ETV Bharat / bharat

विभाजन विभीषिका : सांसद मेनका गांधी बोलीं- हम भी रिफ्यूजी बनकर आए थे भारत, सदियों तक नहीं भरेगा जख्म

author img

By

Published : Aug 14, 2023, 4:46 PM IST

Updated : Aug 14, 2023, 5:15 PM IST

सुलतानपुर में सोमवार को विभाजन की विभीषिका (vibhajan vibhishika diwas) पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कई लोगों ने बंटवारे का दर्द बयां किया. सांसद मेनका गांधी और डीएम जसजीत कौर ने भी अपनी बात रखी.

Partition Horrors Remembrance day
Partition Horrors Remembrance day

सांसद मेनका गांधी ने भी बंटवारे से मिले दर्द को साझा किया.

सुलतानपुर : जिले में सोमवार को विभाजन की विभीषिका दिवस पर शहर के गुरुद्वारे में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के तौर पर डीएम जसजीत कौर और सांसद मेनका गांधी ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान सांसद ने बंटवारे का दर्द लोगों से साझा किया. कहा कि हमारे पिता क्वेटा से आए थे. हमने भी अपने रिश्तेदारों की मौत का दर्द सहा है. कुछ ट्रेन में मारे गए और कुछ का घरों में कत्ल कर दिया गया. हम भी रिफ्यूजी बनकर भारत आए थे. सदियों तक ये जख्म नहीं भरेंगे.

पाकिस्तान से भारत आया था परिवार : कार्यक्रम के दौरान सांसद मेनका गांधी ने कहा कि हमारा परिवार पाकिस्तान के मुनगुमरी से भारत आया था. करनाल और दिल्ली में हमें जमीनें दी गईं. हमारे पिताजी एटा से आए थे. हम विभाजन से पीड़ित रहे. हम ही उसका दर्द जानते हैं. हमारे कई रिश्तेदार आने-जाने में मारे जा चुके हैं. कुछ ट्रेनों में मारे गए कुछ घरों में. अभी कई सालों तक इसका दर्द हमारे जेहन में बना रहेगा. खुशी इस बात की है कि हमने एक ताकतवर देश बनाया है, एक मिसाल का देश बनाया है विश्व को दिखाने के लिए. विभाजन के बाद भी हम लोग तेजी से आगे बढ़े हैं. भारत समृद्ध हुआ है.

डीएम ने भी साझा किया बंटवारे का दर्द.

डीएम बोलीं-मेरा परिवार भी रहा है पीड़ित : कार्यक्रम में डीएम जसजीत कौर का गुरुद्वारा प्रबंधन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अभिनंदन किया. उन्हें स्मृति चिन्ह के रूप में तलवार भेंट किया गया. उन्होंने पौधा लगाकर विभाजन विभीषिका दिवस को यादगार बनाया. इस दौरान परिसर में बंटवारे से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. इन तस्वीरों को देखकर डीएम, एसपी समेत अन्य लोग गमगीन हो गए. विभाजन विभीषिका पट्टिका पर माल्यार्पण कर भारत आए लोगों के दर्द को बांटने का प्रयास किया गया. डीएम ने कहा कि मेरे परिवार समेत बहुत से ऐसे परिवार रहे जो विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए. उस दुख के पल को आज विभाजन विभीषिका कार्यक्रम में याद किया गया.

पीड़ितों ने बताई दर्द भरी बंटवारे की कहानियां.

ससुर ने ट्रेन की सीट के नीचे छिपकर बचाई थी जान : विभाजन की पीड़ा झेल चुके गदीश सिंह संत ने बताया कि मेरी पत्नी और मेरे ससुर बलूचिस्तान के क्वेटा में रहते थे. जब वह ट्रेन से भारत आने लगे तो उस दौरान लोगों को तलवार से काट दिया गया. सीट के नीचे छुपाकर किसी तरह उन्होंने जान बचाई. उनके ऊपर कई डेड बॉडी पड़ी हुई थी. भारत पहुंचने पर लोगों ने उन्हें जिंदा देखा. कई लोग ऐसे भी घर पहुंचे जिनका अंतिम संस्कार तक किया जा चुका था. वहीं विभाजन की विभीषिका से पीड़ित लाभकौर ने बताया कि रावी नदी पार कर किसी तरह हम लोग भारत आए थे. पाकिस्तान से हमें भगा दिया गया था. आज भी वह मंजर याद कर हम दर्द से कराह उठते हैं. बंटवारे का दर्द आज भी हमारे जीवन में बसा हुआ है.

इसके अलावा कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष आरए वर्मा, एसपी सोमेन वर्मा ने भी लोगों से दर्द साझा किया. इस अवसर पर महेंद्र जीत सिंह, डॉ रमाशंकर मिश्रा, आरएसएस विभाग प्रचारक रमेश, पूर्व जिलाध्यक्ष जगजीत सिंह, सुदीप पाल, सरदार दलजीत सिंह आदि लोग मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : जानवरों के इलाज के लिए आईपीडी की शुरुआत, होंगे ऑपरेशन, सांसद मेनका गांधी ने किया शुभारंभ

सांसद मेनका गांधी बोलीं, सुलतानपुर की माटी से दिल्ली में बनेगा शहीद स्मृति उपवन

Last Updated : Aug 14, 2023, 5:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.