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मुख्तार को गुरु मानने वाले जुगनू वालिया को यूपी STF ने पंजाब से किया गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर कही थी ये बात

काफी समय से फरार चल रहे माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे जुगनू वालिया ने पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ जुगनू को लखनऊ ला रही है.

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Published : May 6, 2023, 3:41 PM IST

लखनऊ : डेढ़ साल से फरार बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे जुगनू वालिया उर्फ हरविंदर को यूपी एसटीएफ ने पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया है. जुगनू पर लखनऊ पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है और वह यूपी पुलिस की टॉप 66 माफिया लिस्ट में सूचीबद्ध है. सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ 5 मई को मोहाली के खरार से जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर लखनऊ ला रही है. मुख्तार को अपना गॉड फादर मानने वाले जुगनू पर 20 मुकदमे दर्ज हैं.

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का सूदखोर गुर्गा हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया लखनऊ के तमाम इलाकों में आतंक का नाम है. सूद पर दी रकम को वसूलने के लिए जुगनू किसी भी हद तक जा सकता है, ब्याज पर ब्याज लगाने में माहिर जुगनू पर लखनऊ के तीन थानों आलमबाग, मानक नगर और हजरतगंज में 20 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास व फिरौती मांगने के मुकदमे दर्ज हैं. साल 2020 में भी जुगनू वालिया की करीब ढाई करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर दी गई थी, जिसमें ट्रांसपोर्टनगर में स्थित पांच हजार स्क्वायर फीट का आलीशान फ्लैट, ओडी और जगुआर जैसी लग्जरी गाड़ियां और बैंक खाते शामिल थीं. मार्च 2022 को पुलिस ने जुगनू के घर को भी कुर्क किया था.

मुख्तार के साथ जुगनू वालिया (फाइल फोटो)
मुख्तार के साथ जुगनू वालिया (फाइल फोटो)

किस मुकदमें में है फरार जुगनू? : लखनऊ पुलिस ने अगस्त 2020 को जुगनू वालिया की बीएमडब्ल्यू, ऑडी व जगुआर समेत 5 लक्सरी गाड़ियां कुर्क की थीं. बताया जा रहा था कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल बलवंत सिंह रामूवालिया करते थे. इसकी पुष्टि इस बात से हुई थी कि पुलिस ने जुगनू की जिस जगुआर गाड़ी (up 32 HE 0707) को कुर्क किया था, उसमें विधान सभा का वाहन पास लगा हुआ था. यह पास तत्कालीन एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया के नाम से जारी हुआ था. यह वाहन साल 2017 से 2019 तक नवीनीकरण किया गया था.

रेस्टोरेंट मालिक की जुगनू ने करवाई थी हत्या : लखनऊ में आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था. 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे. इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे थे. जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के बीच कुछ मजाक हुआ और फिर नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसके दो गोली मार दी. एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट पर लगी थी. उनको इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था.


एक बार जुगनू हो चुका है गिरफ्तार : 10 जनवरी 2019 को मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अमन प्रीत की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. ये हत्या जुगनू वालिया ने करवाई थी. हत्या के पीछे सूद का पैसा न वापस करना रही थी. जुगनू ने बताया था कि व्यापारी अमन प्रीत को उसने 20 लाख रुपये सूद पर दिए थे, कई बार मांगने के बाद भी वह वापस नहीं कर रहा था, जिस पर उसने व्यापारी की हत्या करवा दी. पुलिस ने जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

मुख्तार को मानता है अपना गुरु : साल 2018 में जब मुख्तार अंसारी व उसके साम्राज्य पर पुलिस की कार्रवाई हो रही थी, तब जुगनू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक में लाइव आकर योगी सरकार पर मुख्तार को परेशान करने का आरोप लगाया था. इस दौरान जुगनू ने मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताते हुए कहा था कि आज नकली शेर असली शेर को कुत्ता समझ रहे हैं, लेकिन एक दिन असली शेर (मुख्तार अंसारी) बाहर आएगा तो एक एक से बदला लेगा. उसने कहा कि मुख्तार अंसारी उनके गुरु हैं और लोगों के देवता.


पूर्वं मंत्री पर जुगनू को शरण देने का लगा था आरोप : अखिलेश सरकार में जेल मंत्री रहे बलवंत सिंह रामूवालिया के निजी सचिव रहे गुरपाल ने सनसनीखेज आरोप लगाया था. उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि बलवंत सिंह जुगनू को पंजाब में संरक्षण दे रहे हैं. गुरपाल का आरोप था कि पूर्व मंत्री न सिर्फ जुगनू को पुलिस से छिपा कर संरक्षण दे रहे हैं, पूर्व में उसकी आर्थिक मदद भी उन्होंने की है. गुरपाल ने आरोप लगाया था कि जुगनू वालिया को जब लखनऊ पुलिस ढूंढ रही थी, तब वह कभी पूर्व मंत्री के दिल्ली वाले घर और कभी पंजाब के चंडीगढ़ स्थित घर पर रुकता था. उन्होंने बताया कि जेल मंत्री रहते बलवंत सिंह रामूवालिया के संबंध कई गैंगस्टर से थे, जिसका इस्तेमाल वो लोगों को धमकाने के लिए करते थे. यही नहीं जेल में बंद अपराधियों से भी धमकी दिलवाया करते थे.


मुख्तार के 282 गुर्गों पर हो चुकी है कार्रवाई? : मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें 20 ऐसे केस हैं जो विचाराधीन हैं. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 283 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 143 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई की दहशत से 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं, वहीं 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है. योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए भी लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई और 40 को जिलाबदर किया गया. 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली या फिर बुलडोजर चलाया गया. मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ है.

यह भी पढ़ें : यूपी पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप में सेंध मारी कर सात सिपाहियों से ठगी, केस दर्ज

लखनऊ : डेढ़ साल से फरार बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे जुगनू वालिया उर्फ हरविंदर को यूपी एसटीएफ ने पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया है. जुगनू पर लखनऊ पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित कर रखा है और वह यूपी पुलिस की टॉप 66 माफिया लिस्ट में सूचीबद्ध है. सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ 5 मई को मोहाली के खरार से जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर लखनऊ ला रही है. मुख्तार को अपना गॉड फादर मानने वाले जुगनू पर 20 मुकदमे दर्ज हैं.

बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का सूदखोर गुर्गा हरविंदर उर्फ जुगनू वालिया लखनऊ के तमाम इलाकों में आतंक का नाम है. सूद पर दी रकम को वसूलने के लिए जुगनू किसी भी हद तक जा सकता है, ब्याज पर ब्याज लगाने में माहिर जुगनू पर लखनऊ के तीन थानों आलमबाग, मानक नगर और हजरतगंज में 20 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, हत्या, हत्या का प्रयास व फिरौती मांगने के मुकदमे दर्ज हैं. साल 2020 में भी जुगनू वालिया की करीब ढाई करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क कर दी गई थी, जिसमें ट्रांसपोर्टनगर में स्थित पांच हजार स्क्वायर फीट का आलीशान फ्लैट, ओडी और जगुआर जैसी लग्जरी गाड़ियां और बैंक खाते शामिल थीं. मार्च 2022 को पुलिस ने जुगनू के घर को भी कुर्क किया था.

मुख्तार के साथ जुगनू वालिया (फाइल फोटो)
मुख्तार के साथ जुगनू वालिया (फाइल फोटो)

किस मुकदमें में है फरार जुगनू? : लखनऊ पुलिस ने अगस्त 2020 को जुगनू वालिया की बीएमडब्ल्यू, ऑडी व जगुआर समेत 5 लक्सरी गाड़ियां कुर्क की थीं. बताया जा रहा था कि इन गाड़ियों का इस्तेमाल बलवंत सिंह रामूवालिया करते थे. इसकी पुष्टि इस बात से हुई थी कि पुलिस ने जुगनू की जिस जगुआर गाड़ी (up 32 HE 0707) को कुर्क किया था, उसमें विधान सभा का वाहन पास लगा हुआ था. यह पास तत्कालीन एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया के नाम से जारी हुआ था. यह वाहन साल 2017 से 2019 तक नवीनीकरण किया गया था.

रेस्टोरेंट मालिक की जुगनू ने करवाई थी हत्या : लखनऊ में आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था. 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे. इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे थे. जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया. इसके बाद उन लोगों के बीच कुछ मजाक हुआ और फिर नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसके दो गोली मार दी. एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट पर लगी थी. उनको इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है. इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था.


एक बार जुगनू हो चुका है गिरफ्तार : 10 जनवरी 2019 को मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अमन प्रीत की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. ये हत्या जुगनू वालिया ने करवाई थी. हत्या के पीछे सूद का पैसा न वापस करना रही थी. जुगनू ने बताया था कि व्यापारी अमन प्रीत को उसने 20 लाख रुपये सूद पर दिए थे, कई बार मांगने के बाद भी वह वापस नहीं कर रहा था, जिस पर उसने व्यापारी की हत्या करवा दी. पुलिस ने जुगनू वालिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

मुख्तार को मानता है अपना गुरु : साल 2018 में जब मुख्तार अंसारी व उसके साम्राज्य पर पुलिस की कार्रवाई हो रही थी, तब जुगनू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक में लाइव आकर योगी सरकार पर मुख्तार को परेशान करने का आरोप लगाया था. इस दौरान जुगनू ने मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताते हुए कहा था कि आज नकली शेर असली शेर को कुत्ता समझ रहे हैं, लेकिन एक दिन असली शेर (मुख्तार अंसारी) बाहर आएगा तो एक एक से बदला लेगा. उसने कहा कि मुख्तार अंसारी उनके गुरु हैं और लोगों के देवता.


पूर्वं मंत्री पर जुगनू को शरण देने का लगा था आरोप : अखिलेश सरकार में जेल मंत्री रहे बलवंत सिंह रामूवालिया के निजी सचिव रहे गुरपाल ने सनसनीखेज आरोप लगाया था. उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि बलवंत सिंह जुगनू को पंजाब में संरक्षण दे रहे हैं. गुरपाल का आरोप था कि पूर्व मंत्री न सिर्फ जुगनू को पुलिस से छिपा कर संरक्षण दे रहे हैं, पूर्व में उसकी आर्थिक मदद भी उन्होंने की है. गुरपाल ने आरोप लगाया था कि जुगनू वालिया को जब लखनऊ पुलिस ढूंढ रही थी, तब वह कभी पूर्व मंत्री के दिल्ली वाले घर और कभी पंजाब के चंडीगढ़ स्थित घर पर रुकता था. उन्होंने बताया कि जेल मंत्री रहते बलवंत सिंह रामूवालिया के संबंध कई गैंगस्टर से थे, जिसका इस्तेमाल वो लोगों को धमकाने के लिए करते थे. यही नहीं जेल में बंद अपराधियों से भी धमकी दिलवाया करते थे.


मुख्तार के 282 गुर्गों पर हो चुकी है कार्रवाई? : मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कुल 59 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें 20 ऐसे केस हैं जो विचाराधीन हैं. अब तक 3 मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है. माफिया के सहयोगियों व उसके गुर्गों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो अब तक 283 गुर्गों पर यूपी पुलिस कार्रवाई कर चुकी है. जिसमें कुल 143 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. 176 मुख्तार के गुर्गों और उसके गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है. योगी सरकार की कार्रवाई की दहशत से 15 गुर्गों ने सरेंडर भी किया. 167 असलहों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं, वहीं 66 के खिलाफ गुंडा एक्ट व 126 के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है. योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान मुख्तार के 6 गुर्गों पर एनएसए भी लगाया गया. 70 की हिस्ट्रीशीट खोली गई और 40 को जिलाबदर किया गया. 5 गुर्गों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. योगी सरकार ने मुख्तार और उसके कुनबे की लगभग 5 अरब 72 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली या फिर बुलडोजर चलाया गया. मुख्तार एंड कंपनी पर हुई कार्रवाई से बंद पड़े उसके अवैध धंधों से कमाए जाने वाले 2 अरब 12 करोड़ का भी नुकसान हुआ है.

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