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यूपी कैसे बनेगा एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश, CM योगी के लिए चुनौतियों को पार पाना आसान नहीं...

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Published : Jul 13, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Jul 13, 2022, 10:21 PM IST

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सीएम योगी

सीएम योगी(CM Yogi) ने उत्तर प्रदेश की इकॉनामी को एक ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा है. यह लक्ष्य चुनौतियों से भरा है. राजनीतिक विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों का दावा है कि यह काफी कठिन है. लेकिन इसे पूरा भी किया जा सकता है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा है कि, वह राज्य की इकॉनामी (state economy) को एक ट्रिलियन बनाएंगे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि वर्तमान समय में 20 लाख करोड़ की इकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के दावे कहीं हवा हवाई न साबित हो जाएं.

आखिर कैसे इतना बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. सिर्फ पांच साल में कैसे और क्या- क्या कुछ बड़े काम करने होंगे. जिससे एक ट्रिलियन इकॉनमी की अर्थव्यवस्था पहुंचाई जा सके. राजनीतिक विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों का दावा है कि यह काफी कठिन है. लेकिन इसे पूरा भी किया जा सकता है. इसे पूरा करने में तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी चालू कीमतों पर वर्ष 2022-23 के लिए 20 लाख 48 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है. यह वर्ष 2021-22 के मुकाबले 17.1 फीसदी ज्यादा है. इसे वर्ष 2026-27 तक वन ट्रिलियन डॉलर पर ले जाने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रखा है.

यूपी कैसे बनेगा एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश

मोटे तौर पर मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी का आकार लगभग 280 बिलियन डॉलर बैठता है. इस तरह यदि से 3.6 गुना बढ़ाया जाए तब वन ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, जो काफी कठिन और एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य है. सवाल यह है इतनी बड़ी चुनौतियों को सीएम योगी पार पाएंगे या नहीं? सरकार का दावा है कि बेहतर प्रबंधन बेहतर निवेश लाने की योजनाएं जैसे शासन के कामकाज के माध्यम से इसे प्राप्त किया जा सकता है.

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उत्तर प्रदेश की इकॉनामी को एक ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य रखा है

उत्तर प्रदेश की सकारात्मक नीतियों के माध्यम से सभी क्षेत्रों के विकास को आगे बढ़ाना होगा. इस दिशा में एक और पूंजी निवेश को बढ़ाना होगा. साथ ही विकास की विभिन्न परियोजनाओं को समय से पूरा करना बड़ी चुनौती होगी. ऐसा होने से अर्थव्यवस्था की समग्र कुशलता और उत्पादकता को बढ़ाया जा सकेगा और इससे ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी. यह तभी संभव होगा जब जवाबदेही, पारदर्शिता और मितव्ययिता पर टिकी सुशासन प्रणाली पर अमल होगा.

बेहतर निवेश के साथ ही खेती की ग्रोथ को 3 गुना तक बढ़ाकर बेहतर काम किया जा सकता है. गांव में खेती और गैर खेती की क्रियाओं के बीच बेहतर तालमेल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की गति को उल्लेखनीय और पर तेज किया जा सकता है. वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट की काफी अहम भूमिका निभा रही है.

नवाचार और बेहतर ब्रांड (Innovation and better brands) इन तथा मार्केटिंग सुविधाओं से इसकी उत्पादन रोजगार तथा निर्यात की संभावनाओं को प्रचुर रूप से बढ़ाया जा सकता है. एमएसएमई सेक्टर का भी अहम योगदान है. आईटी, मेडिकल, शिक्षा, डेटा तंत्र और रक्षा क्षेत्र के तेज विकास की भूमिका अहम होगी.

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खास बात यह है कि, उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के साथ-साथ डिफेंस सेक्टर में तमाम बड़े काम हो रहे हैं. रक्षा क्षेत्र के हथियार बनाने जैसे काम उत्तर प्रदेश में हो रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश को विकास की राह पर आगे ले जाने और अर्थव्यवस्था को और अधिक रफ्तार देने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.

भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी (Physical infrastructure and connectivity) के विस्तार से भी उत्तर प्रदेश की ग्रोथ को तेज करने में काफी मदद मिल रही है. पशु और पशु उत्पाद, चर्म और चर्म उत्पाद, निर्माण सामग्री, रत्न-आभूषण, कपड़ा-परिधान. इसके साथ ही वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट, एमएसएमई के उत्पाद शामिल हैं.

अन्य क्षेत्रों की बात करें तो मशीनरी, यांत्रिक उपकरण, बिजली इलेक्ट्रॉनिक सामान, ऑप्टिकल, फाइबर के सामान, चिकित्सा उपकरण, फार्मा सेक्टर के उत्पाद की निर्यात बढ़ाये जा सकते हैं. मीट डेयरी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, कॉरपेट एग्रो प्रोसेसिंग लेदर इंडस्ट्री क्षेत्र प्रमुख हैं. जिनसे निर्यात बढ़ाया जा सकता है.

क्या कहते हैं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना

प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Finance Minister Suresh Kumar Khanna) ने ETV BHARAT को फोन पर दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था कि लक्ष्य निर्धारित किए हैं, वह हम वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन के माध्यम से पूरा करने का प्रयास करेंगे.

2027 तक उत्तर प्रदेश कीइकोनॉमी को वन ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. हमने वित्तीय अनुशासन पर पूरी तरह से फोकस किया है. फिजूलखर्ची पर तेजी से अंकुश लगा रहे हैं. हमारा राजस्व संग्रह भी लगातार बढ़ रहा है. कोविड-19 के संकट काल के बावजूद हमने अपनी अर्थव्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया. आर्थिक मोर्चे पर हम बेहतर काम कर रहे हैं, जिससे उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में कामयाबी हासिल कर सकें.

इस मामले में वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर एपी तिवारी (Senior Economist Professor AP Tiwari) ने बताया कि सूबे के लिए वन ट्रिलियन डॉलर के बराबर के लिए जो इकॉनमी का लक्ष्य रखा गया है उसे हासिल करना है, वह एक चुनौतियों भरा काम है. लेकिन बेहतर काम करके इसे पूरा भी किया जा सकता है. योगी सरकार ने जो 1 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने का लक्ष्य रखा है. यह काफी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मुश्किल भी नहीं है. बेहतर वित्तीय अनुशासन और बेहतर कार्य योजना के माध्यम से इसे जरूर हासिल किया जा सकता है.

एसोचैम यूपी की इकोनॉमिक पॉलिसी एंड टैक्सेशन कमेटी (Economic Policy and Taxation Committee) के चेयरमैन मनीष खेमका ने कहा कि वर्तमान में हमारी 20 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था है. अब हमें 60 लाख करोड़ तक और जाना है और जो हर साल अर्थव्यवस्था की ग्रोथ होती है. 07 से 10 फीसदी की ग्रोथ होती है.

अगर हम 5 साल में नार्मल ग्रोथ भी करेंगे तो, 20 लाख करोड़ की. जो अर्थव्यवस्था है, वह हम 5 साल बाद 30 लाख करोड़ तब तक पहुंच जाएंगे. लेकिन हमें पहुंचना है, 80 लाख करोड़ रुपये तक. इसके लिए हमें इससे 3 गुना और इन्वेस्टमेंट चाहिए. इसके लिए हर मोर्चे पर बेहतर काम करना होगा. तभी यह मुश्किल काम पूरा किया जा सकेगा.

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Last Updated :Jul 13, 2022, 10:21 PM IST
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