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ज्ञानवापी केस: रिपोर्ट में मस्जिद की दीवार पर शेषनाग, देवी-देवताओं की कलाकृति का जिक्र

तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने बुधवार न्यायालय में रिपोर्ट जमा की थी. सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट 6 और 7 मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट में हिंदू धार्मिक चिह्नों की फोटो और वीडियोग्राफी का जिक्र किया गया है.

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ज्ञानवापी केस
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Published : May 19, 2022, 7:13 AM IST

Updated : May 19, 2022, 8:05 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर 6 और 7 मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की थी. सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति की फोटो और वीडियोग्राफी कराने का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है. इसमें देव विग्रह के रूप में चार मूर्तियों की आकृति नज़र आयीं. इस आंशिक रिपोर्ट को न्यायालय ने बुधवार को अपने रिकार्ड में ले लिया था.

दो पेज की रिपोर्ट में तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर ने न्यायालय को बताया कि 6 मई को हुई जांच में चौथी आकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है और उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है. इसके आगे दीपक जलाने के उपयोग में लाया गया त्रिकोणीय ताखा (गंउखा) में फूल रखे हुए थे. पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर और मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर मिला है. यह शिलापट्ट भी उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है. इन पर उभरी हुई कलाकृतियां मस्जिद की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाती दिख रहीं हैं.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी विवाद: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- 'न किसी को डरने की जरूरत, न ही डराने की'

सात मई को शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही एक पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की गैरमौजूदगी में शुरू हुई. रिपोर्ट में बताया गया कि खंडित देव विग्रह, मंदिरों का मलबा, हिंदू देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की आकृति, शिलापट्ट आदि की फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई है. कार्यवाही के दौरान विवादित पश्चिमी दीवार की तरफ सिंदूर लगी तीन कलाकृतियों का पत्थर और चौखट को शृंगार गौरी का प्रतीक मानकर पूजे जाने के सवाल पर वादी पक्षों ने बताया मौके पर बताया था कि बैरिकेडिंग के अंदर स्थित उनके मुख्य मंदिर और अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है.

पूर्व वकील कमिश्नर ने मस्जिद के परिसर के अंदर हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मलबे और यहां तक की दीवारों पर हिंदू आस्था के प्रतीक चिन्हों के मिलने का दावा किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा कि विरोध की वजह से कार्यवाही सीमित समय तक ही हो पाई है.

पूर्व वकील कमिश्नर रिजर्वेशन अपने रिपोर्ट में लिखा है कि प्रथम दिन की कारवाई शाम 5:45 पर खत्म हो गई थी. यह कार्रवाई 6 मई दिन शुक्रवार को 3:30 पर शुरु हुई थी. 6 मई को सूर्यास्त होने के कारण कार्रवाई को रोकना पड़ा था और 7 मई को फिर 3 बजे कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन कार्रवाई में प्रतिवादी संख्या एक और तीन ने असहयोग और अपनी जिम्मेदारियों का दायित्व सही ढंग से निर्वहन न करने के कारण एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करने की वजह से विवादित स्थल पर जिसके बाबत कमीशन रिपोर्ट की मांग की गई थी.

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया था विरोध

उसमें लगभग 100 लोग जो मुस्लिम समुदाय के थे. उन लोगों के इकट्ठा हो जाने के कारण प्रशासन और पुलिस ने असमर्थता जाहिर की और कमीशन कार्यवाही मुख्य रूप से न करने की बात कही थी. इसके कारण 4:50 बजे शाम को ही कमीशन की कार्रवाई रोकनी पड़ी थी.

अजय मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कमीशन कार्यवाही विभिन्न विधाओं का निरीक्षण करते हुए विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेडिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों के मलबे जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति तथा अन्य शिलापट्ट कमल की कलाकृति देखी गई है. पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार के स्पष्ट रूप से कमल और अन्य इलाके में आकृतियां दिखी हैं.

उत्तर पश्चिम के कोने पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है. सभी शिलापट्ट और आकृतियों की वीडियोग्राफी कराई गई है. उत्तर पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य दीवार पर शेषनाग की कलाकृति जैसी आकृति देखी गई है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.

चार मूर्तियों की आकृति विशेष

इसमें 4 मूर्तियों की आकृति विशेष है, जिस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है. चौथी आकृति जो मूर्ति कि तरह प्रतीत हो रही है. उस पर सिंदूर लगा हुआ है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है. आगे का हिस्सा दिया जलाने के उपयोग में लाया हुआ प्रतीत हुआ है. त्रिकोणीय ताखा जैसे जिसमें फूल रखे हुए थे. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.

सिंदूरी रंग में रंगी हुई एक मूर्ति जो वीडियोग्राफी में है. इसके अलावा कुछ पुराने भवन के अवशेष भूमि पर काफी लंबे समय से पड़ी प्रतीत हो रहे थे. प्रथम दृष्टया किसी बड़े भवन के अंश नजर आते हैं. इनके पीछे पूर्व दिशा बैटिंग के अंदर मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है.

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वाराणसी: ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर 6 और 7 मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल की थी. सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति की फोटो और वीडियोग्राफी कराने का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है. इसमें देव विग्रह के रूप में चार मूर्तियों की आकृति नज़र आयीं. इस आंशिक रिपोर्ट को न्यायालय ने बुधवार को अपने रिकार्ड में ले लिया था.

दो पेज की रिपोर्ट में तत्कालीन एडवोकेट कमिश्नर ने न्यायालय को बताया कि 6 मई को हुई जांच में चौथी आकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है और उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है. इसके आगे दीपक जलाने के उपयोग में लाया गया त्रिकोणीय ताखा (गंउखा) में फूल रखे हुए थे. पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर और मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर मिला है. यह शिलापट्ट भी उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है. इन पर उभरी हुई कलाकृतियां मस्जिद की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाती दिख रहीं हैं.

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सात मई को शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही एक पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की गैरमौजूदगी में शुरू हुई. रिपोर्ट में बताया गया कि खंडित देव विग्रह, मंदिरों का मलबा, हिंदू देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की आकृति, शिलापट्ट आदि की फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई है. कार्यवाही के दौरान विवादित पश्चिमी दीवार की तरफ सिंदूर लगी तीन कलाकृतियों का पत्थर और चौखट को शृंगार गौरी का प्रतीक मानकर पूजे जाने के सवाल पर वादी पक्षों ने बताया मौके पर बताया था कि बैरिकेडिंग के अंदर स्थित उनके मुख्य मंदिर और अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है.

पूर्व वकील कमिश्नर ने मस्जिद के परिसर के अंदर हिंदू मंदिरों के साक्ष्य मलबे और यहां तक की दीवारों पर हिंदू आस्था के प्रतीक चिन्हों के मिलने का दावा किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा कि विरोध की वजह से कार्यवाही सीमित समय तक ही हो पाई है.

पूर्व वकील कमिश्नर रिजर्वेशन अपने रिपोर्ट में लिखा है कि प्रथम दिन की कारवाई शाम 5:45 पर खत्म हो गई थी. यह कार्रवाई 6 मई दिन शुक्रवार को 3:30 पर शुरु हुई थी. 6 मई को सूर्यास्त होने के कारण कार्रवाई को रोकना पड़ा था और 7 मई को फिर 3 बजे कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन कार्रवाई में प्रतिवादी संख्या एक और तीन ने असहयोग और अपनी जिम्मेदारियों का दायित्व सही ढंग से निर्वहन न करने के कारण एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करने की वजह से विवादित स्थल पर जिसके बाबत कमीशन रिपोर्ट की मांग की गई थी.

मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया था विरोध

उसमें लगभग 100 लोग जो मुस्लिम समुदाय के थे. उन लोगों के इकट्ठा हो जाने के कारण प्रशासन और पुलिस ने असमर्थता जाहिर की और कमीशन कार्यवाही मुख्य रूप से न करने की बात कही थी. इसके कारण 4:50 बजे शाम को ही कमीशन की कार्रवाई रोकनी पड़ी थी.

अजय मिश्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि कमीशन कार्यवाही विभिन्न विधाओं का निरीक्षण करते हुए विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेडिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों के मलबे जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति तथा अन्य शिलापट्ट कमल की कलाकृति देखी गई है. पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार के स्पष्ट रूप से कमल और अन्य इलाके में आकृतियां दिखी हैं.

उत्तर पश्चिम के कोने पर गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है. सभी शिलापट्ट और आकृतियों की वीडियोग्राफी कराई गई है. उत्तर पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य दीवार पर शेषनाग की कलाकृति जैसी आकृति देखी गई है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.

चार मूर्तियों की आकृति विशेष

इसमें 4 मूर्तियों की आकृति विशेष है, जिस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है. चौथी आकृति जो मूर्ति कि तरह प्रतीत हो रही है. उस पर सिंदूर लगा हुआ है. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है. आगे का हिस्सा दिया जलाने के उपयोग में लाया हुआ प्रतीत हुआ है. त्रिकोणीय ताखा जैसे जिसमें फूल रखे हुए थे. इसकी वीडियोग्राफी कराई गई है.

सिंदूरी रंग में रंगी हुई एक मूर्ति जो वीडियोग्राफी में है. इसके अलावा कुछ पुराने भवन के अवशेष भूमि पर काफी लंबे समय से पड़ी प्रतीत हो रहे थे. प्रथम दृष्टया किसी बड़े भवन के अंश नजर आते हैं. इनके पीछे पूर्व दिशा बैटिंग के अंदर मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है.

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Last Updated : May 19, 2022, 8:05 AM IST
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