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गोरखपुर: बेरोजगारों के मंदिर 'एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज' को न जाने लगी किसकी नजर

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Published : Jun 18, 2019, 8:34 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज कार्यालय की स्थित बिगड़ती जा रही है. बेरोजगार युवाओं के लिए उम्मीद रहा यह केंद्र अब सरकारी नौकरी दिलाने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में निजी कंपनियां ही बेरोजगारों के लिए एकमात्र सहारा रह गया है.

एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज कार्यालय गोरखपुर.

गोरखपुर: पूरे देश में जब बेरोजगार और रोजगार की बात होती है तो 'एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज' नाम की एक संस्था बरबस ही लोगों को याद आ जाती है. एक वक्त था जब बेरोजगारी दूर करने की दिशा में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज का बड़ा किरदार होता था. यहां पंजीकृत ग्रेजुएट और तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद रहती थी, लेकिन जबसे प्रदेश में तृतीय श्रेणी की नौकरी के लिए भी आयोग के माध्यम से परीक्षा होने लगी तब से इस केंद्र की महत्ता तकरीबन खत्म हो गई.

सेवायोजन कार्यालय का खत्म होता रुतबा.

चतुर्थ श्रेणी में तो नौकरी ही बंद है. ऐसे में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज अब सिर्फ नाम का रोजगार सृजन केंद्र रह गया है. अब यहां महज प्राइवेट कंपनियों के रोजगार मेले आयोजित होते हैं और अच्छे अवसर की उम्मीद में बैठे युवाओं को छोटी-छोटी कंपनियों में नौकरी से संतुष्ट होना पड़ता है.

एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज का कम होता रुतबा

गोरखपुर में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1946 में हुई थी. स्थापना के बाद से ही इस केंद्र ने लाखों लोगों को रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति का मामला हो या फिर बाबू बनने से इंजीनियर तक सभी की नियुक्तियों का माध्यम यह एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज होता था. नौकरियां निकलती थीं तो यहां के पंजीकृत बेरोजगारों को आवेदन का मौका मिलता था. जिन्हें नौकरी मिलती थी उनके लिए यह केंद्र किसी मंदिर से कम नहीं होता था, लेकिन आज इस केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहता है. मौजूदा दौर में इस केंद्र पर रोजगार के लिए युवाओं की संख्या न के बराबर रह गई है, क्योंकि सभी सरकारी नियुक्तियों के लिए सरकार ने भर्ती आयोग बना दिए हैं. इसके चलते अब यह केंद्र सिर्फ प्राइवेट नौकरियों का रोजगार सृजन केंद्र बन कर रहा गया है.

सरकारी विभागों में भर्ती के लिए कई राज्य और संघ सेवा आयोग अस्तित्व में आ गए हैं. इसके चलते सेवायोजन केंद्रों की प्रासंगिकता कम हो गई है. अब यहां सिर्फ निजी कंपनियां रोजगार मेला लगाती हैं और योग्यता के मुताबिक युवाओं का चयन करती हैं.

-एपी सिंह, क्षेत्रीय सेवा योजना अधिकारी

यह केंद्र अब बेरोजगारों के लिए मात्र दिलासा का केंद्र है. देश-प्रदेश की तमाम प्राइवेट कंपनियां कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए इस केंद्र का सहारा लेती हैं और रोजगार मेले के माध्यम से नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं का चयन करती हैं. आंकड़ों की बात करें तो इस केंद्र के माध्यम से पिछले वर्ष करीब 6 हजार युवाओं को विभिन्न कंपनियों में रोजगार का अवसर मिला है. 19 जून को यहां विशाल रोजगार मेला लग रहा है, जिसमें सात कंपनियां भाग लेंगी. कुल 950 पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा.

पहले के मुकाबले इस केंद्र का महत्व कम हुआ है. सरकारी पदों पर नियुक्तियां बिल्कुल बंद हो चुकी हैं. ऐसे में समय-समय पर लगने वाले रोजगार मेलों में निजी कंपनियों में ही रोजगार के मौके मिल पाते हैं.

-रमेश कुमार, बेरोजगार युवा

Intro:गोरखपुर। पूरे देश में जब बेरोजगार और रोजगार की बात होती है तो' एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज' नाम की एक संस्था बरबस ही लोगों याद आ जाती है। बेरोजगारी को दूर करने का यह एक बड़ा केंद्र होता था। जिसमें पंजीकृत ग्रेजुएट और तकनीकी शिक्षा प्राप्त बेरोजगार इस उम्मीद पर कायम रहता था कि उसे एक न एक दिन रोजगार जरूर मिल जाएगा लेकिन जबसे प्रदेश में तृतीय श्रेणी की नौकरी के लिए भी आयोग के माध्यम से परीक्षा होने लगी इस केंद्र की महत्ता खत्म सी हो गई। चतुर्थ श्रेणी में तो नौकरी ही बंद है। ऐसे में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज अब सिर्फ नाम का रोजगार सृजन केंद्र रह गया है। अगर इसके पास कुछ बचा भी है तो वह सिर्फ प्राइवेट कंपनियों के लिए रोजगार मेले का आयोजन करना, जिसके माध्यम से युवा बेरोजगार छोटी-छोटी कंपनियों में नियोजित होते हैं।


Body:गोरखपुर में एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत में वर्ष 1946 में हुई थी। इस केंद्र ने हजारों नहीं, लाखों लोगों को रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन, मौजूदा दौर में इस केंद्र पर ना तो पहले जैसे पंजीकरण की भीड़ दिखाई देती है और न ही कार्यालय में वह चमक- धमक जो कभी यहां खत्म ही नहीं होती थी। कारण था कि यह केंद्र लोगों की जीविका का साधन बनता था। चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति का मामला हो या फिर बाबू बनने से लेकर इंजीनियर तक सभी की नियुक्तियों का माध्यम यह एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज होता था। नौकरिया निकलती थी तो यहां के पंजीकृत बेरोजगारों को आवेदन का मौका मिलता था। और जिन्हें नौकरी मिलती थी उनके लिए यह केंद्र किसी मंदिर से कम नहीं होता था। लेकिन आज इस केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहता है। क्योंकि सभी सरकारी नियुक्तियों का आधार सरकारों द्वारा बनाए गए कई तरह के आयोग हैं तो यह केंद्र सिर्फ प्राइवेट नौकरियों का रोजगार सृजन केंद्र बन कर रहा गया।

बाइट-एपी सिंह, क्षेत्रीय सेवा योजना अधिकारी, गोरखपुर


Conclusion:यह केंद्र अब बेरोजगारों के मात्र दिलासा का केंद्र है। देश- प्रदेश की तमाम प्राइवेट कंपनियां अपने यहां नौकरी के लिए इस केंद्र का अब सहारा लेती है और रोजगार मेले के माध्यम से नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं का चयन करती हैं। आंकड़ों की बात करें तो पिछले वर्ष करीब 6000 युवाओं को इस केंद्र के माध्यम से विभिन्न कंपनियों में रोजगार पाने का अवसर मिला है। एक बार फिर 19 जून को यहां विशाल रोजगार मेला लग रहा है। जिसमें सात कंपनियां भाग लेंगी और 950 पदोंके लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करेंगी। जिसमें बेरोजगारी के मारे युवाओं की भारी भीड़ पहुंचेगी।

बाइट- राकेश यादव, युवा बेरोजगार
बाइट- रमेश कुमार, बेरोजगार

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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