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16 फरवरी को रूस करेगा यूक्रेन पर हमला : व्लादिमीर जेलेंस्की

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Published : Feb 15, 2022, 5:55 AM IST

Updated : Feb 15, 2022, 7:58 AM IST

इस मामले पर व्हाइट हाउस ने कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस के मौजूदा खतरे पर भारत सहित सहयोगियों के साथ अमेरिका मिलकर काम कर रहा है. वहीं, पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का दफ्तर) के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका अब भी नहीं मानता कि पुतिन ने हमला करने का फैसला किया है, लेकिन संभव है कि वह बिना किसी चेतावनी के आगे बढ़ सकता है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की

नई दिल्ली: यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की (Ukraine President Vladimir Zelensky) ने रूस (Russia) को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यूक्रेन पर रूस हमला करने वाला है और इसके लिए 16 फरवरी का दिन तय किया गया है. व्लादिमीर जेलेंस्की (Vladimir Zelensky) ने पोस्ट में लिखा, '16 फरवरी रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले का दिन होगा.'

वहीं, इस मामले पर व्हाइट हाउस ने कहा कि यूक्रेन को लेकर रूस के मौजूदा खतरे पर भारत सहित सहयोगियों के साथ अमेरिका मिलकर काम कर रहा है. वहीं, पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का दफ्तर) के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका अब भी नहीं मानता कि पुतिन ने हमला करने का फैसला किया है, लेकिन संभव है कि वह बिना किसी चेतावनी के आगे बढ़ सकता है.

  • "February 16 will be the day of attack" on Ukraine by Russia, said Ukraine President Vladimir Zelensky in his Facebook post

    — ANI (@ANI) February 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विवाद को और बढ़ता देख जर्मनी के चांसलर ने यूक्रेन (Ukraine) पहुंच कर देश पर रूसी हमले की आशंकाओं को टालने का प्रयास किया. इस घटनाक्रम को लेकर दुनियाभर में हाई अलर्ट की स्थिति के बीच, ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जेम्स हिप्पी ने कहा कि रूस बिना नजर में आए अब ‘प्रभावी तरीके से हमला कर सकता है.

जानकारी के मुताबिक नाटो सैनिकों की और टुकड़ियां भी सोमवार को पूर्वी यूरोप पहुंचीं हैं, लेकिन, यूक्रेन को लेकर चल रहे तनाव के बीच रूस के शीर्ष राजनयिक ने सोमवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को रूसी सुरक्षा मांगों पर पश्चिम के साथ बातचीत जारी रखने का सुझाव दिया. इसे संकेत माना जा रहा है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका के बीच क्रेमलिन का इरादा राजनयिक प्रयासों को जारी रखने का है.

पढ़ें: यूक्रेन में तनाव : भारत के 18 हजार छात्र फंसे, विमान सेवा बंद

बता दें कि रूस, पश्चिमी देशों से गारंटी चाहता है कि 'नाटो' गठबंधन यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को सदस्य नहीं बनाएगा, गठबंधन यूक्रेन में हथियारों की तैनाती रोक देगा और पूर्वी यूरोप से अपनी सेना वापस ले लेगा. हालांकि, इन मांगों को पश्चिमी देशों ने सिरे से खारिज कर दिया है.

यूरोप 70 वर्ष पहले की तरह ही एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर

वहीं, दूसरी तरफ ब्रिटेन के उप रक्षा मंत्री जेम्स हिपे ने कहा है कि उनका मानना है कि यूरोप 70 वर्ष पहले की तरह ही अब एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर है. उन्होंने बीबीसी को बताया यूक्रेन की सीमाओं के आसपास 130,000 रूसी सैनिक हैं, काला सागर और आजोव सागर में जमीन और पानी में चलने वाले जहाजों में हजारों सैनिक हैं. सभी लड़ाकू उपकरणों को तैनात कर दिया गया है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राजनयिक वार्ता जारी रखने की तात्कालिक आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अभी भी समझौता और कूटनीति के लिए बहुत सारे अवसर हैं.

इस बीच तनाव बढ़ने पर रूस और यूरोपीय सुरक्षा समूह के प्रमुख अन्य सदस्यों के साथ यूक्रेन बैठक का आह्वान कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने सैनिकों के जमावड़े को रोकने के औपचारिक आग्रह को खारिज कर दिया है. हालांकि यूक्रेन की सीमाओं पर 100,000 सैनिकों के बावजूद रूस ने आक्रमण की योजना से इनकार किया है. कुछ देशों ने चेतावनी दी है कि हमला कभी हो सकता है और अमेरिका ने तो यहां तक कह दिया है कि हवाई बमबारी किसी भी समय शुरू हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दर्जन से अधिक देशों ने अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया है और कुछ ने दूतावास के कर्मचारियों को राजधानी से निकाल लिया है.

(इनपुट ANI & IANS)

Last Updated :Feb 15, 2022, 7:58 AM IST
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