burkina faso unrest : अफ्रीकी देश में बागी सैनिकों का दबदबा, राष्ट्रपति काबोरे बंधक बनाए गए

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Published : Jan 24, 2022, 8:50 PM IST

Burkina Faso President Kabore

अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे (President Roch Marc Christian Kabore) को बागी सैनिकों ने बंधक बना लिया है. बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे को बागी सैनिकों ने बंधक बना लिया है. यह जानकारी दो विद्रोही सैनिकों ने दी है. उन्होंने यह नहीं बताया कि काबोरे को कहां रखा गया है लेकिन कहा कि वह सुरक्षित स्थान पर हैं. उल्लेखनीय है कि रविवार रात और सोमवार तड़के तक राष्ट्रपति आवास के पास गोलीबारी की आवाज सुनाई दी और संघर्ष होते देखा गया.

औगाडोउगोउ : बुर्किना फासो में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. बुर्किना फासो के राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोरे बागी सैनिकों के कब्जे में (President Roch Marc Christian Kabore detained) हैं. सोमवार तड़के बागी सैनिकों ने समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि विद्रोही सैनिकों ने काबोरे को बंधक बनाने के बाद उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा है. सैनिकों ने बताया कि राष्ट्रपति आवास के पास गोलीबारी की आवाज सुनी गई और उसी समय आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ रहा था. इससे पहले रविवार रात को राजधानी की सड़के सुनसान रही और केवल जांच चौकियों पर विद्रोही सैनिकों का भारी जमावड़ा दिखा.

बता दें कि काबोरे, वर्ष 2015 से ही राष्ट्रपति (President Roch Marc Christian Kabore) हैं और नवंबर 2020 में राष्ट्रपति पद पर फिर से निर्वाचित होने के बाद से ही विरोध का सामना कर रहे हैं, लोग देश में जिहादी हिंसा से निपटने में कथित अक्षमता की वजह से नाराज हैं. देश में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के बढ़ रहे हमलों जिनमें हजारों लोगों की मौत हुई है और करीब 15 लाख लोग विस्थापित हए हैं. इस दौरान सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

आक्रोशित बागी सैनिकों ने 'एसोसिएटेड प्रेस' से कहा कि सरकार, क्षेत्र में कार्य कर रहे सुरक्षा बलों से कट गई है और उनके साथी मर रहे हैं, इसलिए वे देश में सैन्य शासन चाहते हैं. सैनिकों ने फोन पर एक व्यक्ति के जरिये बात की और कहा कि वे इस्लामिक चरमपंथियों से लड़ने के मद्देनजर बुर्किना फासो की सेना के लिए बेहतर माहौल चाहते हैं. उनकी मांगों में और सैनिकों की भर्ती और घायल और मारे गए सैनिकों के परिवार की बेहतर देखरेख शामिल है.

एक बागी सैनिक ने बताया कि करीब 100 सैनिकों ने अगस्त में ही बगावत की योजना बना ली थी. उन्होंने बताया कि योजना बनाने वाले कभी एक स्थान पर दो बार से अधिक नहीं मिले और ये बैठकें राजधानी से बाहर हुईं. उन्होंने योजना के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम एप का इस्तेमाल किया.

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बुर्किना फासो राजनीतिक संकट के संदर्भ में यह भी अहम है कि सरकारी टेलीविजन आरटीबी के कार्यालय के सामने भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात देखे गए. लड़ाई रविवार को तब शुरू हुई जब राजधानी औगाडोउगोउ के लामीजाना सौगोउले के सैन्य बैरक पर सैनिकों ने कब्जा कर लिया. विद्रोही सैनिकों का समर्थन करने के लिए गैर सैनिक शहर में दाखिल होने की कोशिश की लेकिन उनका सामना सुरक्षा बलों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोलों से हुआ.

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उल्लेखनीय है कि देश में इस्लामी चरमपंथ से सरकार के निपटने के तौर-तरीकों को लेकर हफ्तों से बढ़ते असंतोष के बाद काबोरे के इस्तीफे का आह्वान करते हुए रविवार को भारी प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद विद्रोह की यह घटना हुई है.

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रक्षा मंत्री एमी बार्थेलेमी सिम्पोर के रविवार के बयान के बाद सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. रक्षा मंत्री एमी बर्थेलेमी सिम्पोर ने सरकारी प्रसारणकर्ता 'आरटीबी' से कहा था कि न सिर्फ औगाडोउगोउ में बल्कि कुछ अन्य शहरों में भी कुछ सैन्य बैरक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि राष्ट्रपति काबोरे को विद्रोही सैनिकों ने हिरासत में ले लिया है. हालांकि, वह कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी. उन्होंने कहा, 'कुछ बैरक प्रभावित हुए हैं. बहुत ज्यादा नहीं.'

(पीटीआई-भाषा)

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