प्रयागराज: कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद हुए देश के तीनों सेना के प्रमुख रहे जांबाज जनरल विपिन रावत (Bipin Rawat) की शहादत पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह (Sidharth Nath Singh) ने शोक जताते हुए इसे देश के लिए अपूर्णीय क्षति बताया. उन्होंने हेलीकॉप्टर में सवार सभी सैनिकों की मौत पर उन्होंने संवेदना प्रकट की.
यूपी सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री ने सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि प्रयागराज में अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने के लिए सीएम योगी ने जनरल रावत से बात की थी. इसके बाद उन्होंने किले में स्थित अक्षयवट को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलवाने के लिए प्रयास किया था. कुम्भ 2019 से ही संगम के नजदीक किले में स्थित प्राचीन अक्षयवट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेन्स स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने देश की सेना के साथ ही समाज के लिए भी कई सराहनीय कार्य किये थे. एक तरफ जहां पाकिस्तान के खिलाफ हुई सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान घाटी में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में उनकी रणनीति की विशेष भूमिका थी. वहीं दूसरी तरफ समाज के लिए किए गए उनके कार्यो को भूला नहीं जा सकता है.
उसी में से एक काम को याद कर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही उनकी जमकर सराहना की. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 2019 के कुम्भ मेले से पहले तक प्रयागराज में संगम के पास स्थित किले के प्राचीन अक्षयवट का दर्शन आम लोग नहीं कर पाते थे. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीडीएस जनरल विपिन रावत से बात की थी.
इसके बाद यूपी सरकार की मांग पर जनरल विपिन रावत ने पौराणिक महत्व वाले प्राचीनतम अक्षयवट को आम लोगों के दर्शन के लिए खुलवा दिया. यही नहीं सिद्धार्थनाथ सिंह ने उनके साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि देश ने सेना के बड़े रणनीतिकार को खो दिया है.
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प्रयागराज आये थे सीडीएस विपिन रावत: देश के सीडीएस बिपिन रावत 28 अगस्त 2018 को कुम्भ की शुरुआत से पहले प्रयागराज पहुंचे थे. उस वक्त उनके साथ देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं. उन्होंने केंद्रीय आयुध भंडार का भी निरीक्षण किया था.
इसके साथ ही जनरल रावत ने किले में स्थित अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर में भी दर्शन किया था. उन्होंने किले के ऊपर बने प्रेसीडेंट व्यू पॉइंट पर जाकर वहां से मेले क्षेत्र को देखा था. यही नहीं उसी समय जनरल रावत संगम के साथ ही लेटे हुए हनुमान मंदिर पर भी गए थे.
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