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हिजाब पर विभाजित फैसले का मतलब, मुद्दा खींचता रहेगा सुप्रीम कोर्ट का ध्यान: कांग्रेस

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Published : Oct 13, 2022, 5:52 PM IST

कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध (Karnataka Hijab Ban) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला 1-1 से बराबर हो गया है और अब इसे राजनीतिक पार्टियां मुद्दा बनाकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं. इसी को लेकर पढ़िए हमारे वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

राहुल गांधी
राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध (Karnataka Hijab Ban) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के विभाजित फैसले से पता चलता है कि यह मुद्दा शीर्ष अदालत का ध्यान आकर्षित करता रहेगा, जबकि पार्टी कथित सामाजिक विभाजन पर पीएम मोदी से जवाब मांगती रहेगी. कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने विभाजित फैसले के तुरंत बाद ट्वीट किया, 'हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के विभाजित फैसले का मतलब है कि मामला शीर्ष अदालत का ध्यान आकर्षित करना जारी रखेगा. इस बीच, भारत जोड़ो यात्रा बढ़ती आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर प्रधान मंत्री से जवाबदेही मांगती रहेगी.'

कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) द्वारा राज्य सरकार द्वारा घोषित हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब है कि प्रतिबंध अभी के लिए बना हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि शीर्ष अदालत का यह आदेश ऐसे समय आया है जब कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक से होकर गुजर रही है. पिछले एक साल से, कांग्रेस दक्षिणी राज्य में हिजाब प्रतिबंध पर सवाल उठा रही थी और कह रही थी कि यह मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को बाधित करने की एक चाल है.

एआईसीसी महासचिव एचके पाटिल (AICC General Secretary HK Patil) ने कहा कि 'वे लोगों को बांटने के लिए हिजाब, हलाल मीट और ईदगाह के मुद्दे उठाते रहे हैं. लेकिन हम तैयार हैं और हम उनके एजेंडे से लड़ेंगे.' कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'वे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ेंगे...हम इसे बहाल करेंगे. वे राजनीतिक लाभ के लिए राज्यों में लोगों को विभाजित करते हैं.' राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यात्रा के जरिए ताकत का प्रदर्शन कर रही है.

यह राज्य सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार घोटालों और सत्तारूढ़ भाजपा के सामाजिक रूप से विभाजनकारी कदमों पर अपने अभियान को आगे बढ़ा रही है, यह कहते हुए कि इस तरह की घटनाओं ने राज्य की छवि को आईटी हब के रूप में खराब किया है. पिछले 12 दिनों से, जब से यात्रा कर्नाटक में आई है, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कथित भ्रष्टाचार और विभाजनकारी राजनीति को लेकर लगातार बोम्मई सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.

राहुल ने बुधवार शाम चित्रदुर्ग में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'बीजेपी के एक सांसद ने कहा है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पद रुपये में खरीदा जा सकता है. 2,500 करोड़. संतोष पाटिल ने आत्महत्या क्यों की? येदियुरप्पा जी को इस्तीफा देने के लिए क्यों मजबूर किया गया? ईश्वरप्पा ने इस्तीफा क्यों दिया? बीजेपी विधायक खुद सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार क्यों बता रहे हैं? ठेकेदारों के संघ ने भारत के प्रधान मंत्री को क्यों लिखा और भारत के प्रधान मंत्री ने उनका जवाब क्यों नहीं दिया, क्योंकि कर्नाटक सरकार हर दिन आपकी जेब से चोरी करती है.'

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आगे उन्होंने कहा कि 'पुलिस निरीक्षक का पद रुपये में बेचा जाता है. 80 लाख रुपये. इंजीनियरिंग के पदों पर घोटाला हुआ है, वहीं ढाई लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं. अब कल्पना कीजिए, अगर आप इस यात्रा में चल रहे हैं, और आपका 40 प्रतिशत पैसा चोरी हो गया. कल्पना कीजिए कि आप इस यात्रा में चल रहे हैं और अचानक सभी ने हर किसी को पीटना शुरू कर दिया. कल्पना कीजिए, एक समुदाय अचानक पलट गया और दूसरे समुदाय को पीटना शुरू कर दिया.'

आगे उन्होंने कहा कि 'कल्पना कीजिए, अगर इस यात्रा में किसी ने अचानक कहा- किसी को कन्नड़ बोलने की अनुमति नहीं है. क्या यह यात्रा कुछ हासिल कर पाएगी? यही वह भारत है, जिसे भाजपा बनाना चाहती है- एक क्रोधित और घृणास्पद भारत. मैंने कई बार पढ़ा है, उनके कुछ नेता कहते हैं कि महिलाओं का बलात्कार होता है, क्योंकि वे कैसे कपड़े पहनती हैं. यह इस देश की हर एक महिला का अपमान है और ये कुछ ऐसे विचार हैं, जिनसे यह यात्रा लड़ने की कोशिश कर रही है.'

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