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शोषण और हिंसा रोक बच्चों को दें सुरक्षित बचपन, जानें आज का दिन क्यों है खास

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2023, 12:11 AM IST

वैश्विक स्तर पर अनगिनत बच्चे यौन दुराचार और शोषण पीड़ित हैं. बच्चों, विशेष रूप से लड़कियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम में जबरन यौन संबंध, यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा का अनुभव होने का अधिक खतरा है. बच्चों के खिलाफ ऐसे अपराधों को रोकने और इस संबंध में आम लोगों को जागरूक करने के लिए 18 नवंबर को बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है. पढे़ं पूरी खबर..World Day For The Prevention Of And Healing From Child Sexual Exploitation Abuse And Violence, Stop Violence Against Children, Stop Child Abuse And Violence.

Stop Child Sexual Exploitation Abuse And Violence
बच्चों की सुरक्षा करें

हैदराबाद : बच्चों का यौन शोषण या किसी अन्य प्रकार का मानवाधिकारों का उल्लंघन है. इसके साथ ही यह वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और विकास के लिए यह बड़ी समस्या है. ये समस्याएं देश-दुनिया में सभी जगहों पर किसी न किसी रूप में मौजूद है. अलग-अलग देशों में इससे जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग में भिन्नता है. कई जगहों पर सामाजिक सम्मान खोने के डर से इन मामलों को दर्ज नहीं कराया जाता है. बच्चों की खिलाफ हिंसा और इसे रोकने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर संयुक्त राष्ट्र की ओर से 18 नवंबर को बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की रोकथाम और उपचार के लिए विश्व दिवस के रूप में घोषित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 7 नवंबर 2022 संकल्प प्रस्ताव पास किया गया था.

Stop Child Sexual Exploitation Abuse And Violence
बच्चों के मानवाधिकार की रक्षा करें
  • Heading toward November 18th, “World Day for the Prevention and Healing from Child Sexual Exploitation, Abuse and Violence” we invite you to learn more about sexual violence against children and adolescents and share information about it. 💙#November18th #NoMoreSexualViolence pic.twitter.com/ar7CkcSq9q

    — A Breeze of Hope (@ABreezeofHope) November 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिवस के दिन क्या होता है खास

  1. 18 नवंबर को बच्चों की सुरक्षा के बारे में विभिन्न संगठनों की ओर से आम लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है.
  2. संयुक्त राष्ट्र की ओर से सभी सदस्य राष्ट्रों में विभिन्न प्रकार से अभियान चलाया जाता है.
  3. ग्लोबल लीडर्स, शैक्षणिक संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, सरकार की एजेंसियों की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है.
  4. बाल यौन शोषण से प्रभावित लोगों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना.
  5. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना ताकि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हो जायें.
  6. ऑफलाइन, ऑनलाइन माध्यमों से बाल यौन शोषण, दुर्व्यवहार व हिंसा को रोकने और इसे समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाने का अवसर होता है.
  7. बच्चों के खिलाफ हिंसा और अपराधों के लिए दोषियों को जवाबदेह ठहराना.
  8. शोषण और हिंसा पीड़ित बच्चों के लिए न्याय और उपचार तक पहुंच सुनिश्चित करना.
  9. पीड़ित बच्चों की गरिमा को सुरक्षित करना.
  10. इस दिन विभिन्न प्लेटफार्मों पर सेमिनार, वर्कशॉप सहित अन्य आयोजन किया जाता है.
    Stop Child Sexual Exploitation Abuse And Violence
    बच्चों के लिए समाज में सुरक्षित वातावरण बनायें

भारत में बाल विवाह बड़ी समस्या है. इस समस्या के समाधान के लिए लगातार कई स्तरों पर काम किया जा रहा है. यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार :

  1. ​भारत 22.3 करोड़ (223 मिलियन) बाल वधुओं का घर है.
  2. 10.2 करोड़ (102 मिलियन) की शादी 15 साल की उम्र से पहले ही कर दी गई.
  3. 11.1 करोड़ (111 मिलियन) की शादी 15 साल या 18 साल से पहले कर दी गई.
  4. दुनिया की 3 बाल वधुओं में से एक मामला भारत से जुड़ा होता है.
  5. भारत की बात करें तो आधे से अधिक बालिका वधूएं 5 राज्यों में रहती हैं.
  6. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश शामिल है.
  7. 36 मिलियन संख्या के साथ उत्तर प्रदेश बाल वधुओं की सबसे बड़ी आबादी का घर है,
  8. लड़कियों की तुलना में लड़कों में बाल विवाह कम मामले हैं.
  9. देश में बाल विवाह का प्रचलन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग है.
  10. पश्चिम बंगाल और बिहार में 40 फीसदी से अधिक युवतियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई.
  11. वहीं लक्षद्वीप में यह आंकड़ा 5 फीसदी से भी कम है.

यूनिसेफ के बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा

  1. दुनिया में, 20 साल से कम उम्र की लगभग 120 मिलियन महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के जबरन यौन संपर्क का अनुभव किया है.
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    बच्चों के खिलाफ हिंसा समाप्त करें
  2. वहीं लड़कों के खिलाफ यौन हिंसा के लिए कोई वैश्विक अनुमान उपलब्ध नहीं है.
  3. 24 मुख्य रूप से उच्च और मध्यम आय वाले देशों के डेटा से पता चलता है कि लड़कियों में इसका प्रसार 8 फीसदी से 31 फीसदी और 18 साल से कम उम्र के लड़कों में 3 फीसदी से 17 फीसदी तक है.
  4. 5 साल से कम आयु के 4 में से 1 बच्चा ऐसी मां के साथ रहता है जो लाइफ पार्टनर की हिंसा की शिकार हैं.
  5. 20 में से 1 पुरुष ने 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के प्रति ऑनलाइन यौन व्यवहार स्वीकार किया.

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