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यूपी बार काउंसिल पर कोरोना संक्रमित वकीलों की आर्थिक मदद में भेदभाव का आरोप

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Published : Jun 24, 2021, 2:35 PM IST

आगरा के रहने वाले एक 77 वर्षीय अधिवक्ता ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल पर कोरोना पीड़ित वकीलों की आर्थिक मदद में भेदभाव का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिस पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी. याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने कोर्ट से बार काउंसिल की तरफ से घोषित 25 हजार की आर्थिक मदद दिलाने की मांग की है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: कोरोना संक्रमित वकीलों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की घोषणा पर अमल करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की गई है. जिस पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी.

इससे पहले कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल से पूछा था कि अधिवक्ताओं को भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा. यदि जानकारी नहीं दी गयी तो कोर्ट दंडात्मक निर्देश जारी करेगा. इसके बाद इस मामले पर दो बार सुनवाई टली और अब इस मामले पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने आगरा के 77 वर्षीय वकील महेश कुमार शर्मा की याचिका पर दिया.

याचिका पर अधिवक्ता गौरव शर्मा ने बहस की

याची की तरफ से कहा गया कि वह सालों से वकालत कर रहा है. कोरोना पीड़ित होने के बाद वह 21 से 28 अक्टूबर 20 तक आइसोलेशन सेन्टर मे इलाज के लिए भर्ती था. बार काउंसिल की घोषणा के बाद उसने सारे दस्तावेज के साथ 13 नवंबर 2020 को अपनी अर्जी के साथ बार काउंसिल को दे दिए थे. लेकिन, उसे सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया. याची अधिवक्ता का कहना है कि बार काउंसिल ने लगभग दो सौ चुनिंदा वकीलों को ही आर्थिक सहायता दी है. पहुंच न रखने वाले आम वकीलों की मदद नहीं की जा रही है. याचिका में बार काउंसिल पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए, घोषित आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की गयी है.

इसे भी पढ़ें : मासूम से यौनाचार और हत्या का मामला, दोषी को मिली आजीवन कारावास की सजा HC ने रखी बरकरार

प्रयागराज: कोरोना संक्रमित वकीलों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की घोषणा पर अमल करने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की गई है. जिस पर अब 12 जुलाई को सुनवाई होगी.

इससे पहले कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल से पूछा था कि अधिवक्ताओं को भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा. यदि जानकारी नहीं दी गयी तो कोर्ट दंडात्मक निर्देश जारी करेगा. इसके बाद इस मामले पर दो बार सुनवाई टली और अब इस मामले पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश संजय यादव तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने आगरा के 77 वर्षीय वकील महेश कुमार शर्मा की याचिका पर दिया.

याचिका पर अधिवक्ता गौरव शर्मा ने बहस की

याची की तरफ से कहा गया कि वह सालों से वकालत कर रहा है. कोरोना पीड़ित होने के बाद वह 21 से 28 अक्टूबर 20 तक आइसोलेशन सेन्टर मे इलाज के लिए भर्ती था. बार काउंसिल की घोषणा के बाद उसने सारे दस्तावेज के साथ 13 नवंबर 2020 को अपनी अर्जी के साथ बार काउंसिल को दे दिए थे. लेकिन, उसे सहायता राशि का भुगतान नहीं किया गया. याची अधिवक्ता का कहना है कि बार काउंसिल ने लगभग दो सौ चुनिंदा वकीलों को ही आर्थिक सहायता दी है. पहुंच न रखने वाले आम वकीलों की मदद नहीं की जा रही है. याचिका में बार काउंसिल पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए, घोषित आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की गयी है.

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