ETV Bharat / city

जब-जब प्रियंका ने दिखाया दम, तब-तब सरकार को पीछे खींचने पड़े कदम

author img

By

Published : Oct 6, 2021, 10:45 PM IST

Updated : Oct 6, 2021, 11:01 PM IST

प्रियंका गांधी.
प्रियंका गांधी.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के आगे आखिरकार प्रदेश सरकार को झुकना ही पड़ा. यह कोई पहला मौका नहीं है, इससे पहले हाथरस, उन्नाव और सोनभद्र के उम्भा में हुई घटना में सरकार को प्रियंका के आगे सरकार को अपने कदम पीछे खींचना पड़ा था.

लखनऊः कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने जब-जब दम दिखाया तब-तब सरकार को अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया. लखीमपुर में मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात की जिद पर अड़ी प्रियंका ने जब रविवार रात बारिश में ही लखनऊ से कूच कर दिया तो सरकार को भी उम्मीद नहीं थी कि नतमस्तक होना पड़ जाएगा. यह कोई पहला मौका नहीं है, जब प्रियंका के दांव के आगे सरकार का कोई भी पेंच काम न आया हो. इससे पहले हाथरस, उन्नाव और सोनभद्र के उम्भा में सरकार को प्रियंका के आगे झुकना ही पड़ा था.

चार दिन पहले लखीमपुर में केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे पर ही आरोप लगा कि उसने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी. गाड़ी के नीचे आने से कई किसान कुचलकर मर गए. इसके बाद किसानों की तरफ से भी हमला किया गया और कई अन्य लोगों की भी मौत हो गई. इस हृदयविदारक घटना ने पूरी सियासत में खलबली मचा दी. वैसे तो दिल्ली से लखनऊ के लिए प्रियंका गांधी को सोमवार को आना था, लेकिन इस घटना के बाद रात में ही प्रियंका गांधी लखनऊ पहुंचीं और देर रात बारिश में ही लखीमपुर में किसान परिवारों से मिलने के लिए निकल पड़ीं. सरकार ने उन्हें रास्ते में रोकने का प्रयास जरूर किया लेकिन यह सारे प्रयास विफल हुए. सीतापुर में प्रियंका गांधी को रोकने में सरकार कामयाब हुई. पुलिस प्रशासन ने प्रियंका को हिरासत में ले लिया. इसके बाद मंगलवार को कई धाराएं लगाकर उन्हें अरेस्ट कर लिया. इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता उग्र हो गए और यहां अपनी नेता के समर्थन में सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू की. मृतक किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला.

बहन की गिरफ्तारी होते ही नाराज हो गए राहुल गांधी
प्रियंका ने साफ कर दिया कि सरकार जब तक मुकदमे वापस नहीं लेती और लखीमपुर में किसानों के परिजनों से मिलने नहीं देती तब तक वह सीतापुर में ही रहेंगी. बिना मिले वापस नहीं लौटेंगी. प्रियंका ने उपवास भी रखा, अनशन भी शुरू किया, झाड़ू लगाकर श्रमदान भी किया. जब बहन की गिरफ्तारी हुई तो भाई राहुल गांधी भी नाराज हो गए और उन्होंने लखीमपुर जाने का फैसला ले लिया. सीतापुर में चार दिन हिरासत और अरेस्टिंग करने के बाद आखिरकार सरकार को प्रियंका की बात माननी ही पड़ी. बुधवार को लखनऊ होते हुए राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका से मिलने सीतापुर रवाना हुए और इसके बाद उन्हें साथ लेकर लखीमपुर भी गए.

सोनभद्र के उम्भा में भी हुई थी प्रियंका की जीत
सोनभद्र के उम्भा में आदिवासियों के बीच जमीन को लेकर हुए खूनी संघर्ष में कई लोगों की मौत हो गई थी. यह विवाद भी राजनीतिक गलियारों में छा गया. इसके बाद आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए प्रियंका गांधी सामने आईं. उन्होंने दिल्ली से सीधे सोनभद्र के उम्भा गांव जाने का फैसला लिया. सरकार ने उन्हें वहां जाने से रोकने के लिए लाख प्रयास किए, लेकिन प्रियंका वहां पर भी सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं. पुलिस उन्हें डिटेन कर गेस्ट हाउस ले गई. प्रियंका ने साफ कर दिया था कि जब तक पीड़ित परिवारों से मुलाकात नहीं हो जाती उनसे बात नहीं कर लेतीं, उन्हें सांत्वना नहीं दे देतीं, तब तक किसी कीमत पर यहां से हिलेंगी नहीं. आखिरकार यहां पर भी सरकार और प्रशासन को प्रियंका की जिद के आगे झुकना ही पड़ा. जीत प्रियंका की हुई.

हाथरस में भाई-बहन की जोड़ी ने सरकार की सीमाएं तोड़ीं
हाथरस में एक दलित बेटी के साथ हुई बलात्कार की घटना और फिर रातों-रात उसे जला देने के कृत्य से पूरे प्रदेश में खलबली मच गई थी. तमाम नेताओं का पीड़ित परिवार से मिलने के लिए काफिला निकल पड़ा. यहां पर भी प्रियंका गांधी आगे आईं. भाई राहुल गांधी को भी अपने साथ लिया और सरकार की सभी सीमाओं को तोड़ते हुए भाई बहन की ये जोड़ी हाथरस में उस पीड़ित परिवार के घर पहुंचने में कामयाब हो गई. हालांकि सरकार ने उन्हें रोकने का लाख प्रयास किया था लेकिन प्रियंका और राहुल की जिद के आगे एक भी न चली. हाथरस जाते समय प्रियंका का एक और रूप सभी ने देखा. उन्होंने ड्राइविंग सीट खुद ही संभाली और हाथरस जाने वाली सभी पाबंदियों को तोड़ डाला.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर मामला : सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया


उन्नाव की घटना पर भी प्रियंका ने मारी बाजी
इसी तरह उन्नाव में एक महिला के साथ घटना हुई थी बलात्कार के बाद उस महिला को आग से जलाने का प्रयास किया गया था. महिला इतनी बुरी तरह जल गई कि उसे बेहतर इलाज के लिए लखनऊ से एअरलिफ्ट कर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. दो दिन के दौरे पर दिसंबर में प्रियंका गांधी लखनऊ आई थीं. उन्होंने सरकार को चकमा देते हुए सीधे उन्नाव का रुख कर दिया था, जबकि सरकार ने नेताओं के उन्नाव जाने पर रोक लगा रखी थी. प्रियंका ने आग के हवाले की गई पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की. परिवार को सांत्वना दी और सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर जमकर निशाना भी साधा था. यहां पर भी प्रियंका सफल हुईं और सरकार विफल.

हर बार कांग्रेस की जीत, सरकार की हार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह कहते हैं कि लखीमपुर में जो घटना घटी, जिसमें पत्रकार सहित आठ लोगों को गाड़ी से कुचल कर मार दिया गया. ये घटना भारतीय जनता पार्टी का फासीवादी चेहरा उजागर करती है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में आने के बाद भी एक शब्द अन्नदाता के बारे में न बोला. कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी लगातार तीन दिन से पुलिस हिरासत में थीं, जबकि उनका कसूर यह था कि वह पीड़ित जनों के आंसू पोछना चाहती थी. जिनको भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने कुचलकर मार डाला था, लेकिन सरकार को अब बैकफुट पर जाना पड़ा. उन पर से सारे मुकदमे वापस लेने पड़े.

जब कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री समेत बड़े नेता लखनऊ पहुंचे. राहुल ने कहा कि मुझे किसानों से मिलने से कोई नहीं रोक सकता. सरकार को अनुमति देनी पड़ी और हमारे नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल न केवल किसानों के साथ मुलाकात करने गए बल्कि दोनों सरकारों ने 50-50 लाख रुपये पीड़ित परिजनों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की.

नेता बृजेंद्र सिंह का कहना है कि कांग्रेस पार्टी मानकर चलती है कि यह सरकार न सिर्फ किसानों की विरोधी है बल्कि जवानों की भी विरोधी है. इस घटना में एक किसान खत्म हुआ है. उसका एक बेटा जो सेना में जवान है, उसी दिन छुट्टी पर घर आया था और उसे सूचना मिली कि उसके पिता की कुचलकर गाड़ी से हत्या कर दी गई. यह सबसे भयावह दृश्य था. यह सरकार पूरी तरह से निकम्मी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जिम्मेदारी से सभी की आवाज बनकर सबके साथ खड़ी है. हर बार जीत कांग्रेस की हो रही है.

Last Updated :Oct 6, 2021, 11:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.