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द्रौपदी के श्राप से हस्तिनापुर को मुक्त कराने की कवायद तेज, जानिए क्या है मान्यता

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Published : Aug 14, 2022, 10:45 AM IST

Updated : Aug 16, 2022, 4:52 PM IST

हस्तिनापुर एक पर्यटन स्थल है. प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक (up jal shakti dinesh khatik) ने बताया कि हस्तिनापुर से विधायक बनने के बाद विकास के लिए काफी योजनाएं शुरू की गई हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को हस्तिनापुर के विकास के लिए कई कार्य योजनाएं भेजी गई हैं. प्रदेश सरकार हस्तिनापुर के विकास (hastinapur developed as a tourist destination) के लिए योजनाएं बना रही है. यहां के करीब 38 किलोमीटर के क्षेत्र को महाभारत सर्किट के तौर पर विकसित करने के लिए लंबे समय से योजना बनाई जा रही है.

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मेरठः ऐतिहासिक पौराणिक धार्मिक महत्व की हस्तिनापुर को द्रौपदी के श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए लगातार योगी सरकार प्रयास कर रही है. महाभारत के अनुसार चीरहरण के बाद द्रौपदी ने हस्तिनापुर को श्राप दिया था, कि जहां नारी का सम्मान नहीं होता है, वहां विकास नहीं होगा. हालांकि योगी सरकार और जिला प्रशासन इस प्राचीन नगरी के कायाकल्प करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है. योगी 2.0 के बाद तो यहां सरकार भी सक्रिय दिखाई दे रही है. इस नगरी को टूरिज़्म पैलेस के तौर पर स्थापित करने को प्रयास तेज हो गए हैं.

जानकारी देते जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक और मेरठ DM दीपक मीणा

उल्लेखनीय है कि हस्तिनापुर दशकों से अपने विकास की देख रहा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व की सरकार के पिछले कार्यकाल में भी यहां के विकास के लिए काफी कोशिश की गई थी. अब एक बार फिर से इस ऐतिहासिक पौराणिक धार्मिक महत्व की नगरी के कायाकल्प के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

हस्तिनापुर में महाभारत काल के दौरान पांडवों ने अपना अज्ञातवास गुजारा था. इसके कई साक्ष्य आज भी इस धरती पर मौजूद है. हस्तिनापुर में विदुर कुटी, बरनावा का लाक्षागृ, कुंती रसोई, पांडव मंदिर के अलावा और भी कई ऐसी धरोहर हैं, जो यह साबित करती हैं कि पांडवों ने यहां समय गुजारा था. हिंदू धर्म के चार युगों में से हस्तिनापुर नगरी का जिक्र द्वापरयुग में मिलता है. द्वापर युग महाभारत काल का समय था. वहीं, महाभारत के अनुसार हस्तिनापुर कौरवों के अधीन हुआ करता था. भगवान श्रीकृष्ण, भीष्म, पांडव, धृतराष्ट्र, दुर्योधन और युधिष्ठिर समेत अन्य पांडवों से जुड़ा रहा है. हस्तिनापुर में जब भी चुनाव हुआ है, तब द्रौपदी का श्राप यहां मुद्दा बनता है.

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पुराणों के अनुसार द्रौपदी ने हस्तिनापुर को श्राप दिया था कि जिस जगह नारी का सम्मान नहीं होता, उस जमीन पर कोई विकास नहीं हो पाएगा. ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी का यह श्राप आज भी असरदार है. युधिष्ठिर ने कौरवों के साथ जुए में द्रौपदी को दांव पर लगाया था और वह दांव कौरवों ने जीता था. जिसके बाद द्रौपदी का खुली सभा में चीरहरण किया गया था. इससे दुखी होकर द्रौपदी ने श्राप दिया था. हस्तिनापुर आज भी विकास के इंतजार में हैं. पुराणों के अनुसार महाभारत काल में हस्तिनापुर पांडवों की राजधानी हुआ करता था.

राज्यमंत्री दिनेश खटीक (up jal shakti dinesh khatik) ने बताया कि प्रदेश सरकार हस्तिनापुर के विकास को लेकर बेहद गंभीर है और भी कई नए प्लान नगर को संवारने के लिए बना रहे हैं. हस्तिनापुर का सिर्फ विकास ही नहीं करना, बल्कि इसे एक बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर पहचान भी दिलानी है. वहीं, डीएम दीपक मीणा ने बताया कि हस्तिनापुर को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने को प्रयास जारी हैं. यहां एक खास म्यूजियम भी बनाया जाएगा.

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Last Updated : Aug 16, 2022, 4:52 PM IST
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