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सीएम योगी ने कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आर्थिक गतिविधियों को तेज करने का दिया निर्देश

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Published : May 14, 2020, 1:32 PM IST

सीएम योगी ने आर्थिक गतिविधियों को तेज करने का दिया निर्देश.
सीएम योगी ने आर्थिक गतिविधियों को तेज करने का दिया निर्देश.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आने वाले श्रमिकों के लिए निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में श्रमिक पैदल न चलें. कहीं भी व्यक्ति पैदल चलते मिले तो उसके लिए वाहन की व्यवस्था की जाए. वहीं सीएम ने कोरोना प्रोटोकाल के साथ आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के भी निर्देश दिए.

लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव का अभी तक न तो किसी इलाज का इजात हुआ है न ही इसके लिए कोई वैक्सीन की व्यवस्था हो सकी है. इसीलिए सरकारें सीधे तौर पर यह कह रही हैं कि अब कोरोना के साथ सामंजस्य बिठाकर जीने की आदत डालनी होगी. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपर मुख्य सचिव एवं सूचना अवनीश अवस्थी ने मीडिया से बात करते हुए सीधे तौर पर कहा कि घर के अंदर हों या कार्यक्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जीवन जीने की आदत डालनी होगी. कहीं भी जाएं तो सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहें. यही आपको कोरोना संक्रमित होने से बचा सकता है.

किसी भी दशा में श्रमिक पैदल न चलें
बुधवार को मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आने वाले श्रमिकों के लिए निर्देश दिया है. सीएम ने कहा कि किसी भी सूरत में श्रमिक पैदल न चलें. कहीं भी व्यक्ति पैदल चलते मिले तो उसके लिए वाहन की व्यवस्था की जाए. रेलवे और अन्य राज्यों का सहयोग लेकर श्रमिकों को लाया जा रहा है. विशेषकर बार्डर के जिलों झांसी, महोबा, प्रयागराज, सहारनपुर, मथुरा, शामली समेत अन्य में यह व्यवस्था की गई है. वहां मिलने वाले लोगों के बारे में संबंधित जिलाधिकारी को सूचना दी जाती है. उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है.

सरकारी विभाग की जमीन पर लगाए जाए उद्योग
अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आज औद्योगिक विकास विभाग को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि अपनी सेक्टोरियल नीति को तुरंत लाएं. बहुत ही जल्दी उद्योग विभाग के अलग-अलग सेक्टर के लिए भी सेक्टोरियल नीतियां लेकर आएगी, जिसपर कैबिनेट का निर्णय हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बहुत बड़ा भूभाग है. सरकारी विभाग की जमीन बहुत है. इसे चिन्हित करके इन भूमि में उद्योग लगाया जाए.

मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों के उत्तर प्रदेश में रह रहे श्रमिकों को भी उनके राज्यों में भेजने के निर्देश दिए हैं. जनसुनवाई पोर्टल पर अब तक करीब ढाई लाख लोगों ने अपने-अपने राज्य जाने के लिए आवेदन किया है. हम उन प्रदेशों से बात कर रहे हैं. अगर वह लोग तैयार हो जाएंगे तो उनके लिए जिलाधिकारी द्वारा ही पास जारी करने की व्यवस्था की जाएगी.

स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर लोगों का सर्वेक्षण कर रही है
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से 1744 संक्रमित ऐक्टिव केस हैं. पूर्णता उपचारित होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या एक हजार 902 हो गई है. यह शुभ संकेत हैं. एक्टिव केस से उपचारित होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा होने का सिलसिला कल यानी मंगलवार से शुरू हुआ है. कल पांच हजार 704 टेस्ट हुए हैं. सर्विलेंस का कार्य लगातार चल रहा है. हमारी टीम में घर-घर जाकर लोगों का सर्वेक्षण कर रही है. अब तक 71 हजार 916 टीमों के द्वारा दो करोड़ 96 लाख 90 हजार 794 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है.

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उन्होंने कहा कि लक्षणों के आधार पर उसकी रिपोर्टिंग की गई. उनकी सैंपलिंग की गई. पॉजिटिव पाने पर उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. आरोग्य सेतु एप का भी हम लगातार उपयोग कर रहे हैं. एप के माध्यम जो भी अलर्ट जनरेट होते हैं, उसे जिलों के साथ साझा किया जाता है. जिलों के लोग उन लोगों से संपर्क करके उनका हालचाल पूछते हैं, जानकारी प्राप्त करते हैं. अगर कोई पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे इलाज के लिए भर्ती कराया जाता है. इसके अलावा कंट्रोल रूम से भी लगातार उन लोगों से संपर्क कर रहे हैं.

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों के लिए एक प्रोटोकॉल बनाया गया है. उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. लक्षण नहीं पाने जाने की स्थिति में उन्हें 21 दिन के होम क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है. जिन्हें लक्षण मिल रहा है तो उन्हें चिकित्सालय में भर्ती करवाया जा रहा है. हेल्पलाइन नंबर 18001805145 पर फोन करके लोग अपने लक्षणों के बारे में जानकारी देकर मदद ले सकते हैं. यदि विशेषज्ञ परीक्षण कराने के लिए कहते हैं तो उन लोगों को परीक्षण कराने के लिए आना चाहिए. पॉजिटिव पाए जाने पर निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था है. संक्रामक बीमारी है. किसी को भी हो सकती है. इसमें किसी भी प्रकार की हीनता और लज्जा की बात नहीं होनी चाहिए. मरीज के प्रति किसी भी प्रकार की दुर्भावना हमारे अंदर नहीं होनी चाहिए.

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