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कितना खतरनाक है Omicron वेरिएंट और क्या हैं इसके लक्षण? जानिए चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर से

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Published : Nov 30, 2021, 9:13 PM IST

देश-दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के साथ ही कोरोना के नए-नए वेरिएंट ने वैज्ञानिकों की नींदें दी है. ऐसे में साउथ अफ्रीका में मिला ओमीक्रॉन वेरिएंट (omicron) भी खतरनाक बताया जा रहा है. इसे लेकर चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफेसर ने इस वेरिएंट के खतरे, इससे बचने के तरीके और लक्षणों के बारे में ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Chandigarh PGI Dr etv bharat
डॉ. सोनू गोयल

चंडीगढ़ : कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने दुनिया भर में तबाही मचा दी थी. कोरोना महामारी की वजह से लाखों लोगों की जान चली गई. वहीं कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन ने एक बार फिर से दुनिया के वैज्ञानिकों और चिकित्सा विशेषज्ञों की नींद उड़ा दी है.

साउथ अफ्रीका से चंडीगढ़ आए एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (Omicron in chandigarh) आने के बाद चंडीगढ़ में प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है. साउथ अफ्रीका से आए व्यक्ति के सभी परिजनों की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी. हालांकि किसी में भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (omicron) की पुष्टि नहीं हुई. कोरोना के इस नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई के प्रोफेसर सोनू गोयल से बातचीत की. जिसमें उन्होंने इस वेरिएंट के खतरे और बचाव के बारे में बताया.

चंडीगढ़ PGI के डॉक्टर

ईटीवी भारत से बात करते हुए डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि कोरोना का यह नया वेरिएंट साउथ अफ्रीका से शुरू हुआ और अब तक इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज करीब 13 देशों में मिल चुके हैं. हालांकि भारत में अभी तक इसका कोई भी मरीज सामने नहीं आया है.

डॉ. सोनू गोयल ने बताया कि नया वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि यह ज्यादा तेजी से फैलता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है. हालांकि अभी तक इस वायरस से संक्रमित जितने भी मरीज मिले हैं उनमें से किसी की मौत नहीं हुई है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि भविष्य में भी मौतें नहीं होंगी. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस से उतने बुरे हालात नहीं होंगे, जितने पहले हो चुके हैं.

सोनू गोयल ने बताया कि वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि यह वायरस जितनी तेजी से फैलता है, वह खतरनाक है और इस वायरस पर वैक्सीन भी कम कारगर साबित हो सकती है. हालांकि वैक्सीन बहुत सारे वायरसों पर रिसर्च करके बनाई गई है, लेकिन इस वायरस पर वह कितना काम करेगी, फिलहाल ये साफ नहीं है.

वहीं अगर भारत की बात की जाए तो यहां पर ज्यादातर लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, क्योंकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई है. इसके अलावा बड़ी जनसंख्या ने वैक्सीन भी लगवा ली है जोकि अच्छी बात है. जिससे भारत में इसका असर दूसरे देशों के मुकाबले कम होने की उम्मीद जताई जा सकती है.

कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षणों के बारे में बात करते हुए डॉ. सोनू गोयल ने कहा कि इसके लक्षण कोरोना जैसे ही हैं. जैसे- जुखाम होना, बुखार होना या गला खराब होना. लक्षणों को देखकर यह नहीं कहा जाता कि व्यक्ति ओमीक्रॉन वेरिएंट की चपेट में आ चुका है. क्योंकि उसके लक्षण पहले जैसे ही हैं.

सरकार अपने स्तर पर इसे फैलने से रोकने के लिए काम कर रही है. जैसे भारत सरकार ने कुछ देशों की लिस्ट तैयार कर दी है. उन देशों से आने वाले सभी यात्रियों का एयरपोर्ट पर ही टेस्ट होगा और टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें अस्पताल भेज दिया जाएगा. जहां पर उनका इलाज होगा व अन्य टेस्ट किए जाएंगे. वहीं अगर यात्री एयरपोर्ट पर नेगेटिव भी पाया जाता है तब भी उसे घर पर 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन रहना होगा. 7 दिन के बाद उसका फिर से टेस्ट किया जाएगा.

इसके अलावा सोनू गोयल ने कहा कि लोग भी अब ज्यादा लापरवाह हो चुके हैं. जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है, वो यह सोचकर दूसरी डोज नहीं लगवा रहे कि कोरोना अब खत्म हो चुका है. लोगों को जल्द से जल्द दोनों डोज लगवा लेनी चाहिए. अगर वैक्सीन का असर इस वेरिएंट पर कम होता है, लोग तब भी कम से कम अस्पताल जाने से बच जाएंगे और हालात इतने ज्यादा खराब नहीं होंगे. जितने दूसरी लहर के दौरान हो गए थे.

बता दें कि नए वेरिएंट के सामने आने के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को लेकर सतर्क हो गए हैं.

दक्षिण अफ्रीका की यात्रा कर लौटे यात्रियों को एयरपोर्ट पर उतरते ही क्वारंटाइन किया जा रहा है. भारत ने भी कई देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ओमीक्रॉन वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि 24 नवंबर को हुई थी.

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