सरकार ने गेहूं का MSP 110 रुपये, सरसों का 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया

author img

By

Published : Oct 18, 2022, 1:12 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 4:13 PM IST

Etv Bharat

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी.

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को मौजूदा फसल विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला (Union cabinet approves MSPs) किया. इसके साथ ही सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. एक बयान में कहा गया कि किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में छह रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया. एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है. इस समय सरकार खरीफ और रबी, दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है. रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई, खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है. गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं.

  • Union cabinet approves Minimum Support Prices (MSPs) for all Rabi Crops for marketing season 2023-24; absolute highest increase in MSP approved for lentil (Masur) at Rs 500 per quintal: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/U8ssXbDxFS

    — ANI (@ANI) October 18, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है. फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 2021-22 में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था.

बयान में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है. मसूर के एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों के एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि सरकार ने गेहूं और सरसों के लिए उत्पादन लागत पर 100 प्रतिशत प्रतिफल सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा कि अन्य चार रबी फसलों के लिए प्रतिफल, उत्पादन लागत के मुकाबले 50 से 85 प्रतिशत तक अधिक है.

यह पूछने पर कि क्या रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ेगी, मंत्री ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति काबू में है. फसल वर्ष 2022-23 के लिए जौ का समर्थन मूल्य 100 रुपये बढ़ाकर 1,735 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जो पिछले वर्ष 1,635 रुपये प्रति क्विंटल था. दलहन में चना के लिए एमएसपी को 5,230 रुपये प्रति क्विंटल से 105 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. मसूर का एमएसपी 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से 500 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

सरकार ने कहा कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि आम बजट 2018-19 के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम 1.5 गुना तय करने की घोषणा की गई है. सरकार ने कहा कि इससे किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य मिलेगा. बयान में कहा गया कि वर्ष 2014-15 से तिलहन और दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए हैं. इसके बाद दलहन और तिलहन की पैदावार काफी बढ़ी है. कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार तिलहन उत्पादन 2014-15 में 275 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 377 लाख टन हो गया है. इसी तरह दलहन की पैदावार में भी वृद्धि हुई है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Oct 18, 2022, 4:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.