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लोकसभा चुनाव 2024: इस बड़े दांव के साथ रालोद मुखिया जीतेंगे लोकसभा चुनाव !

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Published : May 28, 2022, 5:31 PM IST

Updated : May 28, 2022, 6:18 PM IST

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2024 चुनाव में 'रामशीष' के भरोसे रालोद मुखिया

आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल ने एक बड़ा दांव खेला है. आरएलडी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिए एक अध्यक्ष के साथ दो कार्यवाहक अध्यक्षों की भी तैनाती की है. पार्टी के मुखिया चौधरी जयंत सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान पूर्व विधायक रामाशीष राय को सौंपी है.

लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय लोक दल (Rashtriya Lok Dal) ने एक बड़ा दांव खेला है. पहली बात आरएलडी ने देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिए एक अध्यक्ष के साथ दो कार्यवाहक अध्यक्षों की भी तैनाती की है. यह कार्यवाहक अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष के साथ मिलकर संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे.

अभी तक जिस राष्ट्रीय लोक दल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पार्टी (Western Uttar Pradesh Party) ही माना जाता रहा है, उसे अब यही नेता धार देते हुए समूचे उत्तर प्रदेश में फैलाने का काम करेंगे. खास बात यह भी है कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी जयंत सिंह (Rashtriya Lok Dal chief Chaudhary Jayant Singh) ने उत्तर प्रदेश के मुखिया के रूप में जिस नेता को कमान सौंपी है, वह भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय रूप से काम कर चुके हैं.

2024 चुनाव में रामशीष के भरोसे रालोद मुखिया.

भारतीय जनता युवा मोर्चा (Bharatiya Janata Yuva Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक रहे हैं. उस समय उन्होंने वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ भी काम किया है. ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय बीजेपी की रग-रग से वाकिफ हैं. पार्टी को उम्मीद है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने में रामाशीष राय की अहम भूमिका होगी.

राष्ट्रीय लोकदल ने उत्तर प्रदेश में पहली बार संगठन को मजबूत करने के लिए अलग तरह का प्लान बनाकर लागू किया है. पार्टी के मुखिया चौधरी जयंत सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष की कमान पूर्व विधायक रामाशीष राय को सौंपी है. रामाशीष भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं और उन्होंने संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए उन्हें उस तरह की ऊंचाई हासिल नहीं हो पाई जिस तरह की ऊंचाई आज भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के लिए काम करते हुए नेताओं को हासिल हो रही है. शायद इसीलिए उन्होंने एक साल पहले भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कहकर राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया था.

वर्तमान में वे राष्ट्रीय लोकदल किसान मोर्चा (Rashtriya Lok Dal Kisan Morcha) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. पिछले दिनों आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने रामाशीष राय को उत्तर प्रदेश का दायित्व सौंपकर पार्टी को मजबूत करने की उम्मीद जताई है. पार्टी के नेताओं को भी लग रहा है कि रालोद मुखिया ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक ऐसा चेहरा दिया है जो सभी को साथ लेकर चलने वाला है और भाजपा की कार्यशैली को बखूबी जानता है. ऐसे में पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है.

संगठन को मजबूत करेंगे दो कार्यवाहक अध्यक्ष : प्रदेश अध्यक्ष के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के लिए दो कार्यवाहक अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं. इन कार्यकारी अध्यक्षों को पूरे उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. फ्रंटल संगठनों की जिम्मेदारी कंवर हसन निभाएंगे तो मंजीत सिंह सेक्टर संगठनों को मजबूत करेंगे. ऐश्वर्यराज सिंह टीम आरएलडी के लिए प्रदेश में काम करेंगे.

समीकरणों का भी रखा गया पूरा ख्याल : आरएलडी अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह (RLD President Chaudhary Jayant Singh) ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर हर जाति और वर्ग को खुश करने का भी पूरा गुणा गणित पदाधिकारियों की तैनाती में किया है. समीकरण ऐसे बिठाए हैं जिससे हर जाति और वर्ग में संदेश जा सके कि आरएलडी सभी को साथ लेकर चलती है. सभी को प्रतिनिधित्व दिया जाता है. जहां प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भूमिहार ब्राह्मण रामाशीष राय को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनाया. वहीं, सिख समाज से ताल्लुक रखने वाले मंजीत सिंह को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष (प्रभारी सेक्टर संगठन) बनाया. अल्पसंख्यक वर्ग से कंवर हसन कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष (प्रभारी फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन) और क्षत्रिय चेहरे के रूप में ऐश्वर्यराज सिंह को टीम आरएलडी का प्रदेश संयोजक नियुक्त किया है.

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धीरे-धीरे मजबूत हो रही है पार्टी : राष्ट्रीय लोकदल की बात करें तो जिस तरह से पार्टी धरातल पर पहुंच गई थी. उससे यही लग रहा था कि अब राष्ट्रीय लोक दल का फिर से खड़े हो पाना मुश्किल होगा लेकिन चौधरी जयंत सिंह ने सूझबूझ के साथ पार्टी को नेतृत्व दिया. एक बार फिर राष्ट्रीय लोक दल मजबूती से आगे बढ़ने लगी है जहां इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी के आठ विधायक जीते. वहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह भी अब राज्यसभा सांसद बनने वाले हैं. ऐसे में पार्टी मजबूती के साथ उत्तर प्रदेश में पैर पसारने लगी है. अब एक प्रदेश अध्यक्ष के साथ दो कार्यवाहक अध्यक्ष की तैनाती से अलग-अलग क्षेत्रों में पार्टी का फैलाव होगा जिससे समूचे उत्तर प्रदेश में पार्टी अपना संगठन विस्तार करने में सफल होगी.

क्या कहते हैं प्रवक्ता : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी का कहना है कि एक प्रदेश अध्यक्ष के लिए उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है. यही सोचकर राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए हैं. प्रदेश अध्यक्ष के रूप में रामाशीष राय तो कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में फ्रंटल संगठन का काम कंवर हसन और सेक्टर संगठन का काम मंजीत सिंह देखेंगे. इससे आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी का संगठन मजबूत होगा और हमें उम्मीद है कि पार्टी लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी. चौधरी जयंत सिंह अपने दादा चौधरी चरण सिंह और पिता चौधरी अजीत सिंह की तरह जातिवादी राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं. राष्ट्रीय लोक दल पार्टी किसान मजदूरों और कामगारों की पार्टी रही है. उन्हीं में से लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है.

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Last Updated :May 28, 2022, 6:18 PM IST
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