खुद पर टूटा दुखों का पहाड़, दर्द भरे गीतों से अस्पताल में बढ़ा रहीं मरीजों का हौसला

author img

By

Published : Jun 3, 2023, 4:03 PM IST

Updated : Jun 3, 2023, 9:29 PM IST

Etv Bharat

असम की रहने वाली मीनू इन दिनों राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं. मीनू क्रॉनिक लिवर डिजीज से पीड़ित हैं. वह आर्थोपेडिक वार्ड के 33 नंबर बेड पर भर्ती हैं.

देखें पूरी खबर

लखनऊ : खुद पर दुखों का पहाड़ टूटा है, लेकिन दर्द भरे गीतों से दूसरे मरीजों का हौसला बढ़ा रही हैं. जी हां! हम बात कर रहे हैं एक ऐसी महिला की जो इस समय बलरामपुर अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका नाम है शशि मुखर्जी (मीनू). मीनू बताती हैं 'जिंदगी में बचपन से ही उतार-चढ़ाव रहा है. आरोप है कि मां के गुजर जाने के बाद पिता ने दूसरी शादी की और दूसरी मां ने मीनू पर काफी सितम किया. मीनू बताती हैं कि पिताजी ठहरे सीधे-साधे इंसान तो वे कभी इसका विरोध नहीं कर सके. वह बताती हैं कि पिता धीरेन्द्र नाथ मुखर्जी रेलवे चारबाग स्टेशन में लोको वर्कशॉप टेक्निकल इंजीनियर थे और मां डीआरएम ऑफिस कर्मचारी थीं.' करीब 34 वर्ष की मीनू असम की रहने वाली हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मीनू ने 'मेरा जीवन कोरा कागज, कोरा ही रह गया...' गीत सुनाया.

मीनू को एक संस्था लाई अस्पताल : पिछले दो साल से पेट में तेज दर्द होने के कारण मीनू को एक संस्था ने बलरामपुर अस्पताल के आर्थोपेडिक वार्ड में इलाज के लिए छोड़ा था. मीनू का इलाज फिलहाल यहीं से चल रहा है. मीनू क्रॉनिक लिवर डिजीज से पीड़ित हैं. वह आर्थोपेडिक वार्ड के 33 नंबर बेड पर भर्ती हैं. जब कोई मरीज दर्द से कराहता हुआ अस्पताल में आता है तो उसकी तकलीफ बांटने के लिए मीनू मरीज के पास जाती हैं और अपनी सुरीली आवाज में पुराने दर्द भरे गीत सुनाकर उसकी पीड़ा बांटने की कोशिश करती हैं. मीनू ने बताया कि 'उन्हें यहां पर एक परिवार की भांति लोग प्यार करते हैं और आकर उनके पास बैठते हैं. गाना सुनाने के लिए कहते हैं. यहां पर कोई भी हो वार्डबॉय, नर्स या डॉक्टर हो सभी मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं. यहां की नर्स मेरे लिए खाने के लिए खाना लाती हैं. मुझे यहां पर कोई तकलीफ नहीं है. मीनू ने कहा कि इस अस्पताल के जो सीएमएस हैं वह बहुत अच्छे हैं. उन्होंने मुझसे कहा है कि 'तुम्हारे लिए मैं एक पिता समान हूं. कोई भी दिक्कत परेशानी हो तो मुझसे कहना.'

बलरामपुर अस्पताल में भर्ती मीनू
बलरामपुर अस्पताल में भर्ती मीनू

मीनू ने सुनाई आप बीती : ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मीनू ने अपनी आपबीती सुनाई. मीनू ने बताया कि 'उसकी सौतेली मां ने उसे घर से बाहर निकाल दिया. उसके बाद मीनू दर-दर की ठोकर खाती रहीं. कहने को तो एक परिवार था, लेकिन घर परिवार कहां खो गया उसे खुद नहीं मालूम था. मीनू ने बताया कि कुछ समय के लिए वह असम चली गई थीं, लेकिन वहां पर भी उसके साथ बहुत गलत हुआ. वह जहां रुकती थीं वहां पर लोग उसे मारने के लिए दौड़ा लेते थे. वापस लौट कर जब मैं लखनऊ आई उस समय वह चारबाग रेलवे स्टेशन पर थीं जहां पर कुछ लड़कों ने मिलकर उसे बेरहमी से मारा पीटा और चारबाग स्टेशन से भाग जाने के लिए कहा.' अपनी आप बीती कहानी सुनाते हुए मीनू रो पड़ी.

'गरीबों के लिए करना चाहती हूं काम' : मीनू से जब पूछा गया कि वह भविष्य में क्या करना चाहती हैं तो उन्होंने कहा कि 'भविष्य में जब मैं ठीक हो जाऊंगी तो एक संस्था चलाना चाहती हूं, जो गरीब लोगों के लिए काम करे. निस्वार्थ भाव से संस्था गरीब लोगों की सेवा करे और उनका ख्याल रखे. मीनू ने कहा कि बहुत सारे मेरे जैसे ही अनाथ लोग हैं जो सड़क पर दिन-रात बिताते हैं. जिसका हर कोई तिरस्कार कर के चला जाता है. यहां तक कि अगर किसी के घर के सामने या किसी की दुकान के सामने बैठ जाओ तो वह वहां से भगा देता है. ऐसे लोगों के लिए मैं काम करना चाहती हूं.'

अस्पताल में भर्ती मरीज
अस्पताल में भर्ती मरीज

गीत से मरीज और तीमारदार को मिलती है राहत : बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि 'बहुत समय पहले से ही मीनू अस्पताल में भर्ती है. वह एक गंभीर बीमारी से लड़ रही है, लेकिन उसकी हिम्मत को दाद देना पड़ेगा. वह खुद तो टूटी हुई है, लेकिन दूसरों की हिम्मत टूटने कभी नहीं देती है. यहां तक कि उन्होंने बताया कि जो भी मरीज अस्पताल में भर्ती होता है, परेशान रहता है, मीनू अपनी सुरीली आवाज में उसे गाना सुनाती हैं. उन्होंने कहा कि जब से मीनू यहां पर भर्ती हैं तब से हर कोई उनका गाना सुनना चाह रहा है. कई बार हमने देखा है कि अलग-अलग वार्ड के मरीज और तीमारदार यहां तक कि वार्डबॉय और कर्मचारी भी मीनू के वार्ड में जाकर उसका गाना सुनते हैं.'

पेट में असहनीय दर्द के कारण हुई थीं भर्ती : उन्होंने बताया कि 'अस्पताल में जब मीनू को लाया गया. उस समय मीनू के पेट में असहनीय दर्द था. उसका पेट अत्यधिक सूजा हुआ था. जांच में पता चला कि मीनू क्रॉनिक लिवर डिजीज से पीड़ित हैं. उसके पेट में बार-बार पानी भर जाता है. इस दौरान मीनू ने कहा कि जब मैं यहां पर भर्ती हुई तो मेरा इलाज यहां पर शुरू हुआ. समय-समय पर डॉक्टर पेट से पानी निकालते हैं. फिलहाल इलाज चल रहा है. पहले से बहुत ठीक हो गई हूं, बोलने लगी हूं, चलने लगी हूं और चीजों को समझने लगी हूं.'

मरीजों का हौसला बढ़ा रहीं मीनू
मरीजों का हौसला बढ़ा रहीं मीनू

अस्पताल बन गया परिवार : मीनू बीते एक साल से अस्पताल में ही भर्ती हैं. अस्पताल के कर्मचारी व तीमारदार शशि मुखर्जी को 'मीनू' नाम से पुकारते हैं. मीनू सुबह-शाम मरीजों को संगीत सुनाती हैं. मरीज-तीमारदारों की फरमाइश पर वह वार्डों में घूम-घूमकर मरीज-तीमारदारों को संगीत से उनके दर्द पर मरहम लगाती हैं. मीनू फिल्म आनंद से प्रेरित हैं. मीनू ने कहा कि सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना मेरी प्रेरणा हैं. मीनू का परिवार साथ छोड़ चुका है ऐसे में उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों को ही अपना परिवार मान लिया है. मीनू ने कहा कि 'मेरा कोई घर परिवार नहीं है, लेकिन अस्पताल के लोगों ने मेरा कितना ख्याल रखा है और मुझे इतना प्यार देते हैं कि मेरे लिए यही सब कुछ है.'

स्टाफ व नर्स सभी सुनते हैं मीनू का गीत : बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि 'मीनू गंभीर बीमारी से लड़ रही हैं और वह बहुत ही बहादुर हैं. मीनू को अक्सर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में मरीजों और उनके तीमारदारों के बीच गाते हुए देखा जाता है. वह मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले, लता मंगेशकर, किशोर के गाने सुनाती हैं. मीनू के गाने से वार्ड में सकारात्मकता वातावरण बना रहता है. नर्स से लेकर वार्ड ब्वॉय तक उनकी सेहत का ख्याल रखते हैं. खाने-पीने के समान मुहैया कराते हैं. कई बार डॉक्टर अपना टिफिन तक मीनू को खिलाते हैं. यह बात सच है कि मीनू एक मरीज है, लेकिन उसके आने से वार्ड में पॉजिटिविटी बनी हुई है. एक अच्छा वातावरण है, जहां लोग एकजुट होकर साथ में रह रहे हैं. किसी मरीज की अधिक तबीयत खराब है तो उसे भी मीनू का गाना बेहद पसंद आता है. वाकई में मीनू बहुत अच्छा गाना गाती हैं, जिसका गाना सुनकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है.'



आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती एक मरीज की तीमारदार सीमा ने बातचीत के दौरान कहा कि 'मीनू बहुत अच्छा गाना गाती हैं. उनके गाने से इस वार्ड में बहुत अच्छा वातावरण रहता है, यहां तक की बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. मरीज यहां पर दुख दर्द के साथ आता है, वह पल भर में मीनू का सुरीला गाना सुनकर अपने दर्द को भूल जाता है. शशि जितना अच्छा गाना गाती हैं, उतना ही अच्छा उसका व्यवहार है. जब वो किसी नए मरीज को वार्ड में रोता हुआ देखती हैं तो उसके पास जाती हैं और उसे समझाती हैं और जीवन की परिभाषा भी बताती हैं. शशि की कहानी सुनकर हम सभी रो उठते हैं.'

यह भी पढ़ें : मदरसों, खानकाओं में भाजपा मनाएगी योग दिवस, अल्पसंख्यक मोर्चा बना रहा रणनीति

Last Updated :Jun 3, 2023, 9:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.