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लखनऊ: डाॅक्टर ने पेश की मानवता की मिशाल, बिछड़े को परिवारजनों से मिलाया

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Published : May 22, 2019, 3:27 AM IST

बलरामपुर अस्पताल में किसी ने एक लावारिस मरीज को भर्ती कराया था, जिसके बाद बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन ने युवती का इलाज किया और उसके परिजनों से वापस मिलाने में उसकी मदद की.

बलरामपुर जिला अस्पताल

लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल का एक चिकित्सक एक लावारिस मरीज का सहारा बन गया. चिकित्सक ने पहले अपने खर्चे पर मरीज का इलाज कराया और जब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गई तो उसे उसके परिवारजनों से मिलवाने में भी अहम भूमिका निभाई.

बलरामपुर अस्पताल के फिजीशियन ने पेश की आत्मीयता की मिशाल
  • बलरामपुर अस्पताल में माह भर पहले एक युवती को किसी ने गंभीर हालत में छोड़ दिया था.
  • किशोरी के शरीर में खून की कमी थी और उसके पैरों में सूजन के साथ शरीर पर चोट के निशान भी थे.
  • बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. विष्णु कुमार ने युवती की दवाइयों से लेकर खाने-पीने और कपड़े की व्यव्स्था की.
  • तकरीबन 10 दिन के इलाज के बाद युवती की हालत सुधरी तो उसने अपना पता बताया.

हालत में सुधार के बाद युवती ने अपना पता कानपुर और पिता का नाम सरल और खुद का नाम राजकुमारी बताया. पुलिस से मदद से राजकुमारी के घर का पता किया गया. युवती कानपुर के रतन लाल नगर पुलिस चौकी क्षेत्र की की रहने वाली हैं. पुलिस की सूचना पर युवती के पिता रामसरन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने बताया कि बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पहले वह अपने भाई के साथ इलाज कराने अस्पताल गई और वहीं से गायब हो गई थी. इस पर थाने में बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बेटी के मिलने पर पिता ने चिकित्सक और अन्य सभी का आभार व्यक्त किया.

Intro:बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा एक लावारिस मरीज का सहारा बने पहले अपने खर्चे पर उसका इलाज कराया जब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गई तो उसे उसके परिवारजनों से मिलवाने में भी अहम भूमिका निभाई या चिकित्सा है डॉक्टर विष्णु कुमार।


Body:बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा एक लावारिस मरीज का सहारा बने पहले अपने खर्चे पर उसका इलाज कराया जब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गई तो उसे उसके परिवारजनों से मिलवाने में भी अहम भूमिका निभाई या चिकित्सा है डॉक्टर विष्णु कुमार।बलरामपुर अस्पताल में महा भर पहले कोई एक युवती को गंभीर हालत में छोड़ गया था। किशोरी को खून की कमी थी। उसके साथ पैरों में सूजन थी। कई स्थानों पर चोट के निशान थे। बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ विष्णु कुमार ने इस युवती को देखा तो उसे ब्लड की जरूरत थी। उन्होंने ही उसके खाने-पीने दवाइयों कपड़े आदि की व्यवस्था की। डॉ विष्णु ने बताया। कि युवती को चार यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। नर्सिंग स्टाफ की सेवा की बदौलत जो पूरी तरह से स्वस्थ है। जब भर्ती हुई थी। तो उसका हिमोग्लोबिन 2.8 के करीब था। अब 12 तक पहुंच गया है। शरीर के घाव भी भर गए हैं। करीब 10 दिन के इलाज के बाद वह बातचीत करने लगी। काफी प्रयास के बाद उसने अपना पता कानपुर बताया। पिता का नाम सरल और खुद का नाम राजकुमारी बताया। इस पर पुलिस से मदद ली गई। आखिरकार राजकुमारी का पता मिल गया। वह कानपुर के रतन लाल नगर पुलिस चौकी क्षेत्र की पुलिस की सूचना राजकुमारी के पिता रामसरन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने बताया। कि रतनलाल नगर पुलिस चौकी के सिपाहियों ने उसकी बेटी के बारे में बताया तो भागे चले हैं। उन्होंने बताया कि बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पहले वह अपने भाई के साथ इलाज कराने अस्पताल गई वहीं से गायब हो गई। इस पर थाने में बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई पुलिस ने कानपुर में खोजबीन की लेकिन वहां लखनऊ चली आई थी। इसलिए नहीं मिल पाई। कुमार व अन्य चिकित्सकों का आभार जताया।

बाइट-डॉ राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल


Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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