UP Electricity Strike : यूपी में हड़ताल कर रहे 1332 संविदा कर्मियों की गई नौकरी, ऊर्जा मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी

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Published : Mar 18, 2023, 4:35 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 5:47 PM IST

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उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के हड़ताल के बीच ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि 1332 संविदाकर्मियों को बर्खास्त किया गया है. शाम छह बजे तक वापस काम पर लौट आएं नहीं तो सभी की संविदा समाप्त की जाएगी.

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लखनऊ : ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. ऊर्जा मंत्री ने बिजली कर्मियों की हड़ताल को पूरी तरह से अवैध करार दिया. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 'अब तक हड़तालियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. 1332 संविदाकर्मियों को बर्खास्त किया गया है. 22 पर एस्मा के तहत कार्रवाई की गई है. इन सभी को लखनऊ से बाहर भेजा जाएगा. इसके अलावा 29 कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल कर रहे संविदा कर्मियों को चेतावनी दी है कि शाम छह बजे तक वापस काम पर लौट आएं नहीं तो अगर हजारों कर्मचारियों की संविदा समाप्त करनी पड़ी तो भी पीछे नहीं हटा जाएगा.' मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि 'आपूर्ति सामान्य है. 28 हजार बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि डिमांड आधी है.'


यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा

हटाये जा रहे नौकरी में बाधा पहुंचाने वाले कर्मचारी : ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'प्रदेश में विद्युत आपूर्ति सामान्य है. 28 हजार मेगावाट का उत्पादन हो रहा है और मौसम के चलते मांग आधी है. तमाम बिजली संगठन हड़ताल से अलग हैं, जिससे बिजली आपूर्ति लाइन पर है. जो संगठन के कर्मचारी बाधा पैदा कर रहे हैं उन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में हड़ताल पूरी तरह निषिद्ध है. बावजूद इसके हड़ताल की जा रही है. ये सही नहीं है. एस्मा की कार्रवाई की जा रही है. संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट की अवमानना की है. जहां-जहां उपद्रवियों ने बाधा पहुंचाई है. हर जगह का नाम है, जो यह हरकत कर रहे हैं उनका नाम हम निकाल रहे हैं. चाहे कोई जन्म स्थान में हो, जंगल में हो, नदी में हो, आकाश में हो या पाताल में. हम खोज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. हाईकोर्ट ने गंभीरता से हड़ताल पर रोक लगाने की बात कही है, लेकिन अभी भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के लोग मान नहीं रहे. खेद का विषय है. उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस दे दिया है. मुख्यमंत्री को सारी परिस्थितियों से अवगत कराया है.

22 लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कारवाई : उन्होंने कहा कि '22 लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कारवाई कर दी गई है. सोशल मीडिया पर अभी भी हड़ताल के कार्यक्रमों के संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं. संघर्ष समिति के नेताओं को जनता से कोई मतलब नहीं है. विद्यार्थियों की परीक्षा का काल है, उसकी भी नहीं पड़ी है. हमारे राजस्व की वसूली का समय है, उसकी भी चिंता नहीं है. महत्वपूर्ण योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए कोई फिक्र नहीं है. उच्च न्यायालय के आदेश का भी इनसे कोई मतलब नहीं है. एस्मा के तहत एक साल तक जेल में रखने का प्रावधान है. 22 नेताओं के खिलाफ सस्पेंशन की भी कार्रवाई की है. 1332 संविदा कर्मियों को 24 घंटे में बर्खास्त कर दिया गया है. कुछ लोगों को लखनऊ से बाहर रखने के लिए कहा गया है. आगे हजारों लोगों को बर्खास्त करना पड़ा तो किया जाएगा. ऊर्जा मंत्री ने हड़तालियों को चार घंटे की मोहलत दी है. कहा है कि शाम छह बजे तक वापस काम पर आ जाएं नहीं तो सब बर्खास्त कर दिए जाएंगे. आउटसोर्सिंग एजेंसी को कहा गया है कि आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज से आईटीआई पास, पॉलिटेक्निक पास इंजीनियरिंग पास, बच्चों की लिस्ट लेकर उनकी भर्ती करें. जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसे संविदाकर्मियों को चिन्हित कर बाहर निकालें जो बर्खास्त भी हो गए हों और फिर भी काम कर रहे हैं.'

बता दें शनिवार को कानपुर शहर में 243 संविदाकर्मियों की सेवा को समाप्त कर दिया गया है. केस्को एमडी सैमुअल पॉल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने बताया कि 'सभी कर्मियों ने एस्मा का उल्लंघन किया. उसी क्रम में कार्रवाई करते हुए सभी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि उक्त सभी 243 कर्मी अब कभी विभाग में ज्वाइनिंग नहीं ले सकेंगे.'

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Last Updated :Mar 18, 2023, 5:47 PM IST
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