नई दिल्ली : सरकार ने लोक सभा में कहा है कि अगले छह महीने में चिप आधारित ई पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और इनमें डेटा की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह चौकन्नी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में कहा कि पूरी दुनिया चिप आधारित ई-पासपोर्ट की दिशा में बढ़ रही है और भारत को भी इस दिशा में बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 4.5 करोड़ चिप के लिए आशय-पत्र (एलओआई) जारी कर दिये गये हैं.
संसद के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार, 4 जनवरी को विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिन में इसके लिए अनुबंध दिये जाने के बाद छह महीने के अंदर हम ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू करने की स्थिति में होंगे.' उन्होंने चिप आधारित दस्तावेज जारी होने के बाद पासपोर्ट दिये जाने की प्रक्रिया तेज होने की संभावना के सवाल पर कहा कि प्रक्रिया नियमित होने के बाद स्वाभाविक रूप से तेज हो जाएगी.
चिप आधारित ई-पासपोर्ट से डेटा चोरी होने और नागरिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से जुड़े कांग्रेस के एम के राघवन और शशि थरूर के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि ई-पासपोर्ट जारी करने का उद्देश्य यात्रा को सुगम, त्वरित बनाना और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चत करना है. उन्होंने कहा कि डेटा सुरक्षा की बात करें तो इसे एक विशिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से चिप में डाला जाता है और विशेष प्रिंटर से छापा जाता है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है. विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस समय नमूना पासपोर्ट का परीक्षण कर रहे हैं ताकि स्वयं इसकी सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को लेकर सुनिश्चित हो सकें.
कम होगी डेटा चोरी की आशंका
उन्होंने कहा, 'हम डेटा चोरी (स्किमिंग) होने के खतरों को लेकर बहुत सतर्क हैं. इसलिए नमूना पासपोर्ट परीक्षण प्रक्रिया (टेस्टबेड) से गुजर रहा है. जब तक पासपोर्ट को अधिकारी के हाथ में नहीं सौंपा जाता, डेटा चोरी होने की आशंका नहीं है.' जयशंकर ने यह भी कहा कि 'जब तक हम सुनिश्चित नहीं होंगे कि स्किमिग का खतरा नहीं है, स्वाभाविक है कि हम तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे. हमें पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं होगा. हम चौकन्ने हैं.'
हवाई अड्डों पर प्रक्रियाओं में सुधार
भारत में हवाईअड्डों पर आव्रजन प्रक्रिया में देरी संबंधी द्रमुक सांसद दयानिधि मारन के पूरक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा, 'मैं सभी लोगों में शायद सबसे ज्यादा हवाई अड्डों से गुजरता हूं और मैं अन्य काउंटरों पर भी नजर रखता हूं. यह बात सभी मानेंगे कि हवाई अड्डों पर प्रक्रियाओं में सुधार हुआ है और काउंटरों की संख्या बढ़ी है. इसलिए सदस्य की यह चिंता सही नहीं है. हम यह भी मानते हैं कि सुधार की गुंजाइश है.'
भेदभाव संबंधी टिप्पणी अनुचित
ई-पासपोर्ट जारी होने में दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ किसी तरह के भेदभाव संबंधी आशंका के मारन के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि इस मामले में किसी राज्य के पक्ष में या किसी के खिलाफ कभी पक्षपात नहीं किया जाएगा. उन्होंने राज्यों के साथ भेदभाव संबंधी मारन की टिप्पणी को अनुचित बताते हुए कहा कि वह इसे खारिज करते हैं.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किये जाने की घोषणा की थी. सरकार के अनुसार ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी है, जिसमें एक 'रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन' (आरएफआईडी) चिप लगी है.
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चिप की विशेषताएं अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) जो संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं, जो ई-पासपोर्ट सहित अंतरराष्ट्रीय यात्रा दस्तावेजों के मानकों को परिभाषित करती है. इसमें कागज और चिप दोनों पर जानकारी होगी.
(एजेंसी इनपुट)