विधानसभा सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक

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Published : Sep 21, 2022, 7:23 PM IST

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सपा सदस्यों के वाकआउट करने के बाद भी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा जो भी आरोप लगाए वे मिथ्या हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कल जिस भाषाशैली का इस्तेमाल किया वह उनके पद की मर्यादा के अनुरूप नहीं थी.

लखनऊ : मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में खासी गरमागरमी दिखाई दी. प्रश्नप्रहर के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए जैसे ही खडे़ हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का कहना था कि जब इस मामले में नेता सदन कल पूरा जवाब दे चुके हैं तोइस विषय पर आज कोई वक्तव्य सुने जाने का औचित्य नहीं है. इस पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना था कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो मिथ्या आरोप लगाए गए हैं उनके बारे स्थिति स्पष्ट करना जरूरी है. सपा के सदस्य उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे. इसी बीच सपा सदस्यों और उपमुख्यमंत्री के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. बाद में सपा के सभी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए.

सपा सदस्यों के वाकआउट करने के बाद भी उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा जो भी आरोप लगाए वे मिथ्या हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कल जिस भाषाशैली का इस्तेमाल किया वह उनके पद की मर्यादा के अनुरूप नहीं थी. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल था कि टार्च की रोशनी में ऑपरेशन होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. प्रदेश में योगी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद से 14 जिलों को छोड़कर सभी जिलों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की जा चुकी है. मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गईं. यही नहीं रायबरेली और गोरखपुर में एम्स की स्थापना की गयी, जबकि सपा के कार्यकाल में तो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट ही नहीं आवंटित होता था. सारे स्वास्थ्य केंद्र लूट का अड्डा बने हुए थे. उपमुख्यमंत्री ने कहा वह अब तक 272 अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण कर चुके हैं और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि यह सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का नतीजा है कि प्रदेश के अस्पतालों में प्रतिदिन डेढ़ लाख लोगों का उपचार किया जा रहा है.

सदन में सपा के वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय ने पार्टी के वरिष्ठ नेता सांसद मो आजम खां के खिलाफ हो रही कानूनी कार्रवाई को बदले की भावना और राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि वह इस सदन के वरिष्ठ सदस्य रहे हैं. उन्हें न सिर्फ दो साल जेल में रखा गया, बल्कि उनके खिलाफ पेशेवर अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया. जमानत पर होने के बावजूद उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे हैं. यही नहीं सरकार उनकी जमानत तक खारिज कराने के लिए प्रयासरत है. जौहर विवि की खुदाई कराकर उसमें नगरपालिका की मशीनें बरामद कर उनके खिलाफ चोरी के नए-नए मुकदमे लिखे जा रहे हैं. माता प्रसाद ने कहा कि दो साल उन्हें सीतापुर में काल कोठरी में रखा गया. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि आजम खां के खिलाफ फर्जी मुकदमे लिखने बंद कराया जाएं. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब सदन के किसी सदस्य को न्याय नहीं मिलेगा तो कहां मिलेगा? सपा सदस्यों द्वारा आजम खां के मुद्दे पर उठाए गए आरोपों के जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि आजम खां पर फर्जी मुकदमे नहीं लगाए गए हैं. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की जा रही है. मुकदमे के वादी ने ही उनपर धमकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने शत्रु सम्पत्तियों सहित दलितों की जमीन पर कब्जा किया है.

उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. सपा के वरिष्ठ सदस्य लाल जी वर्मा ने सदन की समितियों के गठन का मामला उठाते हुए कहा कि सदन में विपक्ष के संख्याबल के आधार पर समितियों में उसके सदस्यों को मौका मिलना चाहिए. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आश्वासन दिया कि सत्रावसान के बाद समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. सपा के वरिष्ठ सदस्य मनोज कुमार पांडेय और राकेश कुमार सिंह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन में मंत्रियों द्वारा सदस्यों के पूछे गए सवालों का बिन्दुवार जवाब नहीं दिया जाता. इसके लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. इसी के साथ सपा के ही वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा ने सदन में आने वाली याचिकाओं का जवाब न मिलने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि आज भी कई याचिकाएं और आश्वासन समितियों में ऐसे प्रकरण लंबित हैं जिसमें न तो याचिकाएं लगाने वाले लोग बचे हैं न ही जवाब देने वाले सदन में हैं. इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सारी याचिकाओं का निस्तारण संभव नहीं हो पाता, इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एक दिन में पांच से ज्यादा याचिकाएं न लगाई जाएं.

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आज ही सदन में बसपा के उमाशंकर सिंह ने हाल ही में लखीमपुर खीरी के निघासन में दो दलित लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद उनके शवों का लटकाए जाने का मामला उठाया. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि इस मामले मे त्वरित कार्रवाई की गयी. आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इसी के साथ इस प्रकरण में सरकार ने आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाए जाने का निर्णय लिया है.

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