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जीतने की भूख पीएम मोदी की सबसे अच्छी आदत : हरीश रावत

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Published : Mar 22, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 8:16 PM IST

हरीश रावत ने पीएम मोदी की भरपूर प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का भाजपा का निर्णय काफी बोल्ड फैसला है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून कांग्रेस भवन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आए. भाजपा द्वारा किए जा रहे भव्य आयोजन पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा कि पीएम मोदी की एक चीज बहुत अच्छी है कि उन्हें जीतने की भूख है. उन्होंने कहा कि पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का फैसला वाकई कठिन और चुनौतीपूर्ण था. लेकिन जिस दृढ़ता और शालीनता के साथ उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, वह बहुत ही अच्छा है.

हरीश रावत ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी के अंदर जो सबसे अच्छी चीज है, वह यह कि वह दूसरे से कुछ न कुछ हमेशा सीखते हैं. अगर भाजपाई उनकी यह आदत खराब न करें, तो उन्हें एक पूर्व सैनिक के पुत्र के रूप में अपनी दूसरे से सीखने वाली आदत को हमेशा बरकरार रखना चाहिए. हरीश रावत ने कहा कि मैंने चुनाव के दौरान पुष्कर सिंह धामी पर बहुत प्रहार किए. अगर मैं उन पर प्रहार नहीं करता तो क्या करता ? लेकिन जिस शालीनता के साथ पुष्कर सिंह धामी ने उन प्रहारों का जवाब दिया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ था. शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने पर हरीश रावत ने कहा कि वह जीते हैं. इसलिए भव्य समारोह का आयोजन कर रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर रावत ने कहा कि उनकी एक चीज बहुत अच्छी है. प्रधानमंत्री को जीतने की भूख है और यह उनकी सबसे अच्छी आदत है.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

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कांग्रेस में चल रहे मंथन को लेकर हरीश रावत ने कहा कि पार्टी के नाड़ी वैद्य आए हुए हैं. वह सभी लोगों से पूछ रहे हैं. जल्द ही कुछ अच्छा समाधान पार्टी के लिए निकल कर आएगा. आगे कहा कि चुनाव से पहले टिकट बंटवारा के समय अविनाश पांडे को स्क्रीनिंग कमेटी का हेड बनाया गया था और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की भी अहम भूमिका थी. ऐसे में अविनाश पांडे ने सभी कांग्रेस प्रत्याशियों का इंटरव्यू भी लिया था. इसलिए हरीश रावत ने अविनाश पांडे और देवेंद्र यादव को नाड़ी वैद्य बताया है, क्योंकि कांग्रेस को हार के कारणों की उनको ज्यादा जानकारी है. कुल मिलाकर हरीश रावत ने कांग्रेस की हार का पूरा ठीकरा अविनाश पांडे और देवेंद्र यादव के सिर मढ़ने का काम किया है.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पर मानमानी का आरोप लगा. इसलिए कई प्रत्याशी टिकट नहीं मिलने से बागी हो गए हैं, जिसमें सबसे बड़ा उदाहरण नैनीताल से सरिता आर्य और यमुनोत्री से संजय डोभाल है. सरिता आर्य को कांग्रेस ने टिकट नहीं दी. उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली और उनको नैनीताल से बड़ी जीत मिली. यमुनोत्री से संजय डोभाल को भी कांग्रेस ने टिकट नहीं दी, संजय डोभाल निर्दलीय ही चुनाव जीत गए.

गौर है कि हरीश रावत विधान सभा चुनाव 2022 में लालकुंआ सीट से हार गए, विधान सभा चुनाव में यह उनकी लगातार दूसरी बार हार है. विधान सभा चुनाव 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री होने के कारण उन्होंने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. जिसको देखते हुए पार्टी ने हार का सारा ठीकरा उनके सिर फोड़ा था. इसके उलट उन्होंने कुछ न कुछ राजनीतिक स्टंट करते हुए स्वयं को राजनीतिक रूप से जीवित रखा. विधानसभा चुनाव 2022 में भी पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाने में सफल रहे. जिसका परिणाम है कि पार्टी ने उनकी बेटी अनुपमा रावत को टिकट दिया और वह जीतकर विधान सभा पहुंच गयी है.

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Last Updated : Mar 22, 2022, 8:16 PM IST
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