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आगराः ताज महल में दुधमुंहे को ब्रेस्ट फीडिंग करा सकेंगी माताएं

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Published : May 28, 2019, 6:59 PM IST

मोहब्बत की निशानी और सात अजूबों में शामिल ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग रूम आकार लेने लगा है. अब महिलाएं आराम से बैठकर अपने दुधमुंहे को यहां स्तनपान करा सकेंगी. महिला टूरिस्ट बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराने के लिए ताजमहल के पास ब्रेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है.

ताजमहल में बनेगा ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर

आगराः दुनिया के सात अजूबे में शामिल ताजमहल को देखने के लिए प्रतिदिन 20 से 25 हजार टूरिस्ट आते हैं. दुनिया के सबसे लोकप्रिय स्मारकों में से एक ताजमहल मुगल कालीन वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में भी शामिल किया गया है. सफेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत स्मारक को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में 1631 से 1648 के बीच बनवाया था.

ताजमहल में बनेगा ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर


वीकेंड और वेकेशन पर ताजमहल देखने वाले टूरिस्टों का आंकड़ा 40 से 45 हजार हो जाता है. इनमें ऐसे पर्यटक भी शामिल है, जो दंपत्ति हाल में ही मां बाप बने हैं. ऐसे में जब ये टूरिस्ट ताजमहल निहारने आते हैं तो उनके शिशु को ब्रेस्ट फीडिंग कराने के लिए ताजमहल में कोई जगह नहीं मिलती है. ऐसे में उन्हें बहुत दिक्कत होती है.


ताजमहल देश का एकमात्र ऐसा मॉन्यूमेंट बन जाएगा, जहां पर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने की सुविधा दी जाएगी. उन्हें अब शिशु के भूख लगने पर एकांत नहीं खोजना पड़ेगा. भीड़-भाड़ में महिलाओं को अकसर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता था. इसके समाधान और बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से यह सराहनीय कदम उठाया गया है. जिसके तहत अब महिला टूरिस्ट को ब्रेस्ट फीडिंग रुम की सुविधा दी जाएगी.

ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर बन रहा है तो बहुत अच्छी बात है. ताजमहल देखने आने वाली दूसरी महिलाओं को यह सुविधा मिलेगी तो उन्हें इधर-उधर एकांत तलाशना नहीं करनी पड़ेगी.
-रिप्सी कुशलानी ,टूरिस्ट


ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग रूम को क्लीनचिट मिल गई है. रॉयल गेट के बाएं तरफ वीवीआईपी टॉयलेट के पास ब्रेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है. ब्रेस्ट फीडिंग रूम में महिलाओं के बैठने के लिए गद्दा, पंखा, कुर्सी और लाइट की व्यवस्था की जाएगी.

-वसंत कुमार स्वर्णकार, पुरातत्व अधीक्षक

Intro:आगरा.
मोहब्बत की निशानी और सात अजूबों में शामिल ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग रूम आकार लेने लगा है. अब महिलाएं आराम से बैठकर अपने दुधमुंहे को यहां पर स्तनपान करा सकेंगे. अभी उन्हें शिशु के भूख लगने पर ताजमहल में एकांत खोजना पड़ता था. जिसमें दिक्कत आती थी. कभी कभी भीड़-भाड़ में महिलाओं को शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता था. इसके समाधान और बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग की ओर से यह सराहनीय कदम उठाया गया है. जिसके तहत अब महिला टूरिस्ट के मासूम को बेस्ट फीडिंग कराने के लिए बेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है. अब ताजमहल देश का एकमात्र ऐसा मॉन्यूमेंट बन जाएगा, जहां पर महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने की सुविधा दी जाएगी.



Body:मोहब्बत की निशानी ताजमहल देखने के लिए प्रतिदिन 20 से 25 हजार टूरिस्ट आते हैं.वीकेंड और वैकेशन पर ताजमहल देखने वाले टूरिस्टों का आंकड़ा 40 से 45 हजार हो जाता है. इनमें ऐसे पर्यटक भी शामिल है, जो दंपत्ति हाल में ही मां बाप बने हैं. ऐसे में जब ये टूरिस्ट ताजमहल निहारने आते हैं तो उनके शिशु को बेस्ट फीडिंग कराने के लिए ताजमहल में कोई जगह नहीं मिलती है. ऐसे में उन्हें बहुत दिक्कत होती है. महिलाएं यहां वहां बैठकर एकांत में मासूम को बेस्ट फील्डिंग कराते हैं. इसे देखकर एएसआई की ओर से ताजमहल में बेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है.
नागपुर से 5 माह के बेटी के साथ ताजमहल देखने आई रिप्सी कुशलानी ने बताया पहले ही हमने गर्मी में ताजमहल देखने का टूर बनाया. यहां आए तो बहुत गर्मी थी. बच्ची भूखी थी. परेशान थी. ऐसे ही बैठ कर उसे फीडिंग कराया, लेकिन यदि ताजमहल में ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर बन रहा है तो बहुत अच्छी बात है. ताजमहल देखने आने वाली दूसरी महिलाओं को यह सुविधा मिलेगी तो उन्हें इधर-उधर एकांत नहीं तलाशना नहीं पड़ेगा.
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया बीते दिनों में ताजमहल का निरीक्षण कर रहा था. तभी मैंने देखा कि एक महिला सीढ़ियों के पास बैठी है और मासूम को ब्रेस्ट फीडिंग करा रही है. पहले ही हम ताज महल में टूरिस्टों को तमाम सुविधाएं दे रहे. ऐसे में यदि मासूम और महिलाओं बेस्ट फीडिंग कराने के लिए एक जगह बन जाए तो बहुत बेहतर होगा. इसलिए इसका प्रोजेक्ट बनाकर मुख्यालय दिल्ली भेजा. जहां से क्लीनचिट मिल गई. अब ताजमहल परिसर में रॉयल गेट के बाएं तरफ वीवीआईपी टॉयलेट के पास ब्रेस्ट फीडिंग रूम बनाया जा रहा है. रूम बरामदे में तैयार किया जा रहा है. उसमें एल्युमिनियम का फ्रेम लगाया जा रहा है.ब्रेस्ट फीडिंग रूम में महिलाओं के बैठने के लिए गद्दा, पंखा, कुर्सी और लाइट की व्यवस्था की जाएगी. जिससे वह आसानी से वहां पर बैठकर अपने बच्चे को फीडिंग करा सके. जिससे जल्द ही देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट माताओं को बहुत राहत मिलेगी.


Conclusion:पहली बाइट रिप्सी कुशलानी, टूरिस्ट (नागपुर)
दूसरी बाइट वसंत कुमार स्वर्णकार, अधीक्षण पुरातत्वविद (एएसआई)
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