लखनऊ : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार तड़के राजधानी के मदेयगंज के पकरिया इलाके (NIA Raids At PFI Premises) में जिन चार लोगों के घर छापेमारी की थी, वे यूपी, महाराष्ट्र व कर्नाटक में मदरसों, मस्जिदों और मुसाफिर खाना में कट्टरपंथी धार्मिक सभाएं कर युवाओं को कट्टरता की तरफ धकेल रहे थे. इन सभी का प्रतिबंधित संगठन पीएफआई और सिमी से संबंध है. इनमें से एक रिटायर्ड चिकित्साधिकारी बताया जा रहा है.
बुधवार सुबह 5 बजे एनआईए की टीम पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ मदेयगंज थाना से कुछ दूर स्थित पकरिया इलाके पहुंची और पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया. इस मोहल्ले में किसी भी बाहरी की एंट्री में रोक लगा दी गई. इस दौरान एनआईए ने चार घरों में एक साथ छापेमारी की. ये घर मास्टर शमीम, डॉक्टर ख्वाजा और मौलाना जमील के थे. एनआईए ने इन चारों से कई घंटों कड़ी पूछताछ की और उनके मोबाइल व लैपटॉप खंगाले, इसके बाद इन्हें कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया.
कट्टरपंथी धार्मिक संभाएं कर युवाओं को भड़का रहे थे : सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की जांच में सामने आया कि ये चारों पीएफआई के सहयोगी संगठन वहदत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हैं. ये सभी न सिर्फ लखनऊ बल्कि पश्चिमी यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मौजूद मदरसों, मस्जिदों और मुसाफिर खाना में कट्टरपंथी धार्मिक सभाएं करते थे. ये और इनके साथ इन सभाओं में युवाओं को कट्टरपंथी बनाते थे, इसके अलावा कट्टरपंथी साहित्य भी बांटते थे.