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15 नवंबर को पीएम माेदी करेंगे देश के पहले वर्ल्ड क्लास स्टेशन हबीबगंज का उद्घाटन, क्या बदलेगा इसका नाम!

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Published : Nov 7, 2021, 7:14 PM IST

15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे. स्टेशन का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग भी काफी समय से हो रही है. खास तौर पर भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर जोर शोर से इसकी मांग कर चुकी हैं.

हबीबगंज
हबीबगंज

भोपाल : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मध्य प्रदेश से गहरा नाता रहा है. लिहाजा प्रदेश के हिन्दी विश्वविद्यालय का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया. देश का पहला वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो, इसे लेकर बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने हबीबगंज का नाम बदलने की मांग पीएम से की थी.

जानकारों का मानना है कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री भोपाल के वर्ल्ड क्लास स्टेशन का उद्घाटन करेंगे तो उसी दौरान उसका नाम भी बदल दिया जाएगा.

हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन 15 नवंबर को

साध्वी प्रज्ञा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की

भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों से विवादों में रहीं. नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह प्रज्ञा सिंह को कभी माफ नहीं करेंगे. लेकिन अब चुनाव भी गुजर चुके हैं. इस बात को लेकर सियासी गलियारों में यह चर्चा भी गर्म हो गई है कि क्या देश के प्रधानमंत्री ने साध्वी प्रज्ञा को माफ कर दिया है. क्या उनकी मांग को प्रधानमंत्री स्वीकार कर लेंगे.

फिलहाल नाम बदलने का विचार नहीं

लेकिन अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अभी फिलहाल नाम बदलने को लेकर कोई सरकारी कार्यवाही नहीं हुई है. अधिकारी कहते हैं कि ये तो उसी दिन पता चलेगा कि प्रधानमंत्री स्टेशन का नाम बदलने की घोषणा करते हैं या नहीं. नाम बदलने को लेकर अभी बीजेपी कुछ भी बोलने से बच रही है. बीजेपी सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि 15 तारीख को नरेंद्र मोदी हबीबगंज स्टेशन का उद्घाटन करेंगे लेकिन नाम बदलने की बात का जवाब नहीं दिया.

पहले भी बीजेपी के लोग हबीबगंज का नाम बदलने की मांग कर चुके हैं

1999 -2000 में जब कांग्रेस महापौर विभा पटेल थी तब बीजेपी ने नगर निगम में हबीबगंज का नाम राजा भोज किए जाने का प्रस्ताव नगर निगम में पास किया था. बीजेपी के पूर्व विधायक शैलेंद्र प्रधान ने भी स्टेशन का नाम बदलकर राजा भोज करने की मांग की थी. प्रभात झा, जो कि राज्यसभा सदस्य रहे उन्होंने हबीबगंज का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से करने की मांग की थी. इसके बाद साध्वी प्रज्ञा भी नाम बदलने की फेहरिस्त में कूद पड़ी. उन्होंने अपना दावा बतौर सांसद तो किया ही लेकिन साथ ही वे रेलवे संसदीय स्थाई समिति की सदस्य भी हैं.

हबीबगंज का मतलब प्यारा शहर

भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम मुगल काल में शाहजहां की बेगम ने दिया था. बेगम ने सुंदरता हरियाली और झीलों को देखकर हबीबगंज नाम दिया था. यह फारसी शब्द है, जिसका मतलब होता है प्यारा शहर.

साफ सफाई के लिए जाना जाता है हबीबगंज स्टेशन

इस स्टेशन को 1979 में बनाया गया. स्टेशन अपने साफ सफाई के लिए शुरू से ही जाना जाता रहा है. यह भारत का पहला ISO 9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन भारत की पहली सर्टिफाइड ट्रेन शान ए भोपाल एक्सप्रेस का हेड क्वार्टर है. पर्यटन मंत्रालय ने पश्चिम मध्य रेलवे की हबीबगंज स्टेशन को भारत का बेस्ट टूरिस्ट फ्रेंडली स्टेशन घोषित किया है.

हबीबगंज के नाम एक रिकॉर्ड

हबीबगंज से डबल डेकर ट्रेन शुरू की गई थी. यह ट्रेन इंदौर हबीबगंज के बीच चलने वाली डबल डेकर ट्रेन देश की सबसे छोटी ट्रेन थी. इस ट्रेन में इंजन के अलावा सवारियों में सिर्फ दो AC डिब्बे थे. 1 साल तक यह ट्रेन चली उसके बाद घाटे के चलते बंद कर दी गई.

हबीबगंज को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन क्यों कहा जा रहा है

रेलवे स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार डिजाइन किया गया है. इसमें प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा. बेहतर वेंटीलेशन री-साईकिल योग्य सामग्री का उपयोग, सौर ऊर्जा का दोहन, वाटर हार्वेस्टिंग और पर्यावरण के अनुकूल होना इसकी खासियत है. इसमें स्टेशन के दोनों तरफ टर्मिनल भवन, कॉर्नशेयर, सबवे और प्लेटफार्म खास हैं. रेलवे स्टेशन की कुल बिजली की मांग 950 किलोवाट है. रेलवे स्टेशन के लिए सोलर प्लांट से 660 किलोवाट बिजली मिलेगी.

एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी

री डेवलपमेंट के बाद इस स्टेशन पर ऐसी सुविधा मिलेंगी जो मौजूदा समय में भारत के किसी भी स्टेशन पर नहीं है. शॉपिंग कॉम्पेल्कस, अस्पताल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग हाई सिक्योरिटी समेत कई वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलेंगी.

सुरक्षा की गारंटी!

प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले यात्री एक दूसरे से टकराएंगे नहीं. सुरक्षा के लिहाज से 162 हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं. कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे स्टेशन पर नजर रखी जा सकती है. बड़ा सर्वर डेढ़ सौ टेराबाइट का है. ये एक महीने तक का डाटा स्टोर रखेगा.

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