लखनऊ: उत्तर प्रदेश की जेलों में हो रहे टीकाकरण के आंकड़ों ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है. उत्तर प्रदेश की जेलों में इन दिनों 109049 बंदी बंद है. वहीं, इनमें से 47255 बंदियों को टीके की पहली डोज लगी है, जबकि 15064 बंदियों को दोनों डोज लग चुकी हैं. वहीं, दिल्ली से तुलना की जाए तो वहां केवल 8 फीसदी बंदियों को दोनों डोज लगाई गई हैं, जबकि दिल्ली में 16 जिलों में केवल 20000 बंदी निरूद्ध हैं. उत्तर प्रदेश की 72 जेलों में बंदियों की संख्या के मामले में देश की जेलों में बंद बंदियों की संख्या का 25 फीसदी है. उत्तर प्रदेश की जेलों में कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए बेहतर कार्य किए गए, जिससे कोरोना वायरस का प्रभाव जेल में बहुत कम रहा.
उत्तर प्रदेश की 72 जिलों में 109049 बंदी हैं. वहीं, इन बंदियों में 47255 बंदियों को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी हैं, जबकि 15064 यानी 14 फीसदी बंदियों को दोनों डोज अब तक लगाई जा चुकी है. देश की राजधानी दिल्ली की 16 जेलों के 20000 बंदियों में से अब तक केवल 8 फीसदी बंदियों को टीकाकरण की दोनों डोज लगाई गई हैं.
यह भी पढ़ें: चुनाव से पहले बदलेंगे पार्टी के तेवर, अयोध्या भूमि मुद्दे पर करारा जवाब देगी बीजेपी
राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 17 फीसदी सामान्य जन को टीके की सिंगल डोज लगाई गई है, जबकि 3.8 फीसदी लोगों को टीके की दोनों डोज लगाई गई हैं. उत्तर प्रदेश की जेलों में निरुद्ध बंदियों में अब तक 14 फीसदी बंदियों को दोनों डोज लगाई जा चुकी है. उत्तर प्रदेश के 72 जिलों में बंद 109049 बंदी कोरोना काल में लगातार सक्रिय रहे. जिलों में बंदियों ने 24 लाख मास्क बना डाले. वहीं, 3513 पीपी किट बनाईं. यह पीपी किट स्वास्थ्यकर्मियों के लिए खूब काम आईं. लखनऊ के जिला चिकित्सालय बलरामपुर जैसे बड़े अस्पताल और गैर सरकारी संस्थाओं को ही लागत दर पर यह पीपीई किट उपलब्ध कराई गई.