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Police Modernization Grant: राज्यों में पुलिस का आधुनिकीकरण, MHA करेगा अनुदान में कटौती

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Published : Apr 9, 2022, 9:23 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) देश के कई राज्यों में पुलिस आधुनिकीकरण अनुदान (Police Modernization Grant) में कटौती या कम करने की संभावना तलाश रहा है. क्योंकि संबंधित राज्य, अपने राज्यों के पुलिस स्टेशनों में बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

MHA
गृह मंत्रालय

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पुलिस आधुनिकीकरण अनुदान (Police Modernization Grant) जारी किए जाने के बावजूद देश के पुलिस स्टेशनों की हालत खस्ता है. भारत के कई पुलिस स्टेशनों में वाहन, टेलीफोन और वायरलेस कनेक्टिविटी तक की सुविधा नहीं है.

जबकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन, टेलीफोन और वायरलेस कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए, जो कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं. पुलिस आधुनिकीकरण अनुदान योजना (Police Modernization Grant Scheme) मुख्य रूप से कई स्मार्ट योजनाओं को सुविधा व सहायता के साथ अपने दायरे में लाना चाहती है. आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने बजट अनुमान (बीई) 2022-23 में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 2754.16 करोड़ रुपये की घोषणा की है.

कितना खर्च हुआ: विभिन्न उप-योजनाओं के तहत राज्यों को उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आधार पर केंद्रीय हिस्सा जारी किया जाता है. वर्ष 2021-22 के दौरान पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता योजना के तहत वास्तविक आवंटन 620.45 करोड़ रुपये था. जिसमें से 31 दिसंबर 2021 तक 89.17 करोड़ रुपये जारी किए गए. यह आवंटन छत्तीसगढ़ (5.44 करोड़ रुपये), कर्नाटक (31.43 करोड़ रुपये), राजस्थान (13.53 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (6.75 करोड़ रुपये) और उत्तर प्रदेश (32.02 करोड़ रुपये) हैं.

राज्यों में थानों की स्थिति: सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश भर के 257 पुलिस थानों में आंध्र प्रदेश अधिकतम (135) पुलिस स्टेशनों में वाहन नहीं हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश (75) का नंबर है. इसी तरह मणिपुर और मेघालय में नौ-नौ पुलिस थानों में, हिमाचल प्रदेश के आठ पुलिस थानों में, पंजाब के सात पुलिस थानों में वाहन नहीं हैं. इसी तरह भारत के 638 पुलिस स्टेशनों में टेलीफोन नहीं हैं. जिसमें असम 141 थानों के के साथ शीर्ष पर है. इसके बाद जम्मू कश्मीर 79, उत्तर प्रदेश 75, पंजाब 69, मणिपुर 64 का नंबर आता है.

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इस मुद्दे पर बात करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह (Prakash Singh Former DGP UP) ने कहा कि जिन राज्यों के पुलिस थानों में बुनियादी ढांचा तक नहीं है, उन राज्यों के खिलाफ कुछ सख्त कार्रवाई करना बहुत जरूरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार, हमेशा राज्य पुलिस बल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए अपना समर्थन देती है. लेकिन कई राज्य ऐसे हैं, जो धन का उपयोग करने में सक्षम नहीं है.

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