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NIA खंगालेगी आतंकी मिनहाज के 22 दोस्तों का सच! 178 कॉल व 16 ईमेल से खुलेगा राज

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Published : Aug 3, 2021, 1:12 AM IST

लखनऊ में अलीगंज के बड़ा हनुमान मंदिर व मनकामेश्वर मंदिर को उड़ाने की धमकी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है. NIA को शक है कि संदिग्ध आतंकी मिनहाज और मुशीरुद्दरीन के पकड़े जाने के बाद अल-क़ायदा (al-qaeda) आतंकी चुप नहीं बैठेंगे.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी

लखनऊ: NIA 15 अगस्त से पहले यूपी दहलाने की अल-क़ायदा की साजिश रचने वाले काकोरी से गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी मिनहाज और मुशीरुद्दरीन का लिंक खंगालने में जुटी हुई है. मिनहाज के पास मिले मोबाइल फोन में इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल में शामिल 22 दोस्तों के बारे में टीम जानकारी एकत्र कर रही है. NIA का मानना है कि अलीगंज के बड़ा हनुमान मंदिर व मनकामेश्वर मंदिर को उड़ाने की धमकी में कहीं न कहीं मिनहाज और मुशीरुद्दरीन से जुड़े लोग ही शामिल हैं.


NIA मिनहाज के सात दिनों में किए गए 178 कॉल व 16 ईमेल को खंगाल रही है. हर कॉल और ईमेल की बारीकी से पड़ताल की जा रही है. इनमें सात कॉल पाकिस्तान व नेपाल में की गयी थीं. इस अवधि से पहले सात दिन में बमुश्किल 60-65 कॉल ही की गई थीं. अचानक सात दिन में ज्यादा कॉल की गयीं. NIA व खुफिया विभाग को आशंका है कि अल-क़ायदा संगठन से जुड़े ये आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे. यह खुलासा इन आतंकियों की कॉल डिटेल और मोबाइल चैटिंग से हुआ.

NIA इन आरोपियों की पाकिस्तान के पेशावर में बैठे कमाण्डर आतंकी उमर-अल-मण्डी से रिश्तों के बारे में भी पड़ताल कर रही है. दोनों आरोपियों ने अपने ईमेल अकॉउंट से 16 ईमेल भी किए थे. कंप्यूटर एक्सपर्ट से ई-मेल की जांच कराई जा रही है. मिनहाज के पास से बरामद मोबाइल फोन हैदराबाद में फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो NIA ने मोबाइल की फॉरेंसिक लैब में संपर्क कर जल्द जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है. दरअसल, छापेमारी के दौरान मिनहाज ने अपना मोबाइल फोन जला दिया था. NIA को मिनहाज के मोबाइल से आतंकियों के नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है.

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NIA, लखनऊ पुलिस की मदद से अलीगंज स्थित नया हनुमान मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर व अन्य धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी भरा पत्र भेजने के मामले में पुलिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. फुटेज के आधार पर संदिग्धों के बारे में पता लगाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो अलीगंज, हसनगंज, मड़ियांव और पुराने लखनऊ स्थित डाकघर व उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है. उन सभी संभावित रूट के फुटेज एकत्र किए जा रहे हैं, जहां से संदिग्धों के गुजरने की संभावना है.


UP ATS ने 11 जुलाई को लखनऊ के काकोरी इलाके में कई घंटे सर्च ऑपरेशन के बाद मिनहाज और मुशीरुद्दरीन को गिरफ्तार किया था. इनको पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और प्रेशर कुकर बम बरामद किया गया था. आतंकी लखनऊ और यूपी के अन्य इलाकों में सीरियल ब्लास्ट करने की तैयारी में थे. ये भी सामने आया था कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे. इसके बाद ही एटीएस ने इन आतंकियों के तीन मददगारों मुईद, मुस्तकीम और शकील को भी पकड़ा था.

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