ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर में पंचायत निकायों का कार्यकाल हो रहा पूरा, लेकिन चुनावों का नाम-ओ-निशान नहीं

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 8, 2024, 5:35 PM IST

Jammu-Kashmir Election, Assembly Election In Jammu, जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित पंचायत निकायों का कार्यकाल खत्म होने वाला है. इसके बाद यहां अंतिम निर्वाचित निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. लेकिन इसके बाद भी स्थानीय निकाय या विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है.

Ghulam Hasan Panju
गुलाम हसन पंजू

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित पंचायत निकायों का पांच साल का कार्यकाल मंगलवार, 9 जनवरी को समाप्त हो जाएगा, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में अंतिम निर्वाचित निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. यहां अभी तक स्थानीय निकाय या विधानसभा चुनाव के कोई संकेत नहीं हैं. पंचायत सदस्य दिसंबर 2018 में चुने गए थे और जो 2018 के चुनाव में खाली रह गए थे, उन्हें दिसंबर 2020 में फिर से चुनाव द्वारा भरा गया था.

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में पहले जिला विकास परिषद के चुनाव हुए थे. मंगलवार को पंचों, सरपंचों और ब्लॉक विकास परिषदों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. हालांकि, जिला विकास परिषद कायम रहेगी और उनका पांच साल का कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा. जम्मू-कश्मीर एलजी प्रशासन और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पंचायत और डीडीसी चुनाव कराकर जम्मू-कश्मीर के लोगों को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र और प्रतिनिधि देने पर जोर दे रही है.

हालांकि, केंद्र सरकार और जेके प्रशासन अभी तक इन चुनावों को कराने के बारे में अनिच्छुक हैं, क्योंकि भारत सरकार से कोई संकेत नहीं मिले हैं. पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था और 2018 के बाद से जब भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया, जम्मू-कश्मीर में एलजी द्वारा शासित राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल नवंबर और दिसंबर के बीच समाप्त हो गया और ये चुनाव भी जल्द ही होने जा रहे हैं.

पंचायत निकाय प्रतिनिधियों का मानना है कि भारत सरकार स्थानीय निकाय चुनाव नहीं करा रही है, जो उनके अनुसार विधायकों की अनुपस्थिति में जम्मू-कश्मीर के लोगों को जमीनी स्तर पर विकास और लोकतंत्र प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त इस महीने के अंत तक पंचायत निकायों के लिए मतदाता सूची की समीक्षा कर रहे हैं, लेकिन इन चुनावों को कराने के बारे में प्रतिबद्ध नहीं हैं.

जम्मू-कश्मीर पंचायती राज आंदोलन के अध्यक्ष गुलाम हसन पंजू ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग पंचायत राज अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि पिछले निकायों का कार्यकाल समाप्त होने से दो महीने पहले चुनाव होने चाहिए. पंजू ने ईटीवी भारत को बताया कि भाजपा सरकार जमीनी स्तर और सुशासन को बढ़ावा दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ यह निर्वाचित निकायों को नौकरशाही से बदल रही है, जो पंचायत राज अधिनियम के खिलाफ है.

उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त को संसद चुनाव से पहले पंचायत चुनाव कराने की घोषणा करनी चाहिए. ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि भारत सरकार को संसद चुनावों के साथ-साथ पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनाव भी कराने चाहिए. शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि जब सुरक्षा स्थिति उनके लिए अनुकूल है, तो सरकार चुनाव न कराकर समय बर्बाद कर रही है और जम्मू-कश्मीर के लोगों को निर्वाचित प्रतिनिधियों से वंचित कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.