है. कमेटी ने मंत्रालयों-विभागों के खर्च में 15% की कटौती का प्रस्ताव रखा है. पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उसने आईएमएफ से राहत पैकेज की मांग की है.

Austerity Measures In Pakistan
पीएम शहबाज शरीफ की फाइल फोटो

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ द्वारा गठित The National Austerity Committee (NAC) सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10% की कटौती सहित विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है. यह जानकारी द न्यूज ने बुधवार को दी. प्रस्तावों में मंत्रालयों/विभागों के खर्च में 15% की कटौती करना, और संघीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सलाहकारों की संख्या को 78 से घटाकर 30 करना शामिल है, जबकि शेष को निशुल्क आधार पर काम करना होगा. सिफारिशों को आज (बुधवार) को अंतिम रूप दिया जा सकता है. समिति पीएम शहबाज को रिपोर्ट भेजेगी.

सूत्रों ने मंगलवार को द न्यूज से पुष्टि की कि एनएसी मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, सलाहकारों और पीएम के विशेष सहायकों की संख्या को घटाकर केवल 30 करने का प्रस्ताव कर रही है. समिति ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि यदि आवश्यक हो सरकार से जुड़े लोगों को बिना कोई लाभ लिए नि:स्वार्थ आधार पर काम करना चाहिए. सरकार मितव्ययिता पर सिफारिशों को अंतिम रूप दे रही है.

पढ़ें: fawad chaudhary arrested : पूर्व पीएम इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी गिरफ्तार

ऋण बढ़ाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर प्रतिबंध लगाये सराकर : NAC ने प्रांतीय प्रकृति की परियोजनाओं के लिए धन के उपयोग को समाप्त करने और सरकारी गारंटी और कई अन्य के माध्यम से ऋण बढ़ाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की है. द न्यूज ने बताया कि समिति ने लगातार दूसरे दिन वित्त विभाग में अपना विचार-विमर्श जारी रखा. समिति के कई सदस्य ऑनलाइन माध्यम से अन्य शहरों से बैठक में जुड़े हुए थे. समिति ने कहा कि यह अजीब है कि जब सरकार मितव्ययिता पर सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रही है, तो इसने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) उपलब्धि कार्यक्रम को 3 अरब रुपये बढ़ा दिया.

पाकिस्तान के लिए सफेद हाथी बन गये संस्थानों का क्या होगा : यह देखा जाना बाकी है कि NAC पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) जैसे विशाल सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के नुकसान से कैसे निपटेगा, जिसका घाटा इस साल 67 अरब रुपये तक पहुंच गया था, जबकि पाकिस्तान स्टील मिल्स, PASSCO, बिजली वितरण कंपनियों और अन्य को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. अकेले बिजली क्षेत्र ने पिछले वित्त वर्ष में 1,600 अरब रुपये का घाटा दर्ज किया है.

पढ़ें: Pakistan Textile Sector Suffers : पाकिस्तान में बिजली गुल, कपड़ा क्षेत्र को भारी आर्थिक नुकसान

आआएसआई और आईबी के खर्चे भी पड़ रहे भारी : NAC ने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) सहित खुफिया एजेंसियों के फंड को फ्रीज करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया. समिति ने रक्षा व्यय को कम करने के प्रस्ताव पर विचार किया लेकिन रक्षा सचिव ने उत्तर दिया कि उच्च मुद्रास्फीति और विनिमय दरों में मूल्यह्रास के मद्देनजर यह संभव नहीं हो सकता है. हालांकि, समिति गैर-लड़ाकू खर्चों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर सकती है. समिति ने वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध लगाने, स्थानीय और विदेश में सभी भत्तों और विशेषाधिकारों को रोकने और विभिन्न मंत्रालयों और मंडलों में अनावश्यक पदों की संख्या को कम करने पर विचार किया.

15 दिनों की समय सीमा से पहले प्रस्तावों को करना था पेश : शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एनएसी ने अपनी आंतरिक बैठक में पांच दिनों के भीतर सिफारिशों को अंतिम रूप देने का फैसला किया था, ताकि वे वित्त विभाग द्वारा अधिसूचित 15 दिनों की समय सीमा से पहले प्रस्तावों को पेश कर सकें. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने टिप्पणी की कि एनएसी प्रमुख सिफारिशें कर रही थी लेकिन मौजूदा सरकार के लिए उनमें से किसी को भी लागू करना कठिन होगा. यह सिर्फ एक डिबेटिंग क्लब बनकर रह जाएगा और सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में कोई बड़ा फैसला नहीं लेगी. पीएम ने पिछले सप्ताह पूर्व नौकरशाह नासिर महमूद खोसा की अध्यक्षता में एनएसी का गठन किया था.

पढ़ें : Electricity breakdown in Pakistan: पाकिस्तान में बिजली संकट से हाहाकार, कराची से इस्लामाबाद तक सप्लाई ठप

IMF ने दिवालिया पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने से किया इंकार : ऐसे समय में जब पाकिस्तान का आर्थिक संकट बद से बदतर होता जा रहा है, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के पड़ोसी देश को जीवन रेखा देने से इनकार कर दिया है. यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि आईएमएफ ने संकटग्रस्त देश की मदद के लिए राहत पैकेज भेजने से इनकार कर दिया है. सरकार ने आईएमएफ से समीक्षा पूरी करने के लिए एक टीम भेजने का अनुरोध किया था. अटकलें लगाई जा रही थीं कि आईएमएफ पाकिस्तान को अपने आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए हस्तक्षेप करेगा, जो कि एक दशक में सबसे खराब है, लेकिन अनुरोध को ठुकरा दिया गया है.

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) में विदेशी मुद्रा भंडार ने हाल ही में $4.343 बिलियन के निम्नतम स्तर को छू लिया है, जो केवल दो सप्ताह के लिए पर्याप्त है. पाकिस्तान भुगतान संकट के संतुलन से जूझ रहा है, विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 4.6 बिलियन डॉलर हो गया है, जो बमुश्किल तीन सप्ताह के आयात को कवर करने के लिए ही पर्याप्त है.

पढ़ें: Pakistan on verge of collapse: आर्थिक हालत खस्ता, पैसे-पैसे को मोहताज पाकिस्तान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.