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हैदराबाद में बाहरी राज्य का वाहन इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान, कराना होगा तेलंगाना का रजिस्ट्रेशन

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Published : Oct 17, 2022, 5:25 PM IST

बाहरी राज्यों से हैदराबाद आकर नौकरी या बिजनेस करने वाले वाहनचालकों को लिए ये खबर खास है. अगर आप अपने गृह राज्य का वाहन यहां इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको तेलंगाना का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा (ts registration is mandatory). आने वाले समय में इसे राज्यभर में लागू करने पर विचार किया जा रहा है. अभी इस संबंध में केवल एडवाइजरी जारी की गई है.

(ts registration is mandatory
बाहरी राज्य का वाहन

हैदराबाद : अक्सर नौकरी और बिजनेस की खातिर लोगों को बाहरी राज्यों में जाना पड़ता है. वहां अपनी नौकरी या दुकान-व्यवसाय पर जाने के लिए वाहन की भी जरूरत होती है. इस पर हम उसी वाहन को इस्तेमाल करना मुनासिब समझते हैं जो हमारे पास उपलब्ध है. हम उस वाहन को ही दूसरे राज्यों में ले जाते हैं. लेकिन अगर आप हैदराबाद के लिए ऐसा करने की सोच रहे हैं तो ये जान लीजिए कि एनवीसी (NVC) होने के बावजूद भी आपको तेलंगाना स्टेट का रजिस्ट्रेशन कराना होगा (ts registration is mandatory for other state vehicles in Hyderabad). इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी गई है. अभी ये सिर्फ हैदराबाद के लिए लागू करने पर विचार है, लेकिन आने वाले समय में इसे पूरे राज्य में अमल में लाया जाएगा.

आने वाले समय में पूरे राज्य में लागू होगा
आने वाले समय में पूरे राज्य में लागू होगा

हैदराबाद में दूसरे राज्यों से वाहन लाने पर ये करना होगा : अगर आप दूसरे राज्यों से यहां वाहन लाते हैं तो आपको अपने पते (लोकल एड्रेस) के आधार पर परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में जाना होगा. अधिकारी आपको भुगतान किए जाने वाले कर, शुल्क और टीएस पंजीकरण संख्या प्राप्त करने की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे. ये प्रक्रिया न करने पर यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के पास वाहनों को जब्त करने तक का अधिकार है.

टैक्स अदा कर चुके हैं तो भी यहां देना पड़ेगा : परिवहन अधिकारियों का अनुमान है कि हर साल दूसरे राज्यों से 10,000 से ज्यादा वाहन हैदराबाद आते हैं. कुछ लोग सोच रहे होंगे कि वह ऑलटाइम टैक्स अदा कर चुके हैं तो यहां टैक्स नहीं देना पड़ेगा. ऐसा नहीं है हैदराबाद आने के बाद वाहन की कीमत के आधार पर टैक्स देना पड़ेगा.

आंध्र प्रदेश से हैदराबाद प्रवास करने वाले व्यक्ति के लिए भी अपनी कार या दोपहिया पर आजीवन कर का भुगतान करना पर्याप्त नहीं है. उसके लिए भी टीएस पंजीकरण की आवश्यकता है. दिक्कत तब आएगी जब उसे एक-दो साल बाद फिर से अपने राज्य जाना पड़ेगा.

कानून के मुताबिक किसी भी बाहरी राज्य का वाहन 12 महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे ज्यादा चलाने पर चालान हो सकता है. दूसरे राज्य में वाहन ले जाने पर गाड़ी के पेपर ट्रांसफर करवाने पड़ते हैं. दूसरे राज्य में गाड़ी का नंबर ट्रांसफर कराने के लिए आपको सबसे पहले तो ये सुनिश्चित करना होगा कि अगर लोन पर गाड़ी ली है तो आपको बैंक से एनओसी लेनी होगी. आरटीओ ऑफिस में फिर से रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी. रजिस्ट्रेशन फीस आपकी गाड़ी की अभी की स्थिति के हिसाब से लगेगी.

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