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एनजीटी ने सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड पर ठोंका 41 करोड़ रुपये का जुर्माना

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Published : May 7, 2022, 10:36 PM IST

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तेलंगाना स्थित सार्वजनिक उपक्रम सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड पर 41 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने कंपनी को तय सीमा से अधिक खनन करने और पर्यावरण शर्तों के उल्लंघन करने के कारण यह कार्रवाई की है.

Singareni Collieries NGT
Singareni Collieries NGT

नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन करने और तय सीमा से अधिक खनन करने के मामले में तेलंगाना स्थित सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) पर 41.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एससीसीएल सार्वजनिक उपक्रम है. जज के. रामकृष्णन और विशेषज्ञ सदस्य डॉ.सत्यगोपाल कोरलापति ने माइनिंग डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोरेट के निर्देश के मद्देनजर अतिरिक्त खनन पर जुर्माना राशि तय करने का आदेश भी दिया है. एनजीटी की पीठ ने स्टेट पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को भी निर्देश दिया कि अगर तीन महीने के भीतर सिंगरेनी कोलरीज कंपनी लिमिटेड (ACCL) जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसके खिलाफ बोर्ड को वसूली की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. इसके साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तेलंगाना पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को उन लोगों की पहचान करने को कहा है, जिनके मकानों को माइनिंग के लिए किए गए धमाकों से नुकसान हुआ है.

ट्रिब्यूनल ने कहा कि सिंगरेनी कोलरीज (ACCL) से वसूली गई राशि का इस्तेमाल कोयला खदान के आसपास रहने वाले लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए की जाए. एनजीटी का कहना है कि माइनिंग एरिया के पास रहने वाले लोग अवैध खनन और पर्यावरण मंजूरी की शर्तों के उल्लंघन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, इसलिए हर्जाने की राशि का एक हिस्सा आदिवासी बस्तियों के कल्याण में इस्तेमाल किया जाएगा. एनजीटी ने तेलंगाना के मुख्य सचिव, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष मुख्य सचिवों को कल्याणकारी योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. ट्रिब्यूनल ने कहा कि इन योजनाओं को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाना चाहिए.

पीठ ने कहा कि एससीसीएल को निर्देश दिया जाता है कि रेल पटरी बिछाने के काम में तेजी लाए और इसे पूरा करे. कोयले का ट्रांसपोर्टेशन सड़क मार्ग के बजाय रेलमार्ग से करने के लिए कदम उठाए. इसके लिए तय समय सीमा का अनुपालन करे जिसका जिक्र पयार्वरण मंजूरी देने के साथ किया गया है. एनजीटी ने यह आदेश तेलंगाना के सत्तुपल्ली गांव के निवासी बी.नंदू नायक की याचिका पर दिया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि एससीसीएल ने पर्यावरण मंजूरी का उल्लंघन किया है.

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